Arsh M Azeem 236 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arsh M Azeem 4 Mar 2021 · 1 min read सब मोह माया का संसार है अब किसको किससे प्यार है सब मोह माया का संसार है हर व्यक्ति सोचता है लाभ हानि अब जीवन एक व्यापार है सब मोह माया का संसार है रिश्ते अब... Hindi · कविता 2 2 1k Share Arsh M Azeem 4 Mar 2021 · 1 min read ज़मीर का सौदा जात मज़हब की आड़ में धोखा किए बैठे हैं कुछ लोग अपने ज़मीर का सौदा किए बैठे हैं कब कहां किससे क्या कहा इन्हे याद नहीं रहता और आप इनकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 654 Share Arsh M Azeem 19 Dec 2020 · 1 min read कोरोना तुम कब जाओगे मुश्किल में जान है हर शख्स परेशान है मुंह पे लगे है ढक्कन सांस लेना कहां आसान है इस घोर संकट से मुक्ति कब दिलाओगे बस एक ही प्रश्न है... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 47 681 Share Arsh M Azeem 17 Mar 2021 · 1 min read गलत जिसे गलत की आदत हो जाती है फिर उसे सही भी गलत लगने लगता है Hindi · तेवरी 1 562 Share Arsh M Azeem 2 Apr 2021 · 1 min read राब्ता है कोई शायद हमारे दरमियां राब्ता है कोई वरना किसी को इतना सोचता है कोई वो आंखों से होकर दिल तक पहुंच गया भला क्या यहां से भी रास्ता है कोई मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 524 Share Arsh M Azeem 7 Jul 2020 · 1 min read कोई अपना है दर्द की वजह भी कोई अपना है दर्द की दवा भी कोई अपना है ग़ैरों से वफ़ा की कोई उम्मीद ही नहीं लाज़िमी है बेवफ़ा भी कोई अपना है बीच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 495 Share Arsh M Azeem 2 Dec 2020 · 1 min read कांटों को केवल चुभ जाना आता है न खिलना आता है न मुरझाना आता है कांटों को तो केवल चुभ जाना आता है बड़े लोगों के दिल अक्सर छोटे ही होते हैं समंदर को कब किसी की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 489 Share Arsh M Azeem 5 Feb 2021 · 1 min read खुलूसो ऐतबार मोहब्बत की पहचान होते हैं खुलूसो ऐतबार मोहब्बत की पहचान होते हैं मोहब्बत न हो जिनमें वो रिश्ते बेजान होते है सिर्फ नज़रों का मिल जाना ही मोहब्बत नहीं है मोहब्बत के भी कुछ उसूलो... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 45 513 Share Arsh M Azeem 11 Jul 2020 · 1 min read वही कहानी दोहरा दी गायी आज फिर वही कहानी दोहरा दी गयी हादसा बनाकर हक़ीक़त छुपा दी गयी कहीं अपने दामन पे दाग़ न आ जाए इसलिए उसूलों पे मिट्टी चढ़ा दी गयी आज ख़ुदगर्ज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 6 524 Share Arsh M Azeem 27 Jun 2020 · 1 min read समझदारी 1- नफ़रत की तरफ़दारी ठीक नहीं मज़हब की ठेकेदारी ठीक नहीं खुद को सबसे बेहतर समझते हो आपकी यह समझदारी ठीक नहीं। 2- यहाँ कब बिगड़े हालात को सँभाला जाता... Hindi · मुक्तक 1 510 Share Arsh M Azeem 26 Jul 2020 · 2 min read मतलब परस्ती आज का दौर मतलब परस्ती के उरूज पर है इससे ज़्यादा ख़ुदगर्ज़ी लोगों में शायद कभी नही थी। बहुत कम लोग हैं जो अब भी खुद्दार हैं जो बिना किसी... Hindi · लेख 2 4 530 Share Arsh M Azeem 12 Jul 2020 · 1 min read ईमानदारी आज के दौर में ईमानदार लोग ढूँढे नहीं मिलते। ख़ुदगर्ज़ी के इस ज़माने में सौ में दो चार लोग ही ईमानदार होंगे। इन दो चार ईमानदार लोगों को भी लोग... Hindi · लेख 2 4 500 Share Arsh M Azeem 29 Jun 2020 · 1 min read क्या कमी रह गयी मुझसे क्या कमी रह गयी तेरी आँखों में नमी रह गयी आसमाँ की जो चाहत की दूर मुझसे ज़मी रह गयी ये कैसा इन्तज़ार दिया तुमने आँख खुली की खुली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 520 Share Arsh M Azeem 25 Mar 2021 · 1 min read दीवार पसंद नहीं किसी को है इज़हार पसंद नहीं किसी को है इन्कार पसंद नहीं चाहे मेरी तजवीज़ तुम कुबूल न करो लेकिन मुझे इसरार पसंद नहीं ज़रूरत के हाथों मजबूर हो जाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 490 Share Arsh M Azeem 14 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक ये अचानक धड़कनों पे किसका इख़त्यार हो गया ये दिल मेरा आखिर किस मर्ज़ मे गिरफ्तार हो गया ख्वाबों और ख्यालों मे रहने लगा है बस एक चेहरा आखिर ये... Hindi · मुक्तक 1 4 516 Share Arsh M Azeem 28 Jun 2020 · 1 min read दिखावा हैसियत कम है दिखावा ज़्यादा है हकीकत कम है छलावा ज़्यादा है लोग तुझसे बहुत मुतास्सिर नहीं हैं 'अर्श' बस तेरे नाम का शोर शराबा ज़्यादा है। Hindi · शेर 506 Share Arsh M Azeem 21 Nov 2020 · 1 min read बुलंदी पे क्या उड़ने लगे ज़रा सा बुलंदी पे क्या उड़ने लगे वो खुद को आसमा समझने लगे जो सोचते थे कि हमी से है सजर वो पत्ते भी शाखों से झड़ने लगे नए दौर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 514 Share Arsh M Azeem 22 Feb 2021 · 1 min read मेरे सवालों का जवाब मेरे सवालों का जवाब आना चाहिए क्यूं हो गए वो बेवफा बताना चाहिए दिल टूटता है तो टूटता है आदमी भी दिल किसी का भी नहीं दुखाना चाहिए कोई चिंगारी... Hindi · कविता 3 512 Share Arsh M Azeem 4 Apr 2021 · 1 min read खुशी मिलने लगी है बाज़ार में क्या वफ़ा नहीं है तुम्हारे मेयार में क्या तमाम उम्र गुजरेगी इंतज़ार में क्या लोग अब उदास कम ही दिखते हैं खुशी मिलने लगी है बाज़ार में क्या बड़ी टूटी टूटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 507 Share Arsh M Azeem 2 Mar 2021 · 1 min read सच सुनने की कुव्वत है चलो माना कि तुम्हे हमसे मोहब्बत है मगर ज़माने से टकराने की जुर्रत है हम वादा कर भी लें आने का लेकिन क्या तुम्हें हमसे मिलने की फुर्सत है मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 461 Share Arsh M Azeem 6 Aug 2020 · 1 min read कभी सोचता हूँ कभी सोचता हूँ दीपक बनूँ किसी घर को रौशन करूँ कभी सोचता हूँ फूल बनूँ किसी चमन में महका करूँ कभी सोचता हूँ सितारा बनूँ सदा आकाश में चमका करूँ... Hindi · कविता 1 1 486 Share Arsh M Azeem 30 Nov 2020 · 1 min read ज़ुल्म का शिकार बना देगी ज़ालिमों के ज़ुल्म का शिकार बना देगी इतनी खामोशी तुम्हे गुनाहगार बना देगी कितना भी उकसाएं तुम इत्तेहाद न तोड़ना ये सियासत हमारे बीच में दीवार बना देगी अपने हक़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 6 467 Share Arsh M Azeem 3 Jul 2020 · 1 min read अब चिंतन करना होगा बहुत कर लिया अंधाप्रेम अब चिंतन करना होगा सत्यता की कसौटी पर हर कथन परखना होगा मीठी से वाणी से मंत्रमुग्ध करके विफलताओं का दोष शत्रु पे धर के कहीं... Hindi · कविता 1 2 455 Share Arsh M Azeem 8 Apr 2021 · 1 min read यादों का खज़ाना तेरे ख़्याल से शुरू तेरे ख़्वाब पे ख़त्म बस इतना ही है मेरी रातों का फ़साना तेरी मोहब्बत में मिली है मुझे ये अमीरी तेरे एहसास की दौलत यादों का... Hindi · मुक्तक 487 Share Arsh M Azeem 13 Nov 2020 · 1 min read दुख उतना ही देना जितना सहा जा सके अपने जज़्बात छुपाकर चुप रहा जा सके दुख उतना ही देना जितना सहा जा सके मुझको भुलाने में हो गया तू कामयाब कोई जतन मुझे बता जो तुझे भूला जा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 464 Share Arsh M Azeem 7 Dec 2020 · 1 min read फिर इन्कलाब कब आएगा ये घपले घोटाले रिश्वतखोरी का चलन कब जाएगा कब जागेंगे हम देश में फिर इन्कलाब कब आएगा कब सुरक्षित और भयमुक्त होंगी देश में नारियां कौन उठाएगा यह बीड़ा यह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 470 Share Arsh M Azeem 8 Dec 2020 · 1 min read जवाब अब तक नहीं आया वो दिखाके सुहाने ख्वाब अब तक नहीं आया मेरे कुछ सवालों का जवाब अब तक नहीं आया बारिसें ठहर चुकी है बादल भी कब के चले गए जाने क्यूं निकल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 491 Share Arsh M Azeem 26 Jul 2020 · 1 min read एक दिन मरना तो है तमाम मुश्किलों से गुजरना तो है सफ़र मुश्किल है मगर करना तो है लम्बी उमर की उम्मीद अच्छी बात है मगर ऐ ज़िंदगी एक दिन मरना तो है Hindi · मुक्तक 2 451 Share Arsh M Azeem 21 Nov 2020 · 1 min read क्या लेकर आया वो आया तो क्या लेकर आया दर्द फिर एक नया लेकर आया मुझको जो मर्ज था रूहानी था वो जिस्मानी दवा लेकर आया Hindi · शेर 1 449 Share Arsh M Azeem 4 Dec 2020 · 1 min read सच बोलकर तो देखो कुछ देर सांस रोक कर तो देखो मौत के बारे में सोच कर तो देखो किससे क्या क्या बोल रहे हो अपने अल्फ़ाज़ तोल कर तो देखो हर बात बताना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 419 Share Arsh M Azeem 27 Mar 2021 · 1 min read सरकार तुम्हारे हाथ में जो चाहे फरमान करो सरकार तुम्हारे हाथ में जिसकी तुम चाहो सुनो दरबार तुम्हारे हाथ में जिसको चाहो सही कहो जिसको चाहो गलत खबरें तुम्हारे हाथ में अखबार तुम्हारे हाथ... Hindi · मुक्तक 463 Share Arsh M Azeem 27 Jun 2020 · 1 min read तो बात और थी दर्द के आलम में तुम आते बात और थी मैं फिसलता तुम हाथ बढ़ाते तो बात और थी तुमने हमेशा तन्हाई में ही पुकारा मुझको कभी महफ़िल में बुलाते तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 450 Share Arsh M Azeem 30 Jul 2020 · 1 min read जीते जी काहे मरते हो इतनी चिंता काहे करते हो यूँ जीते जी काहे मरते हो दुख मनाने से दुःख कम नही होता अपनी आत्मा पे फिर बोझ काहे धरते हो यूँ जीते जी काहे... Hindi · कविता 4 6 409 Share Arsh M Azeem 14 Apr 2021 · 1 min read मुक्तक वो पहले तो मिलने की कसमें खाने लगा और फिर बिछड़ने के फायदे गिनाने लगा वो महबूब नहीं था शायद कोई फरेबी था वक्त गुजरते अपनी औकात में आने लगा Hindi · मुक्तक 465 Share Arsh M Azeem 2 Jul 2020 · 1 min read बखूबी समझता हूँ फसाने और हकीकत को मैं बखूबी समझता हूँ आजकल की सियासत को मैं बखूबी समझता हूँ कि यह सय्याद परिन्दों पर मेहरबाँ क्यों है इतना अए ज़ालिम तेरी नीयत को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 407 Share Arsh M Azeem 6 Jul 2020 · 1 min read पहले तो तुम ऐसे न थे क्यूँ फेर लीं हमसे नज़रें क्यूँ दूर दूर रहने लगे हो क्या हुआ है क्यूँ बेरुख़ी दिखाने लगे हो पहले तो तुम ऐसे न थे क्यूँ हमसे बात अब करते... Hindi · कविता 1 414 Share Arsh M Azeem 21 Jul 2020 · 1 min read पता चलने लगा जब ग़मों का सिलसिला चलने लगा यहाँ कौन अपना है पता चलने लगा जुल्म का शिकार तो आवाम होगी ही हुकूमत में सरफिरों का दबदबा चलने लगा Hindi · मुक्तक 2 472 Share Arsh M Azeem 28 Jun 2020 · 1 min read झूठ अच्छे बुरे का फ़र्क़ फिर दिखाई नहीं देता है झूठ से भरे हों कान तो सच सुनाई नही देता है .......अर्श Hindi · शेर 401 Share Arsh M Azeem 15 Aug 2020 · 1 min read आज़ादी के अमर शहीदों काश होती तक़दीर मेरी कि तुमसे जुड़ता नाम आज़ादी के अमर शहीदों तुमको मेरा सलाम देशप्रेम में पागल थे वो आज़ादी के मतवाले झुके ना दुश्मन के आगे अपने सर... Hindi · गीत 2 414 Share Arsh M Azeem 29 Jun 2020 · 1 min read इतना वो याद आते हैं दिल के क़रीब रहने वाले जब नज़रों से दूर जाते हैं भूल ही जाते हैं खुद को हम इतना वो याद आते हैं उनके ही ख़्वाब उन्ही के ख़्याल अजब... Hindi · गीत 4 432 Share Arsh M Azeem 27 Jun 2020 · 1 min read दर्द अब थम नही रहा दर्द सहने का अब दम नही रहा और यह दर्द है कि थम नही रहा इतने सारे ग़म जो एक साथ मिले किसी बात का अब ग़म नही रहा मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 380 Share Arsh M Azeem 27 Jun 2020 · 1 min read अशआर 1- कड़ी धूप से पाला पड़ गया रंग चेहरे का काला पड़ गया एक ऐसी बबा फैली अचानक ज़माने भर में ताला पड़ गया। 2- यह गलफ़हमियों का अंधेरा छँटेगा... Hindi · मुक्तक 1 2 415 Share Arsh M Azeem 29 Jun 2020 · 1 min read मासूम अदना सी उम्र में ही जमाना सिखा दिया मुफलिसी ने मासूमो को कमाना सिखा दिया खुशी नही मिली उन्हे कभी हसने के लिए दर्द ने ही उनको मुस्कुराना सिखा दिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 419 Share Arsh M Azeem 28 Jun 2020 · 1 min read गुमाँ किसी काम का यह तकब्बुर गुमाँ नही होता ऊँचा उड़के भी परिन्दों का आसमाँ नही होता Hindi · शेर 385 Share Arsh M Azeem 6 Jul 2020 · 1 min read उम्मीदें पालकर बैठा हूँ बहुत उम्मीदें पाल कर बैठा हूँ खुद का बुरा हाल कर बैठा हूँ रिश्ते बेजान से तो होने ही थे रूहे ऐतबार निकाल कर बैठा हूँ टूट कर बिखर सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 386 Share Arsh M Azeem 26 Jul 2020 · 2 min read सकारात्मक सोच हम सब लोग दुःख से बचना चाहते हैं और शायद हम सही करते है लेकिन हमेशा सुख की आशा करते हैं यह शायद ग़लत करते हैं। बेशक ज़िंदगी में हमेशा... Hindi · लेख 2 1 437 Share Arsh M Azeem 27 Jun 2020 · 1 min read वादा वफ़ा करने का हुनर उसको आता नही वादा करता है मगर कभी निभाता नहीं सच बोलना शायद उसने सीखा ही नही वो झूठ बोलने से कभी बाज आता नही Hindi · शेर 425 Share Arsh M Azeem 30 Jul 2020 · 1 min read यह बला भी टल जाएगी न घबराओ दुःख की घड़ी निकल जाएगी हर बला की तरह यह बला भी टल जाएगी ये मुश्किलें, मुसीबतें ज़िंदगी का हैं हिस्सा सुख दुःख से मिलकर बना है हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 373 Share Arsh M Azeem 23 Jan 2021 · 1 min read तुम कितना सुख पाओगे दूसरों की टांग खींचकर तुम कितना उठ जाओगे औरों को दुख दे देकर तुम कितना सुख पाओगे अपने पापों को तुम छुपा लोगे दुनिया वालों से उस दिव्य दृष्टि से... Hindi · कविता 2 408 Share Arsh M Azeem 2 Jul 2020 · 1 min read शिकवा दर्दो गम का शिकवा नहीं करते यूँ जिन्दगी को रुसवा नहीं करते चाहे कितने भी दरिया समा जायें समन्दर कभी भी भरा नहीं करते Hindi · मुक्तक 2 405 Share Page 1 Next