Satish Sharma Tag: ग़ज़ल/गीतिका 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satish Sharma 16 Feb 2022 · 1 min read क्या से क्या क्या से क्या हो गए हम। कल कहाँ से चले थे अब कहाँ खो गए हम।। फूलों से वो बने घर । खुशबुओं के वो मंजर ।। माँ के चूल्हे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 203 Share Satish Sharma 2 Feb 2022 · 1 min read गुमराह कर रहा गुमराह खुद सरदार अब । कैंसे मंजिल पाएं , बरखुरदार अब ।। तोड़कर तटबंध सारे बह रही । इस नदी में है कहाँ मझधार अब ।। अपने अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 212 Share Satish Sharma 7 Jan 2022 · 1 min read मन की मन में ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ मन की मन में रह गई मेरे मन की बात । अवसर रही तलाशती, मैं तो सारी रात ।। सुने कौन पीड़ा मेरी , सब बेबस लाचार । किसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 340 Share Satish Sharma 8 Aug 2021 · 1 min read फायदा क्या है गली में बैठकर रोने से फायदा क्या है । मंजिल है दूर तो सोने से फायदा क्या है ।। है कौन शख्स जमाने में जो दागदार न हो । अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 404 Share Satish Sharma 25 Jul 2021 · 1 min read जय गणेश जय गणेश कलि कष्ट निकंदन। दीन दुखी जन के उर चंदन ।। चार भुजा शोभित अति सुंदर। शिव गौरी बिहरित मन मंदिर ।। वक्र तुंड लम्बोदर देवा । सकल जगत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 453 Share Satish Sharma 15 Jun 2021 · 1 min read कब तलक दर्दे गम को साथ लेकर कब तलक चलते रहोगे । अंतर्मन की वेदना में कब तलक जलते रहोगे ।। माना कि जो कुछ हुआ वह बुरा था,होना नहीं था ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 331 Share Satish Sharma 19 Jan 2021 · 1 min read आज कुछ आज कुछ बौने बड़े होने लगे हैं । बगल में आकर खड़े होने लगे हैं ।। रोज सुबह ओ शाम कदमों में रहे । सरों पर हीरे जड़े होने लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 187 Share Satish Sharma 26 Nov 2020 · 1 min read जब जब बादल जब जब बादल चाँद को ढकने लगते हैं । तब उसके सौ रूप चमकने लगते हैं ।। नाजुकता से पलते मोती सीपी में । बाहर घिसकर अधिक दमकने लगते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 220 Share Satish Sharma 17 Nov 2020 · 1 min read सड़कें निगल गईं.. सड़कें निगल गयी हैं सब गांव की गलियाँ । कदमों के निशां अब तो बीती बात हो गए ।। उड़ती थी जहाँ सांझ ढले गो धूलि सुहानी । पत्थरों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 527 Share Satish Sharma 9 Nov 2020 · 1 min read भूल उनसे अपनी भूल सुधारी भी न गई। कचड़े से भरी कोठी बुहारी भी न गई ।। मजदूर ले फरियाद को मीलों चले गए। पर उनसे उनकी टीस गुहारी भी न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 436 Share Satish Sharma 1 Nov 2020 · 1 min read रास्ता भी ढूंढ़ दूसरों को देखकर उस राह पर क्यों जा रहा है अपनी मंजिल देख उसका रास्ता भी ढूंढ देख रुख मझधार का तू अपनी कश्ती को चला पार तट के देख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 293 Share Satish Sharma 27 Oct 2020 · 1 min read जिस रस्ते से.. जिस रस्ते से जाते हैं सब तुम मत जाओ जैंसे पा लेते हैं वो सब तुम मत पाओ तिकड़म लगा तराने वाह वाही के जैंसे गा लेते हैं वो सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 455 Share Satish Sharma 14 Oct 2020 · 1 min read ऑंख से निकला ऑंख से निकला जो ऑंसू आग से भी कम नहीं । ऐंसे ऑंसू पोंछने का हर किसी में दम नहीं ।। गरीबों के घर लगी थी आग ही तो बुझाई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 191 Share Satish Sharma 13 Oct 2020 · 1 min read एक भूखे पेट को एक भूखे पेट को भरपेट खाना चाहिए । इतनी सी तहजीब तो हमको भी आना चाहिए ।। पंछियों को पिंजरों में क्यों कैद करके रख लिया । उनको भी स्वच्छंद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 210 Share Satish Sharma 6 Oct 2020 · 1 min read हर तरफ हर तरफ हँसने वाले खड़े हैं। भीड़ में ठसने वाले खड़े हैं ।। आग को न बुझा पाएंगे ये । धुंए में फँसने वाले खड़े हैं ।। छोड़कर प्यारा सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 350 Share Satish Sharma 28 Sep 2020 · 1 min read टिम टिम दीप दिनकर चला गया अस्ताचल सिमट गया किरणों का आँचल हारे थके चोंच ले दाने खग कुल लौटे सांझ सकारे टिम टिम दीप जले मेरे द्वारे करती नित संध्या का वंदन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 220 Share Satish Sharma 26 Sep 2020 · 1 min read मुझको अँधेरे में.. मुझको अँधेरे में रखा आप उजालों में रहे । वाह क्या खूब तुम रिश्ते निभाने वालों में रहे ।। जब जरूरत न थी । तब दिए जलाते रहे ।। घने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 207 Share Satish Sharma 23 Sep 2020 · 1 min read वो बेफिक्र हो कर वो बेफिक्र होकर के चलते रहे और आस्तीनों में सांप पलते रहे अगर देख लेते कभी गौर से तो होता न यह हादसा जो हुआ कभी आदमी दोष देता समय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 392 Share Satish Sharma 24 Aug 2020 · 1 min read उसके हिस्से का... उसके हिस्से का ज्यादा खुद का कम लगता है बहका बहका सा जाने क्यों मौसम लगता है खुशियों के बाजारों में रौनक तो रहती है दर्द भरे खाली हाथों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 528 Share Satish Sharma 29 Jul 2020 · 1 min read असमंज में असमंजस में बीत गए दिन न कर पाए कुछ भी तय जल का घट था जल में फूटा जल ही में हो गया विलय ताने बाने को संवारने में ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 367 Share Satish Sharma 25 Jul 2020 · 1 min read खुद के खुद के पांव के नीचे की अग्नि देखो दूजे के सिर पर जलती है जलने दो आग भस्म कर देगी ये तो निश्चित है जरा हवा को थोड़ा और तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 467 Share Satish Sharma 23 Jun 2020 · 1 min read न देख इस चमकती रेत में मोजों की रवानी न देख यह तो है सूखी नदी इसमें जरा पानी न देख जिसकी झोली में दुआओं का भरा भंडार है उसके दामन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 459 Share Satish Sharma 19 Jun 2020 · 1 min read बात क्या है क्यों अंधेरे में हो , बात क्या है ? दुःख के घेरे में हो , बात क्या है ? आज की डूबी किरण कल आयेगी रोशनी फिर से जहां पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 448 Share Satish Sharma 10 Jun 2020 · 1 min read धूप का सफर सफर धूप का है छाँव की तलाश करो । सुकूँ भरे हुये एक ठाँव की तलाश करो ।। क्या पता कब ये शहर छोड़ना पड़े यारो । इंसानियत से भरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 495 Share Satish Sharma 29 May 2020 · 1 min read गुमशुदा रास्ते गुमशुदा रास्ते हो गए मंजिलो के पते खो गए वो कहानी सुनाते रहे सुनने वाले सभी सो गए स्वप्न के बीज बोने चले पत्थरों पर मग़र बो गए लौटकर वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 260 Share Satish Sharma 21 May 2020 · 1 min read अनुभूति मन के बँधे हुए रिश्तों में हानि लाभ की बात नहीं है । भेदभाव से भरे हुए रिश्ते सुख की सौगात नहीं है ।। यूँ तो मेघ उमड़ते रहते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 220 Share Satish Sharma 20 May 2020 · 1 min read अनमेल के साथ अनमेल के साथ कब तक रहोगे । सूरज को यूँ चाँद कब तक कहोगे ।। जो चाहो किनारा , टकराना पड़ेगा । धाराओं के साथ कब तक बहोगे ।। यदि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 379 Share Satish Sharma 19 May 2020 · 1 min read दिशाहीन सिर पर रखा है बोझ और जा रहे हैं वो । जाना कहाँ है , ये भी तो मालूम नहीं है ।। सूखी रखी हैं रोटियां जो खाने के लिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 195 Share Satish Sharma 10 May 2020 · 1 min read अधूरा सफ़र न छोड़ो अभी यह अधूरा सफर है । मंजिल की थोड़ी कठिन रहगुजर है ।। चले जो निरंतर वो कहते यही है । कि कदमो से छोटी रही ये डगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 174 Share Satish Sharma 8 May 2020 · 1 min read असमंजस जिनकी पल में राय बदलती रहती है । असमंजस में जीवन सरिता बहती है ।। किसी झोंपड़ी में गर जाकर देखोगे । बुढ़िया बच्चों संग कहानी कहती है ।। हुक्मरान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 191 Share Satish Sharma 1 May 2020 · 1 min read मौत पे किसका वश चलता है मौत पे किसका वश चलता है । उगता हुआ दिनकर ढलता है ।। जिसको जितनी सांसें मिलती । उतना ही जीवन हासिल है ।। एक राह के सभी मुसाफिर ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 229 Share Satish Sharma 29 Apr 2020 · 1 min read आदमी होना जरूरी है आज फिर आदमी का आदमी होना जरूरी है । जो पाया है उसी में से ही कुछ खोना जरूरी है ।। उसके आंसू हुए पत्थर उसे खुश हाल न समझो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 201 Share Satish Sharma 28 Apr 2020 · 1 min read खुद से आंख चुराते क्यों हो । खुद से आंख चुराते क्यों हो । मन में भला छुपाते क्यों हो ।। तन के भीतर है कस्तूरी । वन में मृग भटकाते क्यों हो ।। सूखी सरिता की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 179 Share Satish Sharma 27 Apr 2020 · 1 min read कल के वीरान कल के वीरान आज हो गए गुलजार । वक़्त कभी एक सा नहीं रहता ।। बह जाती है बरसात में सूखी नदियां । कभी थम जाता है दरिया बहता ।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 271 Share Satish Sharma 25 Apr 2020 · 1 min read कैंसे सह जाते है लोग कम शब्दों में ऊंची बातें , कैंसे कह जाते है लोग । गुमसुम होकर दर्दे गम को , कैंसे सह जाते हैं लोग । अफवाहों के बहते दरिये , यूं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 178 Share Satish Sharma 20 Apr 2020 · 1 min read हर चेहरे के पीछे हर चेहरे के पीछे एक कहानी है । आंखों में आंसू की जगह पानी है ।। ऊंचे महलों में , जलती शमाओं ने । कुटिया के दीपक की कद्र न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 185 Share Satish Sharma 23 Sep 2019 · 1 min read कैंसे कैंसे लोग अरे आजकल नजर आ रहे , कैसे कैसे लोग । आसमान में उड़े जा रहे , कैसे कैसे लोग ।। चूल्हे चक्की छोड़ आधुनिक फैशन में डूबे । सड़क किनारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 222 Share Satish Sharma 30 Jan 2019 · 1 min read धजी के सांप धजी के सांप तो बनते बहुत है । पर धजी सांप की नहीं बनती ।। भर गए भेद कितने रिश्तों में । बेटे और बाप की नहीं बनती ।। पहनते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 215 Share Satish Sharma 19 Aug 2018 · 1 min read जरा देखिये.... ज़माने का कैंसा चलन है निराला जरा देखिये | उन्होंने ही काटा जिन्हे मैंने पला जरा देखिये || वो करते रहे हैं दुआ मेरे मरने की खातिर सदा | दिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 339 Share