शिवम राव मणि Language: Hindi 98 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 शिवम राव मणि 27 Jul 2020 · 1 min read यथार्थरूप भाग-३ चरित्र का व्याख्यान ना तो व्यग्र, ना ही सूझ-बूझ और ना ही ह्रदय की कोमलता कर सकती हैं जबकि व्यवहारिक तौर पर अस्तित्व का ज्ञान किसी के स्वभाव को अधूरा... Hindi · कविता 2 3 555 Share शिवम राव मणि 30 May 2020 · 1 min read ना अधूरा एक भी श्वास रहे ना अधूरा एक भी श्वास रहे मुझमें अब यही विश्वास रहे दुख रहे चाहें जितने भी मगर हमेशा सुख का अहसास रहे जीवन यूं ही हंसता रहे और गम का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 276 Share शिवम राव मणि 27 May 2020 · 1 min read यथार्थरूप भाग-२ मन को संकुचित कर, अपनी आवश्यकताओं को एक बीज की भाँती ह्रदय में दबाकर स्वार्थभाव से विहीन होते हुए, प्रकाश के समरूप एक उद्धृत स्वभाव जब विपदाओं में घिरकर प्रगति... Hindi · कविता 1 2 265 Share शिवम राव मणि 26 May 2020 · 1 min read नाज़ुक है जितने हालात नाज़ुक है जितने हालात, उतनी ही नाज़ुक तबीयत हो चली है, संसाधन के अभाव में, इंसानियत हताहत हो चली है। फँसे हैं ऐसे मझधार में, जहाँ बेबस हुई है जिंदगी-... Hindi · मुक्तक 1 4 235 Share शिवम राव मणि 26 May 2020 · 1 min read जान बैठे है जान बैठे है, हाँ , जान बैठे है अब हर कड़ियां और तल्ख़ियां जान बैठे है कि गिरकर अब नीचे ऊपर देखा नहीं जाता आंखों में दर्द है पलकें झुकाए... Hindi · कविता 1 226 Share शिवम राव मणि 24 May 2020 · 1 min read कोई जन्नत मुक़ाबिल नहीं रहा। कोई जन्नत मुक़ाबिल नहीं रहा, जब से ये जहन्नूम जाहिल नहीं रहा। ये वो जहन्नूम जो निगलता गया- आज हय भर का क़ातिल नहीं रहा।। Hindi · मुक्तक 1 241 Share शिवम राव मणि 23 May 2020 · 1 min read मुझे वो नज़रें बदलनी है मुझे वो नज़रें बदलनी है जो मेरी तरफ अचानक से मुड़ी है अपने आप को भींचती हुई जो मुझे अचम्भे से देख रही हैं दया का भाव लिए जो मुझे... Hindi · कविता 1 2 238 Share शिवम राव मणि 22 May 2020 · 1 min read बिखर गए अहसास बिखर गए अहसास जैसे कागजों के ढेर थे बिखर गए अहसास जैसे किताबों के बगैर थे बिखर गए है अहसास जैसे अतीत के दरपन थे बिखर गए अहसास जैसे रुकी... Hindi · कविता 1 2 326 Share शिवम राव मणि 21 May 2020 · 1 min read यथार्थरूप निश्छलता को जन्म देती हुई जब एक आस मन में ठहरती है तो चिंताओं के उष्ण में जलते हुए वह धूं-धूं करती दुविधाओं में तपकर तामस की तरह अभेद हो... Hindi · कविता 1 2 339 Share शिवम राव मणि 19 May 2020 · 1 min read छा गई उदासी चेहरे पर छा गई उदासी चेहरे पर तो दिखती है नज़ारों में कहीं मगर यार को मालूम न हो मैं हूं जो इन दरारों में कहीं कब से आफताब की उम्मीद लिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 232 Share शिवम राव मणि 13 May 2020 · 1 min read वो जो रह गई उन बातों का क्या वो जो रह गई उन बातों का क्या ? कहे कुछ और कुछ ख्यालों का क्या ? वजह वो न थी जो बस कह गये जो अभी भी है उन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 225 Share शिवम राव मणि 12 May 2020 · 1 min read है खोफ मंजर फैला हुआ है खोफ मंजर फैला हुआ डर का साया बिखरा हुआ सूनी पड़ी सड़कें और गालियां मातम ये कैसा छाया हुआ जीने की ये क्या रीत हुई नकाब ओढ़े चेहरा हुआ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 234 Share शिवम राव मणि 9 May 2020 · 1 min read एक बात मैं ओर कहूं क्या? एक बात मैं ओर कहूं क्या ? मन मैं गूंजा शोर कहूं क्या ? चुपके से बैठा वो अन्दर हाल उसका कमजोर कहूं क्या? कितनी ही बात छुपाये है दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 305 Share शिवम राव मणि 8 May 2020 · 1 min read हैरत नहीं की अब जान बेहतर है हैरत नहीं की अब जान बेहतर है मुझसे हुआ यह गुमान बेहतर है अदा की है ज़नाब कीमतें बहुत ही यूं ही नही आज ईमान बेहतर है जो हुआ तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 266 Share शिवम राव मणि 25 Apr 2020 · 1 min read थमी थमी सी जिंदगी थमी-थमी सी ज़िन्दगी में सब कुछ थम जाता है चाहे वो दरिया हो, वो भी ठहर जाता है सांसें धड़कनों के साथ होकर भी थम जाती है धड़कने खूब धड़क... Hindi · कविता 1 554 Share शिवम राव मणि 24 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक आज इस पल की एक आफत हुई है। साथ मेरे थोड़ी शरारत हुई है। यादों में कम, जिसे रटता हूं हर दम, ऐसी गुज़ारिश एक चाहत हुई है।। - शिवम... Hindi · मुक्तक 427 Share शिवम राव मणि 23 Apr 2020 · 1 min read अन्तः परिचय निरन्तर गहरे एक अन्धक सफर में मैंने एक रोशनी को पहचाना है जो झिलमिलाती हुई बहुत दूर, या नज़दीक मेरे कहां है? मुझे यह मालूम नहीं मगर मेरे और उसके... Hindi · कविता 1 1 340 Share शिवम राव मणि 6 Dec 2019 · 2 min read बीती रात पता है.... बीती रात एक सुकून का एहसास हुआ जब खुद को रजाई के भीतर समेटे हुए बचना चाहा एक ठिठुरती ठंड से लगा कि महफूज हूँ इन दो चादरों... Hindi · कविता 2 540 Share शिवम राव मणि 2 Aug 2019 · 1 min read ये तजुर्बा कुछ और है। चाहें सारा जहां छान लो,ये तजुर्बा कुछ और है सामने ख़ुदा है,मगर दिल ने कहा कुछ और है। ये नोबत ही तो है,जो चेहरे बदल देती है कल के किसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 347 Share शिवम राव मणि 16 Jul 2019 · 1 min read मै सिमटकर रहूँगा कब तक ? मै सिमटकर रहूँगा कब तक ? यूँ रात भर जगूँगा कब तक ? बदन दुखता है बैठे- बैठे मै चाँद को घुरूँगा कब तक ? एक दर्द उठता है रोजाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 339 Share शिवम राव मणि 11 Jul 2019 · 1 min read मैं इसे इशारे समझूं या क्या समझूं? मैं इसे इशारे समझूं या क्या समझूं? वक़्त के किनारे समझूं या क्या समझूं? रुककर अब तो बैठे है,सुकून भर कहीं राह पर मजारे समझूं या क्या समझूं ? सोचता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 406 Share शिवम राव मणि 8 Jun 2019 · 1 min read मै तो हूँ ही बेवकूफ मै तो हूँ ही बेवकूफ इन सब मामलों में प्यार के मामलों में लुभाने के मामलों में कोई रूठ जाए तो उसे मनाने के मामलों में आए अजनबी कोई सामने... Hindi · कविता 2 297 Share शिवम राव मणि 8 Jun 2019 · 1 min read उत्पीड़न मैंने वक्त की दीवारों से कुछ पूछा है, के अतीत के दरमियान क्या क्या रखा है। आज कटघरे मे उस घर की बात है जिसके हर ईंट पर कसीदा लिखा... Hindi · कविता 2 298 Share शिवम राव मणि 7 Jun 2019 · 1 min read कुछ अच्छे में, कुछ अजीब भी था कुछ अच्छे में, कुछ अजीब भी था , धुंधला-धुंधला वो करीब भी था । ना फहम हुआ, ना ही याद आया, ख्वाब था कोई या नसीब भी था । एक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 527 Share शिवम राव मणि 6 Jun 2019 · 1 min read जीवन दहा हो उसका ये भी आवाज़ ऊँची करें तो क्या भला हो उसका अगर तुम भी ऐसा करो तो जीवन दहा हो उसका। जिसके ऊपर उसके अम्बरों की सारी चिताएं देखीं थी जिसके... Hindi · कविता 2 524 Share शिवम राव मणि 5 Jun 2019 · 1 min read ?नादान हथेली नादान हथेलियों की उलझी राहें नादान हथेली में तुमको ढूंढते है किसी की आने की ना खबर है ना खबर थी पहाड़ों से आकर छूती हवा जो कयास भर थी... Hindi · कविता 2 509 Share शिवम राव मणि 5 Jun 2019 · 1 min read यह धड़कन दुनिया में केवल वहीं चीजें महफूज़ रही है जो कभी शोर नहीं करती मगर मेरी धड़कनें खूब आवाज़ करती है शायद इसलिए ये उतनी ही दुखती भी है आखिर ये... Hindi · कविता 1 397 Share शिवम राव मणि 2 Feb 2019 · 1 min read कभी गौर से देखा नहीं कभी गौर से देखा नहीं उन सड़कों पे वापस लौटकर जहां से रोज गुजरते थे घरौंदे से तालीम को लेने और तालीम को बोझा में भर जब वापिस लौटते तो... Hindi · कविता 1 525 Share शिवम राव मणि 14 Nov 2018 · 1 min read माई माई तेरा आँचल धूप में छांव जैसा माई तेरा दामन भंवर मे नांव जैसा माई मुझे चोट लगती है ऐसे न कहो माई तेरा गुस्सा प्यारा-सा घाव जैसा माई कुछ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 26 665 Share शिवम राव मणि 15 Aug 2018 · 1 min read जो असलियत है जो असलियत है अगर उनमें उतरे तो गहराईयां नापी नहीं जाती जो ख्याल है अगर उनको कहें तो कहावतें कहीं नहीं जाती। अगर देखूं आज़ ओर खुद को तो यादें... Hindi · कविता 1 298 Share शिवम राव मणि 8 Apr 2018 · 1 min read कहीँ आदत वो, कभी आफत हो बहर-122 22 122 22 कहीँ आदत वो, कभी आफत हो कि तुम्हेँ देँखे, कि ये शरारत हो फ़ज़ल थी शामेँ, डुबे अर्क जैसे चल और कहीँ फिर कहीँ नौबत हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 281 Share शिवम राव मणि 29 Nov 2017 · 1 min read ●•देखो तो उन्हें •● देखो तो उन्हें, वो कितना कह रहे हमने कुछ कहा, तो शायद ज्यादा कह दिया ※※※※※※※※※※※※※※※※※※※※※※※※※※※※※※ जश्न में वो और महदूद में हम रहे उन्होंने जो खींची, उन लकींरो को... Hindi · कविता 1 319 Share शिवम राव मणि 20 Nov 2017 · 1 min read चाहें ये अब्सार चाहें ये अब्सार खुले न खुले, एक ही बात है इनमें कोई नजर, आये न आये, एक ही बात है मैं दो को देख लूँ या जहान् को देख लूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 285 Share शिवम राव मणि 13 Nov 2017 · 1 min read ◼️◾▪️एक चेहरा नजर आया▪️◾◼️ ~~~~एक चेहरा नजर आया~~~~ हदों की हद लकीरें, लाँघनी कितनी आसान थी लाँघकर देखा, तो एक चेहरा नजर आया ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ कोई टोके मुझे इस तरह, कोई रोके मुझे इस तरह... Hindi · कविता 1 416 Share शिवम राव मणि 11 Nov 2017 · 1 min read इंतजार ~~~~~इंतजार~~~~~ किसी ने कहा इंतजार करो, वो जरूर दस्तक देंगे मेहनत तुम्हारी है, उसकी तस्वीर बनाओ, वो रंग भरकर जायेंगे -------------------------------------- कल-कल कर रहे पानी, कुछ मुझे भी बता दे... Hindi · कविता 1 249 Share शिवम राव मणि 8 Nov 2017 · 1 min read कैसी ये शिकायतें? कैसी ये शिकायतें? जरा आज कहिए दागी उतनी ही लगेगी जितनी पहले मिली थी कानाफूसियों का कहना जरा आज समझिए दिल पर उतनी ही बितेगी जितनी पहले सुनी थी शरीर... Hindi · कविता 1 395 Share शिवम राव मणि 4 Nov 2017 · 1 min read किससे कहूँ और कैसे कह दूँ? ************************************** किससे कहूँ और कैसे कह दूँ? कि वो नाराज़ है मेरे अन्दर ये लाज, आखिर कब तक रहेगी? ************************************** कोई खास मुझे मिले वक्त तन्हा, तो कह दूँ मैं... Hindi · कविता 1 609 Share शिवम राव मणि 17 Oct 2017 · 1 min read तुलसी मेरी एक खंडहर में मेरा ख्याल बसा है उजड़ी हुई आत्मा मे वह सच्चा-सा, भ्रम और मिथ सब लगा है फिसलते देख ऐसे मेरा घर आंगन कि बिखर गए है चोखट... Hindi · कविता 1 390 Share शिवम राव मणि 30 Sep 2017 · 1 min read तो आखिरी बार उछलती-झूमती उस भीड़ को आनन्द लेते उस वक्त को सीमाओं को लांघकर इन आंखो से देख लूँ, तो आखिरी बार ??? किसी तरह बात ना मानकर दहलीज का चोगा उतारकर... Hindi · कविता 1 401 Share शिवम राव मणि 26 Sep 2017 · 1 min read ऐ! मेरे साए ऐ! मेरे साए तू किसको साया देता है? कभी तन को छोड़ कभी मुझसे लिपट खोए मुझमेँ इस तरह सन्ध्या की ललित एहसास भी है अब कुछ छुअन का किरणेँ... Hindi · कविता 1 466 Share शिवम राव मणि 10 Sep 2017 · 1 min read जलन दहक उठी है ये सारी बस्तियाँ किसी के आग में जलन सी अब मच रही है कोयल की राग में दुख दुना हो जाता है दूसरों का हर हिसाब देखकर... Hindi · कविता 1 530 Share शिवम राव मणि 7 Jun 2017 · 1 min read एहसास को समझूँ मेरे घर पर आज छत है इसे मेँ देव की देन समझूँ जिसके ऊपर उपकार नहीँ उसके आज हर एहसास को समझूँ कोई तन पर बिखरे पसीने को पोछेँ कोई... Hindi · कविता 1 308 Share शिवम राव मणि 9 May 2017 · 1 min read मुझे देते है लोग दुआओँ की भीड़ मुझे देते है लोग दुआओँ की भीड़ मेरी तन्हाई को भरने मेँ पास आता है कोई इस तरह मेरी भलाई को रखने मेँ मुझे न देखो यूँ कि हो जायेँ... Hindi · मुक्तक 1 261 Share शिवम राव मणि 30 Apr 2017 · 1 min read जख्म क्या बताऊँ क्या हुआ है साथ, बस एक कश्ति-सी चल रही थी बाँट भी ना पाये जिसे, साथ मेँ वो जख्मोँ की बस्ती चल रही थी न तीर से, न... Hindi · कविता 1 491 Share शिवम राव मणि 24 Apr 2017 · 1 min read गुहार एक छोटा सा अर्भक हूँ मै,मुझे अपने हाथो से उठा दो अपने प्यार की छाँव मे,मेरे सारे घाव भर दो गिरा हूँ जमीन परइसे मेरा बिस्तरा बना दो दर्द है... Hindi · कविता 1 390 Share शिवम राव मणि 3 Apr 2017 · 1 min read डर रहा हूँ मै. अंधकार को देखकर,उजाला खो जाने से डर रहा हूँ मै एक आहट हो जाने पर सिसकियाँ भर ले रहा हूँ मै जरा-सी चोट लग जाने पर गुमचोट का इंतजार कर... Hindi · कविता 1 436 Share शिवम राव मणि 9 Mar 2017 · 1 min read ललाहित कलियो से जो फूल खिले उसे तोडने के लिए ललाहित हूँ मै पन्ने उधेड दिए है जो किताबो से मैने उसमे कुछ छिपाकर लिखने के लिए ललाहित हूँ मै ख्वाबो... Hindi · कविता 1 461 Share शिवम राव मणि 25 Jan 2017 · 1 min read नन्ही-सी जान देखो एक खिलखिलाती मुस्कान जन्म लेती हुई नन्ही-सी जान चमकती हुई आँखे है उन आँखो मे है तहजीब का ग्यान चेहरे पर एक खुशी है लेकिन उस जननी की आँखे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 546 Share Previous Page 2