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9 May 2020 · 1 min read

एक बात मैं ओर कहूं क्या?

एक बात मैं ओर कहूं क्या ?
मन मैं गूंजा शोर कहूं क्या ?

चुपके से बैठा वो अन्दर
हाल उसका कमजोर कहूं क्या?

कितनी ही बात छुपाये है
दिल का उसे चोर कहूं क्या?

हालात पे रोया करता है
क्या ये भी जोर जोर कहूं क्या?

बेदम हुआ कई जुर्रतों पे
बांधती हुई डोर कहूं क्या?

भटकती है आंखे यहां से वहां
नज़र का छोर कहूं क्या?

किस्सागोई अन्दाज़ लिए ‘मनी’
बकौल अपने ओर कहूं क्या?
– शिवम राव मणि

1 Like · 2 Comments · 271 Views
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