आर.एस. 'प्रीतम' Tag: कविता 281 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आर.एस. 'प्रीतम' 4 Jun 2022 · 1 min read #रिश्ते फूलों जैसे #रिश्ते फूलों जैसे इत्र बनेगा सूख गए तो, रिश्ते फूलों जैसे रखना। मीठापन ही रहे दिलों में, प्रेम-सुधा शब्दों में भरना।। क्रोधाग्नि दूध उफान जैसी, मौन रहो जल तुम बन... Hindi · कविता 5 2 325 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 May 2022 · 1 min read #मेरे मन #मालिनी छन्द मालिनी एक सम वर्ण वृत छन्द है। इसके प्रत्येक चरण में दो 'नगण' एक 'मगण' और दो 'यगण' के क्रम से 15-15 वर्ण होते हैं। प्रत्येक चरण में... Hindi · कविता 1 439 Share आर.एस. 'प्रीतम' 19 May 2022 · 1 min read #उषा खिलेगी, हद रात की है उषा खिलेगी, हद रात की है असीम भेटें, शुभ काम देता। मुकाम यादें, यह नाम देता।। सही विचारो, फल नेक होगा। सभी दिलों से, अभिषेक होगा।। सजे नज़ारे, जिस ओर... Hindi · कविता 305 Share आर.एस. 'प्रीतम' 24 Apr 2022 · 1 min read #पूज्य पिता जी पिता उजाला बन जीवन का, अँधियारा घोर मिटाए। परिवार हेतु निज सुख भूले, हर चिंता दूर भगाए।। माता धरती आकाश पिता, प्रतिपल में मंगलकारी। स्नेह सुधा का पान कराए, निश्छल... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 13 20 834 Share आर.एस. 'प्रीतम' 23 Mar 2022 · 2 min read $शहीदे-आज़म वीर भगतसिंह चालीसा #दोहे माता थी विद्यावती, किशनसिंह के लाल। बंगा लायलपुर ज़िला, जन्मे भगत मिसाल।। देशप्रेम साहस लिए, आन बान नित शान। भगतसिंह तुमसा नहीं, कोई और महान।। #चौपाइयाँ शत-शत नमन शहीदे... Hindi · कविता 1 178 Share आर.एस. 'प्रीतम' 18 Feb 2022 · 1 min read $प्यारा भारत #प्यारा भारत भारत भूमि है वीरों की, संस्कारों का अद्भुत ठाँव। शहर अनोखे यहाँ देखिए, देख लीजिए सुंदर गाँव।। देश-प्रेम की ख़ूब मिसालें, वेद पुराणों का है शोर। शाम रंगीली... Hindi · कविता 236 Share आर.एस. 'प्रीतम' 16 Feb 2022 · 2 min read $वीर/आल्हा छंद- प्यारा भारत #वीर/आल्हा छंद वीर एक सम मात्रिक छंद है। इसमें चार चरण होते हैं। इसके प्रत्येक चरण में 31-31 मात्राएँ होती हैं। हर चरण में यति सौलह, पन्द्रह (16,15) पर होती... Hindi · कविता 1 1k Share आर.एस. 'प्रीतम' 16 Feb 2022 · 1 min read $जीवन जीना सीखो $जीवन जीना सीखो किसी दिशा में जाकर देखो, पहरा पाओगे यम का। करो सामना डटकर हँसकर, आने वाले हर ग़म का।। दोष किसी को देना भूलो, निज सुख-दुख के कारण... Hindi · कविता 2 4 449 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Jan 2022 · 2 min read #साहस- पदपादाकुलक छंद #पदपादाकुलक छंद पदपादाकुलक एक सम मात्रिक छंद है। इसमें चार चरण होते हैं। इसके प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं। चरण के आदि में द्विकल अनिवार्य होता है और... Hindi · कविता 1k Share आर.एस. 'प्रीतम' 19 Nov 2021 · 1 min read सिक्ख धर्म के प्रथम गुरु बाबा नानक देव #सिक्ख धर्म के प्रथम/आदि गुरु बाबा नानक देव जय गुरु नानक देव की, बाबा संत सुजान। आदि सिक्ख गुरु बन किये, जग में कर्म महान।। चौदह सौ उनहत्तर सन में।... Hindi · कविता 1 512 Share आर.एस. 'प्रीतम' 9 Nov 2021 · 1 min read $ तरुवर-सम जीवन #तरुवर-सम जीवन पल्लव पुष्पों से सजे धरा, सुरभियुक्त आँगन होगा। रंगों से नयनों का संगम, हृदय तलक पावन होगा। श्वास-श्वास में मधुबन घुलकर, मन को अति हर्षाएगा; रिश्तों से शीतलता... Hindi · कविता 1 2 242 Share आर.एस. 'प्रीतम' 14 Oct 2021 · 1 min read $ 'हमें तो श्याम ही भाता' हमें तो श्याम ही भाता, ज़ुबां पे नाम ये आता। वफ़ा से जो पुकारा है, उसे देता सहारा है।। सुदामा द्वार जब आया, बड़ा था श्याम हर्षाया। सखा की पीर... Hindi · कविता 1 2 247 Share आर.एस. 'प्रीतम' 10 Oct 2021 · 1 min read $ स्वयं को पहचानो #स्वयं को पहचानो शक्ति रूप हैं आप, गुणों के मानो स्वामी। हीनभाव दो छोड़, दूर होंगी नाकामी।। लिए रोशनी भानु, चाँदनी हिमकर देता। मनुज करे श्रम नेक, सफलता हर छू... Hindi · कविता 2 423 Share आर.एस. 'प्रीतम' 3 Sep 2021 · 1 min read $हिंदी भाषा भारत माता के भाल की, हिंदी बिंदी एक। मान बढ़ाए ये देश का, सहज सरल बन नेक।। वैज्ञानिकता की मीत है, लिखो पढ़ो समरूप। ज्ञान भरा ये वाङ्मय लिए, मानो... Hindi · कविता 1 4 309 Share आर.एस. 'प्रीतम' 26 Aug 2021 · 1 min read #दोहे एवं चौपाइयाँ *#दोहे* एवं *चौपाइयाँ* तरुवर नीचे तरु घटे, फूले थोड़ी दूर। कर्म मनुज का भाग्य है, करे यही मशहूर। औलाद सही सब सही, रचे स्वयं निज गान। ग़लत हुई तो जो... Hindi · कविता 272 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 Jul 2021 · 1 min read $दोहे एवं चौपाइयाँ #दोहा सुप्त-शक्तियाँ जागती, मिले प्रेरणा नेक। पवनपुत्र में ओज था, जामवंत की टेक।। कठिन स्वयं को यहाँ समझना। दुख का कारण हृदय भटकना।। नीर नयन का हाथ तुम्हारे। बनो स्वयं... Hindi · कविता 2 2 461 Share आर.एस. 'प्रीतम' 28 May 2021 · 1 min read #बरसात ऐसी करना बादल काले मेघा जल बरसाओ , तपती धरती रेगिस्तान। आशाएँ तुमसे लगी हुयी , अभिनंदन सब करें किसान।। अंकुर को नयी जवानी दो , गुड़धानी का दो सम्मान। ताल नदी सब... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 6 335 Share आर.एस. 'प्रीतम' 27 May 2021 · 1 min read #बरसात धरा हुयी बेचैन तो , घन लाए बरसात को। प्रेम उसे ही सब कहें , समझे उर ज़ज़्बात को।। सूखे नद तालाब थे , तरुवर सभी उदास थे। खुशियाँ देने... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 431 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 May 2021 · 1 min read #शब्द-महिमा दो शब्द प्रशंसा के सुनके,फूले नहीं समाते हैं। संजीवनी शक्ति बनके ये,भाव नये उपजाते हैं।। सत्यकथन पर उर-शाबाशी,देना कभी न तुम भूलो; उत्साहित हो इन शब्दों से,कुछ अंबर छू जाते... Hindi · कविता 364 Share आर.एस. 'प्रीतम' 28 Mar 2021 · 2 min read #कविता//होली मुबारक ?दोहे? रीत प्रीत होली लिए , ओज मौज के रंग। कच्चा डालो रंग तन , पक्का हो मन संग।। खेल मेल उत्साह का , मद हद में शालीन। होली ऐसी... Hindi · कविता 6 748 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Mar 2021 · 1 min read #कविता//कविता क्या है? #कविता क्या है? #दोहे कविता चित का नूर है,आत्मा की आवाज़। उचित दिशा इंगित करे,समझा वो सरताज़।। शहद सरिस मीठी लगे,लगे कभी नमकीन। स्वाद काव्य से चेतना,भाव हरे सब हीन।।... Hindi · कविता 2 412 Share आर.एस. 'प्रीतम' 13 Mar 2021 · 1 min read #कविता//ऊँ नमः शिवाय! #दोहे जय शिव शंकर देव की , हरे सभी की पीर। करे वंदना ध्यान धर , रहे न भक्त अधीर।। बम-बम बोलो जोर से , मिलता देव प्रसाद। महादेव के... Hindi · कविता 1 745 Share आर.एस. 'प्रीतम' 17 Jan 2021 · 1 min read #कविता// 'ऐसा जीवन' #दोहे एवं चौपाइयाँ - 'ऐसा जीवन' पाप रहित मन कीजिए,शक्ति शील का संग। मीठा सच्चा बोलिए , खिले रहें उर अंग।। अपनों जैसे और हों , सबसे सम व्यवहार। मानवता... Hindi · कविता 2 4 284 Share आर.एस. 'प्रीतम' 3 Jan 2021 · 1 min read #कविता//प्रेम #प्रेम प्रेम कहूँ रूहों का मिलना , जुड़ना ख़ुशबू फूलों का। भूल हुई तो मान सुधारे , वो है दोस्त उसूलों का। बेचैन करे दूरी दिल को , मिलने को... Hindi · कविता 3 3 671 Share आर.एस. 'प्रीतम' 15 Dec 2020 · 1 min read #कोरोना काल #कोरोना काल साँस रोकले जकड़ फेफड़े,रोग संक्रमण का आया। कोरोना नाम वायरस का,घातक सबने बतलाया। दवा नहीं है हवा यही है,साँसों से बढ़ता जाए; चीन देश से आया भारत,गाँव शहर... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 54 922 Share आर.एस. 'प्रीतम' 13 Dec 2020 · 1 min read #कविता//प्यार #प्यार (उल्लाला छंद में) आँखों से आँखें मिली , प्यार हुआ दीदार में। सागर जैसा दिल लिए , डूबे मन विस्तार में।। इक दूजे के भाव इक , समझें हम... Hindi · कविता 2 457 Share आर.एस. 'प्रीतम' 12 Dec 2020 · 1 min read #कविता//प्रेम #प्रेम-उल्लाला छंद रहना सीखो प्रेम से , मज़ा नहीं तकरार में। ज़न्नत जैसा सुख मिले , प्रेम भरे व्यवहार में।। हृदय जीत ले प्रेम जो , शक्ति नहीं तलवार में।... Hindi · कविता 1 264 Share आर.एस. 'प्रीतम' 11 Dec 2020 · 1 min read #कविता//कड़वा सत्य जहान में #कड़वा सत्य ज़हान में - उल्लाला छंद दर्द पढ़ेगा कौन पर , व्यस्त सभी निज मान में। फूट डाल कर लूटते , ध्यान नहीं ईमान में।। चाहत वादे खोखले ,... Hindi · कविता 1 6 560 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 Oct 2020 · 1 min read #कविता//अरे! धनुष तो तुम तानो मंज़िल तक जाने को सबको , पथ में चलना पड़ता है। शोभा तभी अँगूठी में नग , मोती जड़ना पड़ता है।। यूँ ही नहीं सफलता मिलती , श्रम तो करना... Hindi · कविता 2 230 Share आर.एस. 'प्रीतम' 26 Oct 2020 · 1 min read #कविता//हयात कमालात #हयात कमालात बशर करो ख़ुद ही तदबीरें , तज उम्मीदें औरों से। कल यही कमालात तुम्हारे , बनें करिश्मा शोरों से।। ख़्वाह गैर भी इकबाल रखे , बेदार रहे हर... Hindi · कविता 2 305 Share आर.एस. 'प्रीतम' 12 Oct 2020 · 1 min read #कविता//सार्थक समूह शीर्षक - 'सार्थक समूह सुनने कुछ भाव सुनाने को,जनहित में ज्ञान बढ़ाने को। सदा समूह बने हैं जग में,नव पथ उचित दिखाने को। इक नदिया बहा विचारों की, सुघर अमर... Hindi · कविता 2 308 Share आर.एस. 'प्रीतम' 9 Oct 2020 · 1 min read #कविता//मानव तुम कमज़ोर नहीं(वीर/आल्हा छंद) “मानव तुम कमज़ोर नहीं” मानव तुम कमज़ोर नहीं हो , भाव लिए हो बस कमज़ोर। उठो हृदय में विश्वास भरो , मिट जाए संकट का दौर। बुद्धि शून्य ना होने... Hindi · कविता 2 278 Share आर.एस. 'प्रीतम' 9 Oct 2020 · 2 min read #दोहा और सोरठा छंदों की परिभाषाएँ एंव 'खेती और किसान' विषय के उदाहरण सोरठा और दोहा छंद की परिभाषा एवं 'खेती और किसान' विषय के उदाहरण- दोहा छंद-दोहा एक अर्द्ध सममात्रिक छंद है।इसमें चार चरण होते हैं।इसके विषम चरणों(प्रथम एवं तृतीय) में तेरह-तेरह... Hindi · कविता 2 1k Share आर.एस. 'प्रीतम' 16 Aug 2020 · 15 min read #कौन कहे अनजाना हूँ //सौ रुबाइयाँ # कौन कहे अनजाना हूँ//रुबाइयाँ 1. प्रेम लिए मस्ती में जीता , एक नया दीवाना हूँ। ग़म को ठोकर मार भगाऊँ , ताक़त का नज़राना हूँ। दूर चला जाऊँगा फिर... Hindi · कविता 6 5 881 Share आर.एस. 'प्रीतम' 11 Jul 2020 · 1 min read #कविता//पीड़ा कोई आह नहीं (चौपाई-दोहा छंद) #चौपाइयाँ/दोहे छिन सके नहीं प्यार हमारा। हमने खुद ही सब पर वारा।। मिलनसार है सीरत अपनी। मिलके खिलती सूरत अपनी।। घोर निराशा मिट जाएगी। इच्छा जब मुँह की खाएगी। भावुकता... Hindi · कविता 4 4 674 Share आर.एस. 'प्रीतम' 10 Jul 2020 · 1 min read #कविता//दादागिरी नहीं चली (#चौपाई छंद) चालाकी ने मुँह की खाई। गलवन राहें रास न आई।। पीछे अपना क़दम हटाया। चीन खड़ा होकर लज्जाया।। डोकलाम भी मिला नहीं था। चीनी धोखा चला नहीं था।। धोखा देकर... Hindi · कविता 4 4 368 Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 Jul 2020 · 1 min read #रुबाइयाँ//गुरु की महिमा गुरु से बढ़कर कौन धरा पर , जो मंज़िल दिखलाता है। खुद जलता है दीपक बनकर , पर तम दूर भगाता है। नहीं स्वार्थ निज मन में रखता , ज्ञान... Hindi · कविता 1 2 721 Share आर.एस. 'प्रीतम' 28 Jun 2020 · 1 min read #दिल का हुनर (#लावणी छंद) #लावणी छंद कहने सुनने से क्या होगा , बातों का असर चाहिए। आईने सी फितरत जिसकी , हमको वो नज़र चाहिए। मौसम-सा बदले जो पल-पल , हमें न दिल ज़िग़र... Hindi · कविता 4 490 Share आर.एस. 'प्रीतम' 13 Jun 2020 · 1 min read #प्रीतम की मुकरियाँ(02) शब्द-शब्द में माधुर्य भरा। जिसने मेरा मन हृदय हरा। शोभा देती जिसकी बिंदी, हे सखि साजन?ना सखि हिंदी। जिसके आते रौनक आए। तन-मन घर-आँगन खिल जाए। जिस बिन जीवन सूना... Hindi · कविता 1 284 Share आर.एस. 'प्रीतम' 12 Jun 2020 · 1 min read 'प्रीतम' की मुकरियाँ मीठा बोले मन आनंद भरे। आकर्षित अपनी ओर करे। दूर करे वो तन-मन बोझिल, हे सखि साजन?ना सखि कोकिल। सुंदर अपना रूप बनाकर। बस जाए आँखों में आकर। हरता जाए... Hindi · कविता 1 2 288 Share आर.एस. 'प्रीतम' 7 Jun 2020 · 1 min read #सच्ची पूजा आत्मा की (#हरिगीतिका) ईश्वर के पूजन से पहले, अमर आत्मा पूजिए। बिन माँगे सही दिशा देगी, और क्या फिर चाहिए।। पत्थर में हरि नहीं मिलेगा, भ्रमित मन ना कीजिए। आत्मा हरि का अंश... Hindi · कविता 2 2 370 Share आर.एस. 'प्रीतम' 31 May 2020 · 1 min read #वीरों की पहचान (#वीर/आल्हा) देखो मत तुम दाग़ चाँद में , मिला चाँदनी का अहसान। ठोकर खाकर मंज़िल पाई , उस ठोकर पर दिल कुर्बान।। वक़्त परीक्षाएँ लेकर ही , करता आया सदा महान।... Hindi · कविता 2 2 327 Share आर.एस. 'प्रीतम' 29 May 2020 · 1 min read #नारी अब अबलापन छोड़ो(#वीर/आल्हा) नारी अब अबलापन छोड़ो, सबला बनकर भरो हुँकार। जो भी देखे तुच्छ नयन से, रणचंडी का लो अवतार।। चारों ओर दरिंदे बैठे, लाचारी पर करने वार। बिजली बनके टूट पड़ो... Hindi · कविता 4 2 647 Share आर.एस. 'प्रीतम' 7 May 2020 · 1 min read कविता//कूचे में महबूब है #कूचे में महबूब है मीठा मीठा बोलिए संग सभी के डोलिए चार दिनों की ज़िंदगी मौज़ वफा सब कीजिए हर मौसम रंगीन है जीवन तो नमकीन है वैर नहीं तू... Hindi · कविता 3 2 432 Share आर.एस. 'प्रीतम' 6 May 2020 · 1 min read मोती के मोती शिक्षा के बिना प्रेरणा का , औचित्य नहीं होता है। अँधा देखे आईना तो , वो फल शून्य पिरोता है। भैंस नहीं नाचेगी धुन पर , तुम बीन बजाओ कितनी।... Hindi · कविता 1 306 Share आर.एस. 'प्रीतम' 6 Apr 2020 · 1 min read धर्म क्या है? धर्म क्या है? -------------- धर्म त्याग परोपकार सिखा,इस जीवन को शांत बनाए। मार्ग अहिंसा का देकर ये,मानव मन मधुकांत बनाए।। संवेदनशील हृदय करता, पर पीड़ा में शोकाकुल हो। संग चले... Hindi · कविता 1 2 351 Share आर.एस. 'प्रीतम' 31 Mar 2020 · 1 min read "समय की पुकार" (सामयिक रचना) स्वस्थ रहें सुरक्षित रहेंगे,घर ही अब मौज़ ठिकाना। धार्मिक नगरी घर को समझो,पढ़ें यहीं वेद कुराना। कोरोना राक्षस हारेगा,दूरी को कवच बनाना। कर जोड़ नमस्ते करना सब,हाथ भूलके न मिलाना।... Hindi · कविता 297 Share आर.एस. 'प्रीतम' 29 Mar 2020 · 1 min read मज़बूरी जीवन दूरी न बन जाए ?मज़बूरी जीवन दूरी न बन जाए? --------------------------------------------- दर - दर भटकें ठोकर खाते , बहुत बुरी है लाचारी। रोजगार ना घर ही मिलता , संकट जीवन में भारी। आँसू आहें... Hindi · कविता 235 Share आर.एस. 'प्रीतम' 23 Mar 2020 · 1 min read कोरोना शत्रु है कोई मज़ाक नहीं सुनो!मज़ाक उड़ाने वालो,नियम तोड़ के जाने वालो। कोरोना विस्तार बढ़ा है,अफ़वाहों का अंबार नहीं।। छोटी ग़लती बड़ी न करना, ध्यान बात पर पूरा धरना, आदेशों को मानों सारे, बहुत बुरा... Hindi · कविता 2 4 491 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Mar 2020 · 1 min read बैबी डोल यहाँ-वहाँ मत डोल(कनिका कपूर) बैबी डोल!यहाँ-वहाँ डोल,- कर आई कितनों का डिब्बा गोल। तू कपूर-कपूर-सी उड़ती, नहीं समझती है जीवन का मोल। दहशत में हैं अब वो सारे, अरे!जो आए सम्पर्क तुम्हारे। हम डूबे,तुम्हें... Hindi · कविता 1 183 Share Page 1 Next