अंतरात्मा की आवाज ही ईश्वर की प्रेरणा है ।उसका अनुसरण न करते हुए हम मन के अधीन होकर कार्य करने के लिए बाध्य होते हैं , जिसके परिणाम हमें भोगने पड़ते हैं। हर प्राणी मात्र की आत्मा में ईश्वर का वास होता है जिसे हम भूल कर पारलौकिक जगत में ईश्वर की तलाश मैं अपना समय एवं शक्ति व्यर्थ नष्ट करते। हमारे महान संतो नानक रैदास और कबीर के वचन इसकी पुष्टि करते हैं।
सद् भाव , सुविचार , सदाचार , सद् व्यवहार , ही सफल जीवन के तत्व हैंं। धैर्य एवं आत्मविश्वास संकटों से जूझने की एवं जीवन पथ पर अग्रसर होने के प्रेरणा स्रोत हैं।
आत्म दर्शन युक्त सुंदर प्रेरक प्रस्तुति ।
सत्य वचन !
अंतरात्मा की आवाज ही ईश्वर की प्रेरणा है ।उसका अनुसरण न करते हुए हम मन के अधीन होकर कार्य करने के लिए बाध्य होते हैं , जिसके परिणाम हमें भोगने पड़ते हैं। हर प्राणी मात्र की आत्मा में ईश्वर का वास होता है जिसे हम भूल कर पारलौकिक जगत में ईश्वर की तलाश मैं अपना समय एवं शक्ति व्यर्थ नष्ट करते। हमारे महान संतो नानक रैदास और कबीर के वचन इसकी पुष्टि करते हैं।
सद् भाव , सुविचार , सदाचार , सद् व्यवहार , ही सफल जीवन के तत्व हैंं। धैर्य एवं आत्मविश्वास संकटों से जूझने की एवं जीवन पथ पर अग्रसर होने के प्रेरणा स्रोत हैं।
आत्म दर्शन युक्त सुंदर प्रेरक प्रस्तुति ।
साधुवाद !
हार्दिक अनंत आभार आदरणीय ..?