डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 119 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल 1222 1222 1222 1222 काफ़िया- आर रदीफ़- हो जाना बहुत महँगा पड़ा मुुझको सनम से प्यार हो जाना। मुहब्बत में खुला व्यापार -औ-अख़बार हो जाना। निगाहें जब मिलीं उनसे नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 272 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Jun 2020 · 7 min read गजल "बेबसी" दिलदार की मुहब्बत बेज़ार लग रही थी। हर हार आशिक़ी में स्वीकार लग रही थी। उजड़े हुए चमन की काँटों भरी कहानी हालात से मुझे भी लाचार लग रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 305 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 12 Nov 2018 · 4 min read ग़ज़ल ग़ज़ल काफ़िया-आर रदीफ़-बिकते हैं अजब मालिक की दुनिया है यहाँ किरदार बिकते हैं। कहीं सत्ता कहीं ईमान औ व्यापार बिकते हैं। पड़ी हैं बेचनी सांसें कभी खुशियाँ नहीं देखीं निवाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 268 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल "दास्ताने इश्क" वक्त नासूर बन कर ठहर जायेगा। दर्दे-ग़म आँसुओं में उतर जायेगा। दास्ताँ हाले दिल की कभी तो सुनो दर्द उठ-उठ के देखो सिहर जायेगा। आप खुदगर्ज़ निकले न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 375 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल "दास्ताने इश्क" इश्क नासूर बन कर उभर जायेगा। दर्दे-ग़म आँसुओं में उतर जायेगा। दास्ताँ हाले दिल की कभी तो सुनो दर्द उठ-उठ के देखो सिहर जायेगा। आप खुदगर्ज़ निकले न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 242 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Feb 2020 · 1 min read 'बेरहम वक्त' (ग़ज़ल) 'बेरहम वक्त' याद मन को आज बहलाती नहीं दर्द की ग़ज़लें सनम भाती नहीं। बेरहम था वक्त छीना शहर भी लापता पहचान मुस्काती नहीं। प्रीत की मैं वेदना कैसे सहूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 216 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'इश्क की होली' किनारा कर लिया जग से मगर मन पीर रखते हैं। जलाकर इश्क की होली जख़्म गंभीर रखते हैं। हवा का तेज़ झोंका ले उड़ा यादें जवानी की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 221 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल मचलती हसरतें 1222 1222 1222 1222 करें कातिल ज़माने को नज़र में धार होती है। अदावट ही मुहब्बत का यहाँ आधार होती है। सुनाने जब लगे जलसे में आकर वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 239 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 30 Jun 2017 · 1 min read "बारिश में" "बारिश में" ******** बह्र-१२२२ १२२२ १२२२ २२ काफ़िया- आना रदीफ़-बारिश में गिराके चिलमनें मुखड़ा छिपाना बारिश में। बनाती आशिकों को ये निशाना बारिश में। अदा में शोखियाँ जुल्फ़ें लटकती नागिन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 748 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल *ज़माने बीत जाते हैं* कभी उल्फ़त निभाने में ज़माने बीत जाते हैं। कभी मिलने मिलाने में ज़माने बीत जाते हैं। कभी वो दर्द देते हैं कभी नासूर बनते हैं कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 272 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Nov 2018 · 1 min read ग़जल "आप गली भूल गए" --------------------------- गैर के साथ चले राह कई भूल गए। जो हमें याद रहे आज वही भूल गए। आपकी याद उदासी बनी इन आँखों की प्रेम का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 384 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल 1222 1222 1222 1222 काफ़िया- आर रदीफ़- हो जाना बहुत महँगा पड़ा मुुझको सनम से प्यार हो जाना। मुहब्बत में खुला व्यापार -औ-अख़बार हो जाना। निगाहें जब मिलीं उनसे नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 277 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल 212 212 212 212 "देखते-देखते जल रहा है मकाँ देखते-देखते। मिट गया आशियाँ देखते-देखते। फ़ासले हो गए दूर हम से गए हो गया दिल धुआँ देखते-देखते। था भरोसा दगा वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 295 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल "रस्म-उल्फ़त" रूँठना भी है अदा उनको मनाना चाहिए। फ़ासलों को दूर कर नज़दीक आना चाहिए। मानकर अधिकार अपना की शिकायत आपसे माफ़ कर उनकी ख़ता को मुस्कुराना चाहिए। तार वीणा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 263 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल 221 2122 221 2122 "बेबसी" दिलदार की मुहब्बत बेज़ार लग रही थी। हर हार आशिक़ी में स्वीकार लग रही थी। उजड़े हुए चमन की काँटों भरी कहानी हालात से मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 460 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'बेरहम वक्त' याद मन को आज बहलाती नहीं दर्द की ग़ज़लें सनम भाती नहीं। बेरहम था वक्त छीना शहर भी लापता पहचान मुस्काती नहीं। प्रीत की मैं वेदना कैसे सहूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 379 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Nov 2021 · 1 min read गंगा गीतिका 'गंगा' मात्रा भार-16, 11 1. भगीरथ अवनि से जा पहुँचे, स्वर्गलोक के द्वार। देवभूमि से गंगा लाए, तारन को परिवार। 2. देख कठिन प्रण सुत दिलीप का, देव हुए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 236 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 7 May 2017 · 1 min read "किसकी पराजय?" "किसकी पराजय?" चली उम्मीद की आँधी जना जब पुत्र माता ने बजी शहनाइयाँ घर में दिया कुलदीप दाता ने। सजा अरमान की डोली झुलाया लाल को पलना पिता ने थाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 297 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 May 2017 · 1 min read "कहाँ इंकार करता हूँ" "कहाँ इंकार करता हूँ" बहर- १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ रदीफ़ करता हूँ काफ़िया- आर सुनाके हाल दिल का आपसे इकरार करता हूँ। मुहब्बत है अजी कब आपसे इंकार करता हूँ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 277 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 May 2017 · 1 min read "ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है" "ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है" बह्र-२१२२ १२१२ २२ काफ़िया-आनी रदीफ़-है ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है। प्यार में दर्द ही निशानी है। हसरतें क्यों ज़ुबाँ पे'आई हैं साँस थमती नहीं दिवानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 226 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 May 2017 · 1 min read "ज़िंदगी ज़ख्म की कहानी है" "ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है" बह्र-२१२२ १२१२ २२ काफ़िया-आनी रदीफ़-है ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है। प्यार में दर्द ही निशानी है। हसरतें क्यों ज़ुबाँ पे'आई हैं साँस थमती नहीं दिवानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 510 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 May 2017 · 1 min read "बेरुखी" "बेरुखी" रदीफ़--बैठे हैं काफ़िया-आके दिखाते बेरुखी चिलमन गिराके बैठे हैं । मिजाज़े बादलों सा रुख बनाके बैठे हैं। नज़र में शोकियाँ दिखती अदा में उल्फ़त है गुलाबी हुस्न में काँटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 298 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 May 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आत रदीफ़- करती है बह्र- 1222 1222 1222 1222 हया से मुस्कुराकर वो नज़र से बात करती है। पिला कर जाम नज़रों का सुहानी रात करती है। बहारों से चुरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 225 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-ई रदीफ़-नहीं आती 2122 1212 22 आँख रोती नमी नहीं आती। बेवफ़ा है खुशी नहीं आती। रौंद के ज़िस्म को मसल डाला होठ पे अब हँसी नहीं आती। शाख से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 224 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल 'मुहब्बत' काफ़िया-ओं रदीफ़-से वज़्न- 1222 1222 1222 1222 किया क़ातिल निगाहों ने मिलीं जब ये निगाहों से। मुहब्बत हो गई हमको तुम्हारी इन अदाओं से। सुनाने जब लगे तुम बज़्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 266 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल "आज़मा कर देखना" याद में मेरी कभी ख़ुद को भुलाकर देखना। ख़्वाब आँखों ने बुने उनको चुराकर देखना। गीत होठों के सभी क्यों आज बेगाने हुए रख भरम में आप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 388 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल 212 1222 212 1222 "भूल नहीं पाते हैं" दर्द को छुपा जग से होंठ मुस्कुराते हैं। बेवफ़ा सनम हमको नींद में सताते हैं। याद जब करूँ लम्हे टूट कर बिखर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 194 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल "दिलकश यौवन" 1222 1222 1222 1222 नज़ाकत शोखियों ने रूप यौवन का सँवारा है। तुम्हारी सादगी के हुस्न ने चंदा नकारा है। खिली मुस्कान अधरों पर छटा जैसे बहारों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 225 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल *आप हमें भूल गए* गैर के साथ गए मेरी कमी भूल गए। जो हमें याद रहे आज वही भूल गए। घूमते आप फिरे रोज़ नई महफ़िल में दी सज़ा आपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 219 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल 'नसीहत' अजब नादान उल्फ़त ने गढ़ी अपनी कहानी है। लिखा हर हर्फ़ आँसू से ग़ज़ल ही तरजुमानी है। अभी हर ज़ख्म गहरा है यहाँ ख़ूने तमन्ना का जुनूने इश्क में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 275 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल "लिखूँ ए दिल बता क्या मैं" लिखूँ ए दिल बता क्या मैं बड़ा दिलकश फ़साना था। नहीं मैं भूलता उसको वही मेरा खज़ाना था। बहुत खुशियाँ मिलीं मुझको सनम मासूम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 231 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल "सुनाता हाले दिल अपना" सुनाता हाले दिल अपना मगर सबसे छुपाना था। तुझे मालूम है ए दिल बड़ा दिलकश फ़साना था। छिड़ी है बात उल्फ़त की दबे अहसास जागे हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 241 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल 'शायरी अपनी जगह' आशिकी अपनी जगह है बेकशी अपनी जगह। मुफ़लिसी अपनी जगह है बेबसी अपनी जगह। था मुकम्मल प्यार उनका बेवफ़ाई कर गए ख़त जला यादें दफ़न कीं शायरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 254 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल "लाज़मी है" ज़िंदगी बोझिल हुई है गुनगुनाना लाज़मी है। रिस रहे रिश्ते यहाँ मरहम बनाना लाज़मी है। गेसुओं से अब झरे शबनम नहीं रुख़सार पर मोतियों से माँग धरती की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 219 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Feb 2019 · 1 min read ग़जल नज़र के तीर से घायल यहाँ हर दिल धड़कता है। बना गिरगिट जहां में आदमी फ़ितरत बदलता है। समंदर आँख में गहरा मगर है तिश्नगी बाकी बसा शैतान को घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 280 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Feb 2019 · 1 min read ग़ज़ल नहीं हो बाजुओं में दम वही कायर निकलते हैं। जिन्हें परवाज़ पर हो नाज़ वो बे-पर निकलते हैं। रहे भूखे नहीं दो जून की रोटी जुटा पाए बचा ईमान को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 295 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल 2122 1212 22/112 सिर्फ़ इस बात का गिला मुझको। खुद-ब-खुद वो डुबा रहा मुझको। बेवफ़ा यार गैर सा निकला दाग़ मेरे दिखा रहा मुझको। भूल जाती भुला नहीं पाई अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 207 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल 1222 1222 1222 1222 बारिश हमारी माँग मोती से सजाने आ गई बारिश। तुम्हारे नाम की चुनरी उड़ाने आ गई बारिश। धरा बेचैन होकर देखती थी रास्ता घन का हरित... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 226 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल *बारिश* कँटीले तीर के खंजर चलाने आ गई बारिश। तबाही का हमें मंज़र दिखाने आ गई बारिश। लिपट कर ख़्वाहिशें दिल से फ़फ़क कर रो न पाईं थीं तुम्हारी प्रीत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 238 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल *धोखा* 2122 1212 22/112 बस इसी बात का गिला मुझको। हर कदम पर मिला दग़ा मुझको। बेवफ़ा यार गैर सा निकला दाग़ मेरे दिखा रहा मुझको। खा गई प्यार में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 487 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल *फ़रेबी* फ़रेबी जात का आशिक वफ़ा को आजमाता है। जिसे कल फ़िक्र थी मेरी वही दिल को सताता है। सनम की याद के अहसास मेरे चाँद, तारे हैं ज़माने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 216 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल एक प्रयास 122 122 122 122 कभी झूठ जग से छुपाया न जाए। छुपा कर दिलों में दबाया न जाए। लगी चोट दिल पे किसी के सितम से उसे पीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 221 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल किसी-किसी की नज़र आसमान होती है। हसीन ख्वाब जमीं शादमान होती है। जिन्हें है खौफ़ नहीं रास्तों की मुश्किल का बला का जोश इरादों में जान होती है। यहाँ जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 224 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल गिरगिटों सी आदमी की आज फ़ितरत हो गई। बेइमानों की जहाँ में रोज़ इज़्ज़त हो गई। दे दग़ा महबूब ने जागीर समझा है मुझे आज तोड़ा मौन तो मानो क़यामत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 260 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल ख्वाब में आए हमारे यूँ हक़ीक़त की तरह। हो गए शामिल दुआ में आप बरकत की तरह। आरजू है उम्रभर का साथ मिल जाए हमें हसरतें दिल की कहें रखलूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 285 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 18 Apr 2019 · 1 min read ग़ज़ल "आदमी" 2122 2122 212 ऐब दुनिया के गिनाता आदमी। आपसी रंजिश बढ़ाता आदमी। चंद सिक्कों में बिकी इंसानियत भूल गैरत आजमाता आदमी। चाल चल शतरंज की हैवान बन भान सत्ता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 239 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 6 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल बेवफ़ाई आशिक़ी में बेवफ़ाई ने रुलाया है बहुत। मुस्कुराके दर्द होठों ने छुपाया है बहुत। हो रही बारिश सुलगती हैं यहाँ तन्हाइयाँ बेवफ़ाई की मशालों ने जलाया है बहुत। धूप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 197 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 3 Aug 2019 · 3 min read ग़ज़ल मुकद्दर में मेरे मुहब्बत नहीं है। मुझे कोई शिकवा, शिकायत नहीं है। तराजू में तोली मुहब्बत हमारी उन्हें दिल लगाने की आदत नहीं है। ख़ता जो न की थी सज़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 274 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'उड़ती खबर' आज उड़ती ख़बर सुनी सी है। वक्त रफ़्तार कुछ थमी सी है। दिल करे देखती रहूँ जी भर बेकरारी ज़रा बढ़ा सी है। याद में धूप सी तपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 375 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 31 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'बुलंद हौसले' किसी-किसी की नज़र आसमान होती है। हसीन ख्वाब ज़मीं शादमान होती है। जिन्हें है खौफ़ नहीं रास्तों की मुश्किल का बला का जोश इरादों में जान होती है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 250 Share Page 1 Next