ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 68 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 4 Feb 2023 · 1 min read निरखि सखी श्याम छवि.... निरखि सखी श्याम छवि अद्भुत लावण्यमयी हर्षित भयी चकित भयी क्षण में मैं मूर्छित भयी कौन है ये मेघवर्ण मयी दृष्टि निर्निमेष भयी दृग पात्र पान करे रसमाधुरि आनंदमयी लूटी... Hindi 124 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 4 Feb 2023 · 1 min read कुछ भी साथ न जाएगा बंदे.... कुछ भी साथ न जाएगा बन्दे जप ले हरि का नाम रे, भोग में सारी उमर बिताये घूमेगा चौरासी लाख रे, ये मानुष तन दुर्लभतम बन्दे सुर मुनि भी ललचाय... Hindi 86 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 2 Feb 2023 · 1 min read दीवाना हूं प्रेम गीत गाता हूं मन के भावों को ,शब्दों में पिरोता हूं कवि हूं ,गागर में सागर डुबोता हूं उड़ता हूं ,कल्पना के अंबर में ऊंचा परिंदा हूं ,पंखों के हौसले आजमाता हूं इश्क... Hindi 1 140 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 1 Feb 2023 · 1 min read ये लोग मुख में राम बगल में छुरी रखते है ये लोग मिलाते है हाथ, दिल में दूरी रखते है ये लोग किसी को दिखाते कोई, कोई और किसी को एक चेहरे... Hindi 88 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read वक्त थम सा गया है... रगों में कतरा कतरा लहू, जम सा गया है , मुसाफिर रुका है या कही, खो सा गया है । चाँद सितारों से रोशन है ,दुनिया सारी ये अमावस में... Hindi 76 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read एक नया सवेरा होगा मुझे उम्मीद है कि ,एक नया सवेरा होगा, जो हाल मेरा है अभी ,कल वो तेरा होगा । आज जुगनूओं से ,रोशन है कायनात मेरी, कल मेरी छत पे भी,... Hindi 129 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read शाम भी ढल गई गुजर गया ये दिन शाम भी ढल गई तबियत थी नासाज़ अब जरासुधर गई ख्वाहिशें थी अधूरी ख्वाब भी अधूरे है हर बार की कसक हर बार रह गई चलते... Hindi 116 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read "उपसंहार" ना आस है ,ना श्वास है, नर सभी निराश है, खत्म ये प्रकाश है, रात्रि का निवास है, नभ में खग दिखे नही, जल सभी उदास है, थल है सुने... Hindi 164 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read तुम मेरी ही मधुबाला...... नवयौवन था आंखों में, जब सांसों मे थी मधुशाला, तुम आई ऐसे जीवन में, जैसे फूलों की माला मैं जब जब विचलित होता था, तुम मेरा धीर बढ़ाती थी, तुम... Hindi 148 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read राम कथा ही गाऊंगा मैं हूं सच्चा सनातनी, मैं भगवे पर मिट जाऊंगा रोम रोम में राम बसा है, राम कथा ही गाऊंगा चाहे काटो हाथ पैर या चाहे काट दो मेरा शीश, चाहे... Hindi 136 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read कुछ अगर- मगर, कुछ काश में रहे कुछ अगर- मगर, कुछ काश में रहे कुछ लोग जिंदगी से नाराज ही रहे मिला जिंदगी से जो, कद्र नहीं की ना मिला उसी की, फिराक में रहे करते रहे... Hindi 165 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read इश्क़ किसे कहते है? फिर छिड़ी बहस, इश्क़, किसे कहते है हो जो मर्ज लाइलाज ,इश्क़ उसे कहते है आग का दरिया हो, या सहरा हो तूफानी जों डूबे हो पार,इश्क़ उसे कहते है... Hindi 222 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read मैं कौन हूं बैठे-बैठे मन से एक दिन, एक आवाज आई मैं कौन हूं? मेरा कौन है? सोच तो मेरे भाई जो नित्य है, वो मैं हूं, जो है अनित्य, नही मेरा शरीर... Hindi 172 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read मातृ-पितृ भक्ति दोहे मात -पिता को कीजिए, उठकर नित्य प्रणाम इनके पदवंदन से ,सफल होते सारे काम माता स्वयं लक्ष्मी ,पिता नारायण समान इनको छोड़ हरी भजे ,कैसे मिले भगवान मात-पिता के चरण... Hindi 208 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 11 Feb 2018 · 1 min read उसे पाने की खातिर.... उसे पाने की ख़ातिर क्या कुछ नहीं किया मैंने दिन को उसे देखते रहे रातों को सोचा मैंने निगाहें बस देखते रहना चाहती थी सिर्फ उन्हें उनकी तस्वीर को दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 517 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 11 Feb 2018 · 1 min read कुछ सोच रहा हूँ मैं..... कुछ सोच रहा हूँ मैं पर क्या सोच रहा हूँ मैं? सही सोच रहा हूँ...या गलत पर कुछ सोच रहा हूँ मैं.... सोचने के बाद क्या, जो सोचा है वह... Hindi · कविता 407 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 22 Jan 2017 · 1 min read बेटी का हक़ बेटी का हक़ कवियों ने बेटी पर कईं कविताएं लिखी किसी ने बेटी की महिमा किसी ने व्यथा लिखी मैंने सोचा क्या कविता लिखने से बेटी को... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 762 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 20 Jan 2017 · 2 min read बस तेरी अब याद है..... बस तेरी अब याद है... तर्ज़:-(चुपके-2 रात दिन) (1) प्रियतम प्यारे मोहना बस तेरी अब याद है.. वो तेरा अक्रूर संग मथुरा को जाना याद है। प्रियतम प्यारे... (2) देख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 580 Share Previous Page 2