लक्ष्मी सिंह Tag: मुक्तक 179 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 9 May 2017 · 1 min read मुल्क के शत्रु ???? कहीं अपने संगों के दंश हैं, तो कही प्रजातंत्र में सियासत के वंश हैं। मुल्क के शत्रु कहीं मुल्ला,कहीं महंत हैं, दोनो परिवर्तन के दुश्मन अतीत के अंश हैं।... Hindi · मुक्तक 773 Share लक्ष्मी सिंह 14 Aug 2017 · 2 min read मनमोहन मुरलीवाला(10मुक्तकों का माला) ???? (1) मोर मुकुट पीताम्बर ,गल बैजन्ती माला। कानों में कुण्डल ,माथे पे तिलक विशाला। हर पल सबकी जो रक्षा करता रहता है - प्रभु चक्र सुदर्शन को धारण करने... Hindi · मुक्तक 933 Share लक्ष्मी सिंह 20 May 2017 · 1 min read सकारात्मक सोच ???? नकारात्मक लोग, नकारात्मक बाते, नकारात्मक सोच,नकारात्मक आदतें, जिन्दगी पर नकारात्मक असर छोड़ती है। जिनकी सोच और रवैया सकारात्मक हो, ऐसे ही लोग जिन्दगी में आगे बढ़ने के लिये प्रेरित... Hindi · मुक्तक 606 Share लक्ष्मी सिंह 25 Mar 2021 · 1 min read मौन आधार छन्द रूपमाला (मापनी युक्त मात्रिक) 24 मात्रा , मापनी-गालगागा गालगागा गालगागा गाल । ध्रुव शब्द - मौन 2122 2122 2122 21 मौन होता साधना आनंद का आधार । आत्मा... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 3 4 695 Share लक्ष्मी सिंह 30 Jun 2017 · 1 min read बचपन मुक्तक - ४ 1) ???? बचपन होता है रंग-रंगीला-सा। लगे सुबह सुहाने, शाम सजीला-सा ना कोई फिक्र,ना ही कोई चिन्ता - फूलों-सा चेहरा है खिला-खिला-सा। 2) मुस्कुराता, इठलाता,लगे बचपन प्यारा-प्यारा है जीवन की... Hindi · मुक्तक 649 Share लक्ष्मी सिंह 16 Mar 2021 · 1 min read मत्तगयन्द सवैया विधा- मत्तगयन्द सवैया छंद (वर्णिक) शिल्प विधान- 7 भगण+गुरु गुरु मापनी- 211 211 211 211 211 211 211 22 उक्त छंद में एक गुरु के स्थान पर दो लघु की... Hindi · मत्तगयंद सवैया · मुक्तक · वंदना · स्तुति 2 5 673 Share लक्ष्मी सिंह 4 May 2017 · 1 min read सफलता उसी को मिलता है ???? सफलता उसी को मिलता है, जो मौके पर कदम उठाता है। सभी के चेतना का अपना एक स्तर होता है। जो हमें काम करने के लिए, सही फैसला लेना... Hindi · मुक्तक 510 Share लक्ष्मी सिंह 11 Aug 2017 · 1 min read प्यार ???? अब नींद कहाँ आती है,पर सोना ही पड़ता है दर्द हद से गुजर जाये,तो रोना ही पड़ता है। जब प्यार किया है तो रीत निभाना ही पड़ता है। रात... Hindi · मुक्तक 616 Share लक्ष्मी सिंह 16 Aug 2017 · 1 min read मेरा कान्हा (1)???? ललना निहारे मातु यशोदा, अहो भाग्य मैंने पायो कान्हा। देख-देख छबि मन नहीं भरता, सबसे अनोखा है मेरा ललना। (2) ???? लेती बलैया मुख कभी चुमे। माँ की गोद... Hindi · मुक्तक 528 Share लक्ष्मी सिंह 11 Jul 2017 · 1 min read बेटी - मुक्तक ???? बेटी किस कसूर, किस अपराध की सजा पाती है। कभी गर्भ, कभी दहेज के नाम मारी जाती है। घर-बाहर कहीं भी सुरक्षित नहीं है बेटियाँ - दुष्ट-दरिंदों-गिद्ध की निगाहें... Hindi · बेटी/बेटियां · मुक्तक 1 1 519 Share लक्ष्मी सिंह 15 May 2017 · 1 min read जिन्दगी दूसरों से नहीं खुद से मुकाबला करने का नाम होता है। ???? हमें खुद से अपना श्रेष्ठ निकलने के लिए संघर्ष करना आनंद देता है। ये संघर्ष एक गहरी संतुष्टि, जिन्दगी में वास्तविक संतोष देता है। सचमुच जिन्दगी दूसरों से नहीं,... Hindi · मुक्तक 459 Share लक्ष्मी सिंह 28 Feb 2021 · 1 min read प्रेम सुधा आधार छंद:-किरीट सवैया 211 211 211 211 211 211 211 211 प्रेम सुधा रसना जिसके उर में बहती रहती सरिता सम। नित्य निरंतर निर्मल पावन वो रहता मिटता उर का... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 506 Share लक्ष्मी सिंह 11 Aug 2017 · 1 min read वादा ????? अपने वास्तविकता को पहचाने और खुद से करें एक वादा। जीवन में उत्थान,रचनात्मकताऔर बौद्धिकता को दे बढावा। प्रतिपल नया रचे गूढ़ ज्ञान प्राप्ति के लिए स्वयं को प्रेरित करे... Hindi · मुक्तक 448 Share लक्ष्मी सिंह 21 Dec 2019 · 1 min read उठाऊँ लेखनी जब भी उठाऊँ लेखनी जब भी हृदय का दर्द झरता है। मनाऊँ लाख मैं खुद को नहीं दिल धीर धरता है। जगत को देख कर रोई बिगड़ते हाल पर रोई, कठिन है... Hindi · मुक्तक 2 1 496 Share लक्ष्मी सिंह 6 May 2017 · 1 min read मुस्कुराने से ???? मुस्कुराने से उम्र मेरी बढ़ती है , दुःख-दर्द और बीमारियां घटती है। जिंदगी पल-पल ढलती है , रेत की तरह मुठ्ठी से फिसलती है। ना जाने जिन्दगी का कौन... Hindi · मुक्तक 491 Share लक्ष्मी सिंह 11 Aug 2017 · 1 min read दिवाने ???? हम दिवाने हैं,अक्सर तन्हाई से बातें करते हैं। सारी दुनिया से बेखबर ख्यालों में खोये रहते हैं। अपने महबूब की याद में ही मर-मर कर जीते हैं - इस... Hindi · मुक्तक 430 Share लक्ष्मी सिंह 6 Oct 2017 · 1 min read शरद चंद्रमा से भी सुन्दर ???? शरद चंद्रमा से भी सुन्दर, है मेरा दिलदार। उस पर वारूँ जीवन अपना, कर दूँ जान निसार। उसकी चेहरे से ना हटती है, मेरी ये निगाहें। उसके नाम से... Hindi · मुक्तक 490 Share लक्ष्मी सिंह 22 Aug 2017 · 1 min read दास्तां सुना जाना ????? मैं रात अंधियारी चंद्र प्रकाश बन आ जाना। मेरे मन के आँगन में स्नेह दीप जला जाना। शीतल,निर्मल,स्निग्ध चाँदनी सी अति सुन्दरतम्, मंत्र मुग्ध करे कुछ ऐसी दास्तां सुना... Hindi · मुक्तक 1 1 452 Share लक्ष्मी सिंह 13 Mar 2017 · 1 min read होली का पर्व (1)?????? होली का पर्व प्रेम का संदेशा लाता, मौजमस्ती मनोरंजन से इसका नाता, हँसी-खुशी गीत फगुआ का सब गाता, ईर्ष्या, द्वेष भूल समानता को अपनाता। ?????? (2)????? होली बढाती प्रेम... Hindi · मुक्तक 428 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jul 2021 · 1 min read जिस घर में--- जिस घर के खाने का जायका लजीज़ नहीं होता है। तन-मन स्वस्थ रहता कोई भी मरीज़ नहीं होता है। जिस घर में संस्कृति संस्कारों का पाठ पढ़ाया जाता- उस घर... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 5 3 467 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jan 2021 · 1 min read आँखों में एक ख्वाब रखना विधा-लावणी छंद आँखों में एक ख्वाब रखना,जीवन सजाने के लिए। हौंसले को फौलाद करना,आगे बढ़ाने के लिए। मन को एकाग्रचित्त करके, लक्ष्य पर ही ध्यान रखना- नित्य निरंतर प्रयास करना,सफलता... Hindi · मुक्तक 1 446 Share लक्ष्मी सिंह 14 Dec 2019 · 1 min read नारी शारदा लक्ष्मी दुर्गा नाम, त्याग ममता सुख की खान। द्रोपदी अनसुइया सुख धाम, सप्त सुर सरगम-सी मुस्कान। सर्व गुण संस्कारों से पूर सजी मर्यादा से नारी देह, लुटा तन-मन दुख... Hindi · नारी शक्ति · मुक्तक 402 Share लक्ष्मी सिंह 21 Feb 2021 · 1 min read विरह/बसंत (1) विरह ताप से तप्त हृदय है लगता जीवन खार पिया । ऐसे में वसंत का आना लगता है अंगार पिया। व्याकुल अंतस चातक नैना विकल अश्रु दिन रात बहे-... Hindi · मुक्तक 2 1 494 Share लक्ष्मी सिंह 4 Oct 2017 · 1 min read छोटी-छोटी बातों पर तुम ???? छोटी-छोटी बातों पर तुम, बिगड़ो ना, झगड़ो ना.... छोटी-छोटी बातों को तुम, पकड़ो ना, अकड़ो ना.... यही है जिन्दगी का फंडा, यारों मस्त रहो ना...... छोटी-छोटी बातों से तुम,... Hindi · मुक्तक 2 409 Share लक्ष्मी सिंह 20 Apr 2017 · 1 min read सिर्फ तेरी चाहत है ???? सिर्फ़ तेरी चाहत है, मेरी दिल की गहराई में.. ढूंढती रही तुम्हें, अपनी ही परछाई में.... सोचती रही तुम्हें, यादों में तन्हाई में... वफा तलाशती रही, तेरी हर एक... Hindi · मुक्तक 1 2 387 Share लक्ष्मी सिंह 27 Feb 2021 · 1 min read चलना सिखाया आपने पंथ में हो मौन सुमनों को बिछाया आपने । शूल सारे चुन लिए पथ को सजाया आपने। स्नेह का दीपक जला कर,संग मेरे हर घड़ी- हाथ मेरा थाम कर चलना... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 1 413 Share लक्ष्मी सिंह 5 Feb 2021 · 1 min read सृष्टि सारी नाचती सृष्टि सारी नाचती है,नित्य प्रभु के ताल पर। सूर्य सा शोभित हुआ है ,चंद्र जिसके भाल पर। प्रार्थना मैं कर रही हूँ हाथ दोनों जोड़ कर- दृष्टि अपनी डालिए अब... Hindi · मुक्तक 2 1 408 Share लक्ष्मी सिंह 11 Jul 2017 · 1 min read लुटेरा ???? चोर और डाकू तो सिर्फ धन लूटते हैं। उससे बड़े अपराधी धन, तन लूटते हैं। पर श्रद्धा के लुटेरे सबसे बड़ा लुटेरा - ये तन, मन, धन, के साथ... Hindi · मुक्तक 399 Share लक्ष्मी सिंह 16 Jul 2017 · 1 min read तेरी मेरी यारी- मुक्तक माला ???? कागज गौर वर्ण का जैसे राधाप्यारी है। स्याहीयुक्त कलम जैसे कृष्णमुरारी है। सदा ही नवरस रूपी नवरंग की निष्पाती, बरसाना गाँव जैसा तेरी मेरी यारी है।1। खुशियाँ चाहे कोई... Hindi · मुक्तक 358 Share लक्ष्मी सिंह 1 Apr 2017 · 1 min read आदत नहीं ????? आदत नहीं जीने की तुझ से जुदा होकर.... कभी ना जाना तुम मुझे अकेला छोड़कर.... जी ना पाऊँगी मैं तुझ बिन तन्हा रहकर... जिन्दगी मुस्कुराती है मेरी सिर्फ तेरे... Hindi · मुक्तक 1 358 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jan 2019 · 1 min read सादगी नाज-नखरे व लटके-झटके, कभी पसंद न आई। एक मोहिनी भोली सूरत दिल में रही समाई। गजब सादगी में सुन्दरता मन विचलित कर जाए- शर्म हया का पहने गहना, नज़रें खड़ी... Hindi · मुक्तक 1 1 369 Share लक्ष्मी सिंह 9 Aug 2019 · 1 min read जिंदगी आधे अधुरे मन से कोई काम नहीं करना। यूँ हीं बरबाद अपना सुबह-शाम नहीं करना। ऐसे जियो की आखरी सांस भी मुक्कमल हो- अपने जिन्दगी को यूँ ही तमाम नहीं... Hindi · मुक्तक 1 347 Share लक्ष्मी सिंह 18 Jan 2020 · 1 min read ठिठूरन अमीरी नर्म बिस्तर पर गुजारे शौक़ से जीवन। ठिठुरती रात में बेबस पड़ा फुटपाथ पर निर्धन। कराहा कर्ज से जितना सताया सर्द ने उतना- कहर बरसा रही है शीत लहरी... Hindi · मुक्तक 1 1 355 Share लक्ष्मी सिंह 20 Mar 2020 · 1 min read कोरोना सर पर चढ़ कर नाच रहा है, चीन का जादू-टोना। पूरे जग में फैल रहा है,शुरू है रोना ढोना। कुछ सावधानियां अपनाना, धैर्य से नाता रखना- बनो सनातन शाकाहारी, होगा... Hindi · मुक्तक 1 2 334 Share लक्ष्मी सिंह 23 Apr 2017 · 1 min read इन्सानियत गरीबी में ही पलती है ???? इन्सानियत गरीबी में ही पलती है। थोड़ी सी ही खुशी मिल बाट ले, अमीरों को इतनी फुर्सत कहाँ मिलती है। थोड़ा में ही सही मिल बाट के खाए, ये... Hindi · मुक्तक 309 Share लक्ष्मी सिंह 21 Feb 2018 · 1 min read हो यदि संभव प्रियवर ? ? ? ? हो यदि संभव प्रियवर तो, मेरे संग-संग डोलिए। कर्ण में घोले मधुर रस, प्रिय ऐसी वाणी बोलिए। छोड़ कर उन्मुक्त मन को, प्रिय प्यार से मुझे... Hindi · मुक्तक 355 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2021 · 1 min read अच्छा लगता है प्रियवर पास तुम्हारा आना,अच्छा लगता है। आगे बढ़कर गले लगाना, अच्छा लगता है। जगते उर के कलरव सोये,धड़कन बढ़ जाती- ऐसे में मेरा इतराना, अच्छा लगता है । -लक्ष्मी सिंह... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 3 346 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read दिल का रिश्ता ? ? ? ? प्रिय जब-जब तुमको सोचूँ मैं, महके सारे अहसास मेरे। दूरी चाहे कितनी भी हो, लेकिन रहते हो पास मेरे। तुम नाम वहाँ जब लेते हो, दिल... Hindi · मुक्तक 339 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read ॐ नमः शिवाय। ? ? ? ? भक्ति भाव से नित दिन प्राणी, जप लो ॐ नमः शिवाय। शिव शंकर का महामंत्र है, जीवन मुक्ति का उपाय। हर संकट में यह नाम जपो,... Hindi · मुक्तक 310 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read शिव ? ? ? ? शिव सदाशिव औघढ़दानी भक्ति-मुक्ति के दाता है। करुणा के अवतार हैं शिव, मृत्यु के अधिष्ठाता हैं। आदि-अनादि, अनंत-अखंड, सगुण साकार ब्रह्म रूप महामृत्युंजय महाकाल शंभू विश्वविधाता... Hindi · मुक्तक 294 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read मरघट( 4) ? ? ? ? माया तेरी चेरी है अद्भुत तेरा सामर्थ्य है। किन्तु एक सीमा है तेरी तू जीव एक मर्त्य है। वैश्वानर के सर्वस्वाहा हवन हुआ मरघट में, हर... Hindi · मुक्तक 327 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read मरघट (3) ? ? ? ? चारों तरफ रहस्य का साया, मूक धरा घना सन्नाटा पाले हैं । घोरी-अघोरी तांत्रिक तंत्र क्रियाएँ घोर साधना वाले हैं । बुझी चिंताये, भस्म, अस्थियाँ, जली... Hindi · मुक्तक 289 Share लक्ष्मी सिंह 5 Aug 2017 · 1 min read भँवरा-मुक्तक माला (1) गुन-गुन करता आया भँवरा। फूल-फूल मँडराया भँवरा। बाग-बाग में घूम-घूम कर- प्रीत का गीत सुनाया भँवरा। (2) बंद कली को खिलाया भँवरा। पुष्प - पराग बिखराया भँवरा। ये निर्मोही,... Hindi · मुक्तक 282 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read मरघट (5) ? ? ? ? धन-धान्य वैभव को जिसने दोनों हाथों से समेटा है । सिवा दुग्ध सी मृदु शैया पर कभी नहीं जो लेटा है । देखो तो आज वही... Hindi · मुक्तक 1 318 Share लक्ष्मी सिंह 18 Feb 2019 · 1 min read बचपन मुस्कुराता, इठलाता,लगे बचपन प्यारा-प्यारा। जीवन की जीवन्तता, मस्ती के पल ढेर सारा। बेपरवाह, निश्चित, मासूमियत, शरारत से भरा, ईश्वर की देन बचपन जिसे वे दिल से सँवारा। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 302 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2021 · 1 min read ज़िन्दगी जिंदगी की राह पर ,चलते ही जाते हैं। पाँव में काँटे कभी ,तो गुल भी पाते हैं। विष सुधा सम भाव से,मिलते हैं जीवन में- भूल कर गम गीत हम,... Hindi · मुक्तक 315 Share लक्ष्मी सिंह 4 Dec 2019 · 1 min read कर्म योद्धा मुश्किलों को देख कर भी वीर घबराते नहीं। चल पड़े जिस राह पर फिर, लौट कर आते नहीं। कर्म योद्धा जो बना सब,यत्न से हासिल करें- मंजिलों को चूमकर वो,... Hindi · मुक्तक 299 Share लक्ष्मी सिंह 6 Oct 2017 · 1 min read शरद की श्वेत शीतल रात्री में ???? शरद की श्वेत शीतल रात्री में, मेरा मन व्यथित व्याकुल उदास। हर पल याद दिलाती है तेरी, शरद चाँद के चमकीले उजास। शीतल शुभ्र ज्योत्सना फैली, अम्बर वसुंधरा के... Hindi · मुक्तक 278 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read मरघट ????? क्रन्दन करूण स्वर वेद ध्वनि अखण्ड है मरघट । ना मोह - माया, ममता ना उदण्ड है मरघट । अंतिम ठहराव चिर शान्तिमय एक विश्राम स्थल, नित शव चिता... Hindi · मुक्तक 264 Share लक्ष्मी सिंह 30 Oct 2017 · 1 min read हँसते चेहरे का दर्द दिखाई नहीं देता ???? हँसते चेहरे का दर्द दिखाई नहीं देता। हँसने वाला आँसू की दुहाई नहीं देता। लोग तो कह देते हैं कि भला इसे क्या गम है टूटते दिल की आवाज... Hindi · मुक्तक 263 Share Page 1 Next