Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2017 · 1 min read

वादा

?????
अपने वास्तविकता को पहचाने और खुद से करें एक वादा।
जीवन में उत्थान,रचनात्मकताऔर बौद्धिकता को दे बढावा।
प्रतिपल नया रचे गूढ़ ज्ञान प्राप्ति के लिए स्वयं को प्रेरित करे –
भक्ति के मार्ग भी अपनाये, प्रेम,करुणा जैसे गुण केअलावा।
?????—लक्ष्मी सिंह ?☺

Language: Hindi
444 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
Rj Anand Prajapati
होली का रंग
होली का रंग
मनोज कर्ण
मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे।
मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे।
Manisha Manjari
तेरी यादों की खुशबू
तेरी यादों की खुशबू
Ram Krishan Rastogi
हौसला
हौसला
डॉ. शिव लहरी
शिर्डी के साईं बाबा
शिर्डी के साईं बाबा
Sidhartha Mishra
आहट
आहट
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बादल और बरसात
बादल और बरसात
Neeraj Agarwal
#सामयिक_सलाह
#सामयिक_सलाह
*Author प्रणय प्रभात*
भाई बहिन के त्यौहार का प्रतीक है भाईदूज
भाई बहिन के त्यौहार का प्रतीक है भाईदूज
gurudeenverma198
भरी महफिल
भरी महफिल
Vandna thakur
मिलन
मिलन
Gurdeep Saggu
कारगिल दिवस पर
कारगिल दिवस पर
Harminder Kaur
💐प्रेम कौतुक-461💐
💐प्रेम कौतुक-461💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*जितना आसान है*
*जितना आसान है*
नेताम आर सी
ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
" सब किमे बदलग्या "
Dr Meenu Poonia
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
Anil chobisa
रूप तुम्हारा,  सच्चा सोना
रूप तुम्हारा, सच्चा सोना
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आकाश
आकाश
Dr. Kishan tandon kranti
अंधेरों रात और चांद का दीदार
अंधेरों रात और चांद का दीदार
Charu Mitra
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
डॉ० रोहित कौशिक
23/47.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/47.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मार्केटिंग फंडा
मार्केटिंग फंडा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
धीरे धीरे
धीरे धीरे
रवि शंकर साह
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कहमुकरी
कहमुकरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*फिर से जागे अग्रसेन का, अग्रोहा का सपना (मुक्तक)*
*फिर से जागे अग्रसेन का, अग्रोहा का सपना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
"राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...