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27 Apr 2023 · 2 min read

#सामयिक_सलाह

#सामयिक_सलाह
■ अब आप भी बनाएं एक आशियाना
★ ग्रीष्मावकाश को बनाएं सार्थक
【प्रणय प्रभात】
हम जैसे तमाम लोग किसी बेघर को घर मिलने के समाचार पर सुख व संतोष का आभास करते हैं। फिर चाहे अपने घर की सौगात पाने वाला हमारा परिचित हो या न हो। हम कृतज्ञता का अनुभव करते हैं उन सरकारों के प्रति, जो इस तरह के प्रयास के पीछे होती हैं। दूसरों के छोटे से सुख में प्रसन्नता का यही अहसास हमारी मानवता का परिचायक है।
इस तरह के आभास के बीच हम और बड़ा आनंद पा सकते हैं। किसी को एक आशियाना अपनी ओर से देकर। वो भी बेहद मामूली से खर्चे पर। आप सोचेंगे कि घोर मंहगाई के दौर में यह कैसे संभव है। बेशक़ आपका सवाल अपनी जगह सही है, मगर दावा मेरा भी झूठ नहीं है। मैं बात कर रहा हूँ मासूम परिंदों के लिए छोटे-छोटे से आशियानों की, जो बड़े आनंद व परम संतोष का कारण बन सकते हैं। आपके हमारे व सबके लिए।
हम अपने घर में उपलब्ध गत्ते के अनुपयोगी डिब्बों व छोटी-मोटी सामग्री से पक्षियों के लिए घर बना सकते हैं। जिसमें वे सुक़ून से रह सकें और सुरक्षित परिवेश में वंश-वृद्धि कर सकें। इसके लिए बस गत्ते के डिब्बों को एक सुंदर से घर का रूप देना है। जिसमें कपड़े की कतरनें, सूत के रेशे व सूखी हुई घास-फूंस बिछा सकते हैं। यह छोटा सा काम गर्मी की छुट्टियों का आनंद उठाते हुए हमारे बच्चे भी रुचि के साथ कर सकते हैं। इसी तरह की कोशिश पक्षियों के दाने-पानी के लिए भी मामूली से बज़ट में की जा सकती है।
गर्मी में आप हम सब अपने घरों में रहते हैं। थोड़ी-बहुत फुर्सत की भी कोई कमी नहीं रहती किसी के पास। चाहें तो इस दिशा में आज ही एक काम करें। मन को बहुत सुख व संतोष मिलेगा। आपके घर में घी-तेल या इंजन ऑयल के ख़ाली डिब्बे (केन) ज़रूर होंगे। उन्हें चित्र में दिखाए अनुसार गर्म चाकू से काट कर पक्षियों के दाने-पानी के लिए पात्र बनाएं। इन्हें घर की छत या आँगन के आसपास उचित जगह पर रखें या लटका दें। उनमें दाना-पानी भी एक निर्धारित अंतराल पर डालते रहें। समय का सदुपयोग होगा और सेवा के बदले पुण्य भी मिलेगा। वैसे भी इस तरह के कार्यों को हमारी धर्म-संस्कृति सुफलदायी साबित करती आ रही है।
तो लीजिए मज़ा ऐसे कामों का और परिचय दीजिए अपनी बेहतर सोच व सरोकारों का। यक़ीन मानिए, आपके यह प्रयास छोटे होकर भी “भागीरथी” साबित होंगे। आपके द्वारा प्रज्ज्वलित सेवा का एक नन्हा दीप विस्तृत व
उज्ज्वल दीपमाला का जनक बनेगा। विश्वास है कि आप अपने ग्रीष्मावकाश का सदुपयोग करने के बारे में ज़रूर सोचेंगे और इस तरह के सार्थक प्रयासों को सोशल मीडिया के जरिए समाज तक मिसाल के रूप में लेकर जाएंगे।
■प्रणय प्रभात■
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

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