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19 Jan 2019 · 1 min read

सादगी

नाज-नखरे व लटके-झटके,
कभी पसंद न आई।

एक मोहिनी भोली सूरत
दिल में रही समाई।

गजब सादगी में सुन्दरता
मन विचलित कर जाए-

शर्म हया का पहने गहना,
नज़रें खड़ी झुकाई।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 365 Views
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