Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2023 · 1 min read

ਅੱਜ ਮੇਰੇ ਲਫਜ਼ ਚੁੱਪ ਨੇ

ਅੱਜ ਮੇਰੇ ਲਫਜ਼ ਚੁੱਪ ਨੇ
यह मेरे लिए है
बस यही सब है
क्या मुझे लगता है?

200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं यूं ही नहीं इतराता हूं।
मैं यूं ही नहीं इतराता हूं।
नेताम आर सी
📍बस यूँ ही📍
📍बस यूँ ही📍
Dr Manju Saini
आप हो
आप हो
Dr.Pratibha Prakash
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / MUSAFIR BAITHA
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
उस
उस"कृष्ण" को आवाज देने की ईक्षा होती है
Atul "Krishn"
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
डॉ. दीपक मेवाती
दुनिया  की बातों में न उलझा  कीजिए,
दुनिया की बातों में न उलझा कीजिए,
करन ''केसरा''
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
हिज़्र
हिज़्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
चुगलखोरों और जासूसो की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
चुगलखोरों और जासूसो की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
गांधीवादी (व्यंग्य कविता)
गांधीवादी (व्यंग्य कविता)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हे प्रभु मेरी विनती सुन लो , प्रभु दर्शन की आस जगा दो
हे प्रभु मेरी विनती सुन लो , प्रभु दर्शन की आस जगा दो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"खुद के खिलाफ़"
Dr. Kishan tandon kranti
तीन मुट्ठी तन्दुल
तीन मुट्ठी तन्दुल
कार्तिक नितिन शर्मा
*Hey You*
*Hey You*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*छोटी होती अक्ल है, मोटी भैंस अपार * *(कुंडलिया)*
*छोटी होती अक्ल है, मोटी भैंस अपार * *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
■रोज़ का ड्रामा■
■रोज़ का ड्रामा■
*Author प्रणय प्रभात*
2280.पूर्णिका
2280.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कानून लचर हो जहाँ,
कानून लचर हो जहाँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पर्यावरण
पर्यावरण
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में,
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में,
Arvind trivedi
*दहेज*
*दहेज*
Rituraj shivem verma
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
पूर्वार्थ
prAstya...💐
prAstya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ईश्वर अल्लाह गाड गुरु, अपने अपने राम
ईश्वर अल्लाह गाड गुरु, अपने अपने राम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
पंकज कुमार कर्ण
*मेरे मम्मी पापा*
*मेरे मम्मी पापा*
Dushyant Kumar
मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं
मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं
कवि दीपक बवेजा
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
Loading...