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9 Aug 2023 · 1 min read

*छोटी होती अक्ल है, मोटी भैंस अपार * *(कुंडलिया)*

*छोटी होती अक्ल है, मोटी भैंस अपार * (कुंडलिया)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
छोटी होती अक्ल है , मोटी भैंस अपार
फिर भी भैंस न जीतती, मिलती उसको हार
मिलती उसको हार, अक्ल का सिक्का चलता
जिसके पास न अक्ल ,हाथ रहता है मलता
कहते रवि कविराय ,बुद्धि मत रखना मोटी
करती काम महीन , चतुर फुर्तीली छोटी
_______________________________
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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