लक्ष्मी सिंह Tag: ग़ज़ल/गीतिका 117 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 30 Mar 2020 · 1 min read लेखनी विधा-विधाता छंद उठाकर लेखनी अपनी हृदय का प्यार लिखती हूँ| विरह की वेदना संवेदना श्रंगार लिखती हूँ| नहीं मैं पंत ,दिनकर ,कोकिला की बोल-सी प्यारी, मगर जो भावना उर में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 3 321 Share लक्ष्मी सिंह 5 Jul 2023 · 1 min read फितरत रही अच्छी बुरी दोनों,यहाँ इंसान की फितरत। मगर दम तोड़ देती है,हृदय में पल रही हसरत। मुनाफा देखकर बनते,कई रिश्तें जमाने में, अजब अंदाज़ लोगों का, जहाँ मतलब वहीं शिरकत।... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · विधाता छंद 9 5 191 Share लक्ष्मी सिंह 9 Jul 2023 · 1 min read मैं और मेरी फितरत रही फितरत हमारी ये कि,मैं चुपचाप रहती हूँ। दिया जो ज़िन्दगी हँसकर,सितम संताप सहती हूँ। पचा लेती ज़हर सारे,सुधा में ढाल देती हूँ। अँधेरा हो जहाँ दीपक,जतन से डाल देती... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · विधाता छंद 9 11 173 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jun 2021 · 1 min read पिता आधार छंद-विधाता 1222 1222 ,1222 1222 पिता के रूप में सब देवता घर में तुम्हारे हैं । मनुज पहचान लो इनको प्रभु भू पर पधारे हैं। शिकन को देख माथे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · विधाता छंद 8 4 383 Share लक्ष्मी सिंह 30 Mar 2020 · 1 min read बंशी बजाये मोहना हरिगीतिका छंद बंशी बजाये मोहना नव रस सुरीली गीत रे। है बाँसुरी जादू भरी फैली जगत में प्रीत रे। सुन बावली होने लगी कितना मधुर संगीत रे। रसराज रसिया की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · भजन · स्तुति · हरिगीतिका छंद 6 1 409 Share लक्ष्मी सिंह 30 May 2023 · 1 min read तुम से प्यार नहीं करती। बात समझ लो सच्ची झूठी, तुम से प्यार नहीं करती। दिल असमंजस में है अब भी,जा इजहार नहीं करती। प्रेम भरा इस निश्छल मन में,दर्द कशक दिल में कोई, मगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · प्रेम गीत · लावणी /ताटंक छंद 5 4 359 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2023 · 1 min read बादल काले काले प्यारे बादल। नीर भरे कजरारे बादल। श्वेत रुई की फाहे जैसी, धुँधला धूम-धुआँरे बादल। इंद्रनील की माला डाले , मृदुल मनोरम सारे बादल। नील फर्श पर धना-धना-सा, बैठा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · चौपाई · बाल कविता 5 5 432 Share लक्ष्मी सिंह 4 Aug 2023 · 1 min read बादल आओ बादल आओ बादल। आकर नभ में छाओ बादल। प्यासी धरती तुझे पुकारे, छम-छम जल बरसाओ बादल। जीव-जन्तु सब तड़प रहें हैं सबकी प्यास बुझाओ बादल। ताल तलैया सूख रहें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · चौपाई · बाल कविता 5 8 318 Share लक्ष्मी सिंह 8 Feb 2020 · 1 min read चपले तोटक छंद ११२-११२-११२-११२ चमके दमके नभ में चपले। दिखला कर रूप छटा मचले। यह बादल में छिपती रहती। बतियाँ उससे कितना करती। डरता रहता मन चंचल है। नभ से करती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · तोटक छंद · प्रेम 4 1 323 Share लक्ष्मी सिंह 3 Dec 2020 · 1 min read कभी चाहो मुझे भी तुम विधाता छंद 1222 1222 1222 1222 कभी चाहो मुझे भी तुम, कभी मेरे लिए सोचो । हमारा दिल बड़ा नाजुक ,इसे ऐसे नहीं नोचो। बिखर कर टूट जाती हूँ, सँभल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · प्रेम · विधाता छंद 4 4 232 Share लक्ष्मी सिंह 21 Feb 2021 · 1 min read नशे में फिजा इस कदर हो गई। 122 122 122 12 नशे में फिजा इस कदर हो गई। नजर देख लो खुद नजर हो गई। बड़ा खुशनुमा हर नजारा लगे, किया इश्क़ जब से असर हो गई।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 254 Share लक्ष्मी सिंह 27 Feb 2021 · 1 min read दे कलम कटार माँ आधार छंद-शिव 21 21 21 2 दे कलम कटार माँ। तीक्ष्ण तेज धार माँ। दीप्त ज्योति ज्ञान की, दे हमें अपार माँ। दिव्य छंद ताल दे, भाव बेशुमार माँ। शब्द... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · भजन · वंदना · शिव छंद · स्तुति 4 270 Share लक्ष्मी सिंह 3 May 2017 · 1 min read उठो सैनिकों वार करो ????? ????? उठो सैनिकों वार करो, स्वयं युद्ध की रणनीति तैयार करो। दिल्ली के आदेशों का, अब ना वीरों तुम इन्तज़ार करो। थाम बागडोर हाथों में, स्वयं युद्ध का अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 12k Share लक्ष्मी सिंह 7 Sep 2019 · 1 min read रोटी रूप माला छंद मापनी-21222122. 212221 एक रोटी फूल-सी, फूली हुई जो आग। आग में जिसको पकाने, से लगे कुछ दाग। एक रोटी गोल, थाली से रही है झाँक। चाँद-सी सूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · रूपमाला छंद 3 3 210 Share लक्ष्मी सिंह 21 Sep 2019 · 1 min read कर्म गीतिका छन्द 2122,2122,2122,212 कर्म दैविक रूप है, तो कर्म ही आकार है। कर्म दैविक संपदा है ,मुक्तियों का द्वार है। कर्म जो भी श्रेष्ठ करता, ईश का अवतार है। कर्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · गीतिका छंद 3 1 349 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2020 · 1 min read आ चले गाँव में _विमोहा_छंद_ मापिनी 212 212 ******************* आ चले गाँव में, प्रीत की ठाँव में। पेड़ पौधे वहाँ, शांति हैं छाँव में। पायलें डालती, गोरियां पाँव में। घूम आये वहाँ बैठ के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 167 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2020 · 1 min read राम का नाम लो विमोहा छंद मापिनी 212 - 212 राम का नाम लो। भोर लो शाम लो। जिंदगी में सदा, धैर्य से काम लो। बात मीठी करो, शील को थाम लो। भीख मांगो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 256 Share लक्ष्मी सिंह 6 Feb 2020 · 1 min read विहान तोटक छंद मापिनी 112112 112112 जब सूरज नित्य विहान करे। चहके चिड़िया मधु गान करें। यह कोमल ,मंजुल-सी कलियाँ। खिलती तरु की सुमनावलियाँ। अवसाद मिटें भ्रम जाल कटे। नव सूर्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · तोटक छंद 3 1 360 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jan 2021 · 1 min read कदमों में बिखर जाए। छंद- रजनी आधारित गीतिका मापनी- 2122 2122 2122 2 प्रदत्त पदांत- जाए प्रदत्त समांत- अर टूट कर हम आज कदमों में बिखर जाए। दर तुम्हारा छोड़ कर बोलो किधर जाए।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · प्रेम · रजनी छंद 3 4 289 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2021 · 1 min read पूर्ण विराग आधार छंद दोहा माया ममता मोह मद,सभी सुखों को त्याग । वही कृष्ण बनता मनुज, जिसमें पूर्ण विराग। पग में बंधन मोह का,और सत्य की प्यास, फँसा हुआ कुरुक्षेत्र में,खेल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा 3 3 287 Share लक्ष्मी सिंह 7 Feb 2021 · 1 min read रखो भावना श्रेष्ठ, आधार छंद:- त्रिलोकी मापनी मुक्त मात्रिक मात्रा भार २१ तथा ११,१०पर यति अंत में लगा,संधि में त्रिकल समान्त -आर पदान्त- का गीतका रखो भावना श्रेष्ठ, मनुज व्यवहार का । करो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · त्रिलोकी छंद 3 3 147 Share लक्ष्मी सिंह 10 Feb 2021 · 1 min read किया प्यार जिससे किया प्यार जिससे बताया न अब तक। छुपा जो नजर में दिखाया न अब तक। सदा दूर से हम उन्हें देखते हैं, मगर पास उसको बुलाया न अब तक ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · प्रेम · भुजंगप्रयात छंद 3 4 200 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2021 · 1 min read पिया अथाह प्यार दूँ । आधार छन्द - "नित" (मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी- लगा लगा लगा लगा समान्त- "आर", पदान्त -"दूँ" पिया अथाह प्यार दूँ । वसंत सा सँवार दूँ। प्रथम मिलन उमंग में, निहाल प्राण... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · नित छंद 3 1 188 Share लक्ष्मी सिंह 4 Sep 2019 · 1 min read गणेश वंदना _आनंद_वर्धक_छंंद_ मापनी_2122_2122_212 बाल गणपति! भाल पर चंदा सजे। शोकहारी! जग तुम्हेँ ज्यादा भजे।। हो सदाशुभ लाभ के दाता तुम्हीं। कामगति! ब्रह्मांड के ज्ञाता तुम्हीं। थाल में मोदक लगाया भोग है।... Hindi · आनंद वर्धक छंद · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · भजन 2 1 203 Share लक्ष्मी सिंह 6 Sep 2019 · 1 min read गणेश वंदना .रक्ता छंद सृजन मापनी....२१२ १२१ २ श्री गणेश बोलिये। भक्ति भाव घोलिये। आरती उतार लो। देव को निहार लो। श्री महेश लाल हो। दीन के दयाल हो। सूंड़ एक दंत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · भजन · रक्ता छंद · वंदना 2 1 408 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2020 · 1 min read वक्त का मार है _विमोहा_छंद_ मापिनी 212 212 वक्त का मार है। आज बीमार है। क्या करे वो भला, आप लाचार है। भोग पाया नहीं, जीभ में लार है। चीखने वो लगा, जिंदगी खार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 403 Share लक्ष्मी सिंह 22 Mar 2020 · 1 min read जनता कर्फ्यू वीर छंद आधारित गीतिका ★★◆◆◆●●★★◆◆◆●●●★★◆◆◆★★ रोग भयानक कोरोना का, मचा रहा जग में उत्पात| त्राहि-त्राहि है जनमानस में, बिगड़े है सबके हालात| मंदिर-मस्जिद चर्च दुकानें, बंद हुए सारे बाज़ार, विद्यालय,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 388 Share लक्ष्मी सिंह 25 Dec 2020 · 1 min read धूप गीतिका आधार छंद : बरवै मात्रिक विधान : १९ मात्राएँ, १२ एवं ७ सुबह सबेरे जब भी, आई धूप। सबके मन को कितना , भाई धूप। जगमग जगमग करती, आती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 363 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2021 · 1 min read व्यापार आधार छंद -विधाता 1222 1222 1222 1222 समय के साथ जो बदले,वही व्यापार होता है। गिरे को ही उठना त़ो,सतत व्यवहार होता है। मुनाफे के लिए बातें,बनाना खूब आता है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · विधाता छंद 2 2 155 Share लक्ष्मी सिंह 5 Feb 2021 · 1 min read मिली उर्वशी अप्सरा, मिली उर्वशी अप्सरा,या है कोई ख्वाब। प्रेम ईष्ट आकृष्ट हो,लायी एक गुलाब।। मदमाती मनमोहनी, मनहर मोहक रूप। मृगनयनी मायावती, मुस्काती मुख धूप।। अधरों पर फैला हुआ,है अद्भुत उन्माद । चंचल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · प्रेम 2 1 323 Share लक्ष्मी सिंह 20 Feb 2021 · 1 min read बसंत आधार छंद-भुजंगप्रयात 122 122 122 122 हवा ये बसंती बहुत ही सुखद है । घुले प्राण मधुकर सुधा-सा शहद है। धरा है सुवासित खिले पुष्प सारे, भरा हर तरफ देखिये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · बसंत · भुजंगप्रयात छंद 2 2 209 Share लक्ष्मी सिंह 26 Feb 2021 · 1 min read प्रार्थना उपेंद्रव्रज्रा छंद 121 221 121 22 महेश देवेश त्रिशूलधारी । महाबली सत्य जयी बिहारी। दया करो हे प्रभु दीनदयाला, बने रहे भक्त सदा पुजारी। खड़े हुए हैं मुनि सेवकाई, लगा... Hindi · उपेंद्रव्रज्रा छंद · ग़ज़ल/गीतिका · प्रार्थना · भजन · वंदना 2 2 330 Share लक्ष्मी सिंह 2 Mar 2021 · 1 min read खोल नैन द्वार माँ। आधार छंद:-शिव 21 21 21 2 खोल नैन द्वार माँ। देख एक बार माँ। द्वार पर खड़ी सुता, हाथ को पसार माँ। हाथ जोड़कर पड़ी, दो असीम प्यार माँ। शीश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · वंदना · शिव छंद · स्तुति 2 1 283 Share लक्ष्मी सिंह 5 Jan 2022 · 1 min read जीवन जीवन कितना खारा है। सहर्ष इसे स्वीकारा है। हँसते हँसते इस जीवन में, दुःख से किया किनारा है। सुबह की सूर्य किरण बनकर, गम के बादल को फारा है। अपनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 263 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2022 · 1 min read अभिव्यक्ति 2212 2212 2212 22 छंद-माधुरी उर भावना अनुभूतियों का भान होता है, अभिव्यक्त कर पाना कहाँ आसान होता है । संवेदनाएं भावनाएं मूकदर्शक बन, आधात सहते पथ पथिक नादान होता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · माधुरी छंद 2 3 219 Share लक्ष्मी सिंह 10 Jul 2017 · 1 min read बेटी की पुकार ???? बेटा बेटी एक समान बता क्यूँ नहीं देते? जमाने के आँखों से ये पर्दा हटा क्यूँ नहीं देते? बेटों से कभी कम नहीं है बेटियाँ, इसे भी बराबरी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · बेटी/बेटियां 1 338 Share लक्ष्मी सिंह 2 Aug 2017 · 1 min read शिव महिमा ???? सावन माह हे शिव भक्त करे पुकार तेरा। जयकारे की गूँज से, गूँज रहा संसार तेरा। झूठी दुनिया, झूठे रिश्ते-नाते सब सिर्फ़ सच्चा एक दरबार तेरा। हे शिव शंकर,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 339 Share लक्ष्मी सिंह 2 Oct 2017 · 1 min read बहुत दिन हुए अब तो चले आओ ?????? बहुत दिन हुए अब तो चले आओ। मुहब्बत में इतना हमें ना तड़पाओ । राह खड़ी हूँ बन के फरियादी, विरह की अग्नि में यूँ ना जलाओ। तेरी ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 431 Share लक्ष्मी सिंह 7 Oct 2017 · 1 min read पहला पहला प्यार ?? ललित छंद?? पहला - पहला प्यार जगत में, माँ का ही होता है। भगवान जैसा प्यार माँ के, प्यार से झलकता है।। हर बच्चे का पहला रिश्ता, माँ से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 490 Share लक्ष्मी सिंह 3 Nov 2017 · 1 min read बेटियाँ जब भी अपने मायका आती है ?????? बेटियाँ जब भी अपने मायका आती है। लेने नहीं बहुत कुछ देने ही आती है। दुआओं का अमृत कलश वो साथ लाती है, बेटियाँ बोलो कब खाली हाथ आती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · बेटी/बेटियां 1 453 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read मैं मतवाला मस्त फकीरा मैं मतवाला मस्त फकीरा, कोई हमारा नहीं है। इस जग का हमें मोह माया , तनिक भी प्यारा नहीं है। धरती पर मनुज का जन्म तो, मिलता बहुत ही भाग्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 174 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read ऐसे ना मुझको तुम तड़पाया करो। ? ? ? ? ऐसे ना मुझको तुम तड़पाया करो। याद आने से पहले आ जाया करो। देख आया है सावन रंगीला सनम, करके वादा यूँ तुम ना भुलाया करो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 207 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read बात-बात पर क्यों रोती हो? ? ? ? ? बात-बात पर क्यों रोती हो? द्युति प्राण की क्यों खोती हो? दर्द छुपा कर दिल में रखना, सजल नयन में क्यों मोती हो? सुख-दुख तो आना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 168 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2018 · 1 min read जीत कर भी हार जाना चाहिए। ? ? ? ? जीत कर भी हार जाना चाहिए। फासले ऐसे मिटाना चाहिए। बात छोटी जो करे कोई भूलकर, दिल बड़ा अपना बनाना चाहिए। खून के रिश्ते बड़े अनमोल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 443 Share लक्ष्मी सिंह 24 Dec 2019 · 1 min read है नहीं मुश्किल ज़रा तुम प्यार कर देखो। 2122 2122 21222 है नहीं मुश्किल ज़रा तुम प्यार कर देखो। जीत कर भी प्यार में तुम हार कर देखो। हो भरा मन में अहं तो प्रेम कैसे हो, यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 173 Share लक्ष्मी सिंह 24 Dec 2020 · 1 min read सर्दी गीतिका आधार छंद : बरवै मात्रिक विधान : १९ मात्राएँ, १२ एवं ७ नित्य दिवस सर्दी का, ऐसा वार। चलती रहती तन पर, ज्यों तलवार। मोजे, स्वेटर, पहने, सारे लोग,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 301 Share लक्ष्मी सिंह 28 Dec 2020 · 1 min read घने बादलों बीच रोला छंद आधारित गीतिका.,.. घने बादलों बीच, झांकती हूँ मैं अक्सर। हम दोनों के बीच, नहीं कोई है अंतर। पीड़ा हृदय अपार,भरा हैं विस्तृत कोना, क्रंदन करती नित्य, झड़ी पलकों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 167 Share लक्ष्मी सिंह 1 Jan 2021 · 1 min read नया साल आया गीतिका आधार छन्द-सगुन 122 122 122 121 नया साल आया लिए स्वप्न द्वार। हृदय से लगा लो नजर लो उतार। करो कामना सब मिटे हर मलाल, नयन में सजे अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 219 Share लक्ष्मी सिंह 1 Jan 2021 · 1 min read नव वर्ष विधा - वीर छंद आओ स्वागत करें तुम्हारा, हे नवल वर्ष के नवल प्रभात। स्वर्ण किरण की साये में भर,लाना खुशियों की सौगात ।। १ वर्ष दो हजार इक्कीस की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · वीर छंद 1 3 148 Share लक्ष्मी सिंह 5 Jan 2021 · 1 min read हुई रात काली फलक पे सितार। आधार छन्द-सगुन 122 122 122 121 हुई रात काली फलक पे सितार। हृदय में बजे तब गमों के गिटार। खुदा जानता है किये क्या गुनाह, दबे पाँव आते चले गम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · विरह · सगुन छंद 1 371 Share Page 1 Next