Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2023 · 1 min read

तुम से प्यार नहीं करती।

बात समझ लो सच्ची झूठी, तुम से प्यार नहीं करती।
दिल असमंजस में है अब भी,जा इजहार नहीं करती।

प्रेम भरा इस निश्छल मन में,दर्द कशक दिल में कोई,
मगर देखकर सामने तुमको, मैं इकरार नहीं करती।

छिप-छिप करके चोरी-चोरी, तुमको देखा करती हूँ,
प्यास भरी है इन आँखों में,आँखें चार नहीं करती।

दिल ने हिम्मत की तो लब ने, बातों को झुठलाया।
इश्क़-विश्क में पड़ कर खुद को,यूँ बेजार नहीं करती।

तुम अपना सा लगते मुझको,पर अपनाना मुश्किल है,
एक दफा बस गलती कर दी, बारंबार नहीं करती।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

5 Likes · 4 Comments · 327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
क्षतिपूर्ति
क्षतिपूर्ति
Shweta Soni
तिरंगा
तिरंगा
लक्ष्मी सिंह
महसूस करो दिल से
महसूस करो दिल से
Dr fauzia Naseem shad
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
प्रेम
प्रेम
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
21वीं सदी के सपने (पुरस्कृत निबंध) / मुसाफिर बैठा
21वीं सदी के सपने (पुरस्कृत निबंध) / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"अक्ल बेचारा"
Dr. Kishan tandon kranti
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Sakshi Tripathi
कल तक थे वो पत्थर।
कल तक थे वो पत्थर।
Taj Mohammad
ये ज़िंदगी
ये ज़िंदगी
Shyam Sundar Subramanian
*कुछ भूल मैं जाता रहा(हिंदी गजल/गीतिका)*
*कुछ भूल मैं जाता रहा(हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
■ दिल
■ दिल "पिपरमेंट" सा कोल्ड है भाई साहब! अभी तक...।😊
*Author प्रणय प्रभात*
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
SHAILESH MOHAN
🌹🌹🌹फितरत 🌹🌹🌹
🌹🌹🌹फितरत 🌹🌹🌹
umesh mehra
एक ही दिन में पढ़ लोगे
एक ही दिन में पढ़ लोगे
हिमांशु Kulshrestha
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
Rj Anand Prajapati
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
Sanjay ' शून्य'
2806. *पूर्णिका*
2806. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमारा सब्र तो देखो
हमारा सब्र तो देखो
Surinder blackpen
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
तुम्हारे लिए हम नये साल में
तुम्हारे लिए हम नये साल में
gurudeenverma198
DR अरूण कुमार शास्त्री
DR अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अब बस बहुत हुआ हमारा इम्तिहान
अब बस बहुत हुआ हमारा इम्तिहान
ruby kumari
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
शर्ट के टूटे बटन से लेकर
शर्ट के टूटे बटन से लेकर
Ranjeet kumar patre
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
भूख दौलत की जिसे,  रब उससे
भूख दौलत की जिसे, रब उससे
Anis Shah
समय बड़ा बलवान है भैया,जो न इसके साथ चले
समय बड़ा बलवान है भैया,जो न इसके साथ चले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चन्द ख्वाब
चन्द ख्वाब
Kshma Urmila
Loading...