लक्ष्मी सिंह Tag: मुक्तक 179 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2024 · 1 min read इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है । इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है । बिछा मोह का ताना-बाना, मानव इसमें क्यों जलता है। मृणमय जीव ब्रह्म है चिन्मय, अणु -कण में उसकी सत्ता... Hindi · Quote Writer · कोटेशन · मुक्तक 157 Share लक्ष्मी सिंह 30 Oct 2023 · 1 min read छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं। छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं। मोहब्बत में मोहब्बत से मुँह मोड़ जाते हैं। किस्मत बडी जिद्दी रही हर मंज़र बदल डाला - वो इतने सलीके से... Hindi · Quote Writer · कोटेशन · मुक्तक 3 3 169 Share लक्ष्मी सिंह 25 Oct 2023 · 1 min read अकेलापन गहन अकेलापन अंदर है। गहन अकेलापन बाहर है। सौ-सौ विष का ज्वार उमड़ता- गहन अकेलापन विषधर है। -लक्ष्मी सिंह Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 2 124 Share लक्ष्मी सिंह 9 Jul 2023 · 1 min read बुरा वक्त आप बुरे हो नहीं,अभी तो बुरा वक्त है । धैर्य धारण कीजिये,ये वक्त यदि सख्त है। छोड़ दुनिया की फिकर, खुद से प्यार कीजिये- नारी रूप तो सदा,खुद में ही... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 5 1 478 Share लक्ष्मी सिंह 18 May 2023 · 1 min read खोकर अपनों को यह जाना। खोकर अपनों को यह जाना। बहुत कठिन है उन्हें भुलाना। हृदय दग्ध अंतस पीड़ा से- उसमें खालीपन का आना। -लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · Quote Writer · मुक्तक 202 Share लक्ष्मी सिंह 1 Apr 2023 · 1 min read एक ऐसा मीत हो वासना से हो रहित उर सत्य पावन प्रीत हो। हो मिलन मन आत्मा का आत्मा की जीत हो। हो अटल विश्वास मन में प्रेरणा का श्रोत हो- बिन कहे हर... Hindi · Quote Writer · कोटेशन · मुक्तक 204 Share लक्ष्मी सिंह 1 Apr 2023 · 1 min read लिव-इन रिलेशनशिप (1) मात-पिता को त्याग कर,खुद हो गई अनाथ। सोचे समझे ही बिना,चल दी प्रेमी साथ। बड़ा भयानक भेड़िया,प्रेमी निकला दुष्ट। नित-दिन तन-मन नोचता,और उठाता हाथ।। (2) मन के अंदर था... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 2 169 Share लक्ष्मी सिंह 1 Mar 2023 · 1 min read जीवन जीवन लगता कितना चोखा। दे जाता पल में जो धोखा। प्राण पखेरू उड़ जाते हैं- सत्य शांति का राह अनोखा। -लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · Quote Writer · मुक्तक 282 Share लक्ष्मी सिंह 12 Oct 2022 · 1 min read हाथ माखन होठ बंशी से सजाया आपने। हाथ माखन होठ बंशी से सजाया आपने। श्याम सुंदर मोहना मन को रिझाया आपने। स्नेह का दीपक जला कर,संग मेरे हर घड़ी- हाथ मेरा थाम कर नित,पथ दिखाया आप ने... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 148 Share लक्ष्मी सिंह 15 Sep 2022 · 1 min read जब हम छोटे से बच्चे थे। जब हम छोटे से बच्चे थे। बिना समझ के कुछ कच्चे थे। पल-पल झूठ बहानेबाजी- फिर भी हम दिल के सच्चे थे। -लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 2 248 Share लक्ष्मी सिंह 20 Aug 2022 · 1 min read ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी, पहले खुद को आंक। इधर उधर क्यों झांकते, अपने अंदर झांक । दिल में है कचरा भरा, सड़ा हुआ मस्तिष्क- खुद की लुंगी है फटी,... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 1 194 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2022 · 1 min read जन्माष्टमी आज दिवस जन्माष्टमी, है जगमग संसार । लीला धारी कृष्ण का , हुआ आज अवतार। भक्ति भाव से मग्न हो,करें व्रत उपवास- कष्ट मिटाने आ गये, जग के पालनहार। -लक्ष्मी... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 1 199 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2022 · 1 min read पावस रिमझिम पावस की धारा है । अंतर आकुल अंगारा है। सुख सरिता सौरभ सुरत सरस- चित- चिंतन- चित्र तुम्हारा है। -लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · Quote Writer · मुक्तक 4 1 204 Share लक्ष्मी सिंह 16 Aug 2022 · 1 min read पावस की ऐसी रैन सखी पावस की ऐसी रैन सखी। डसती बूँदों की बैन सखी। तन-मन बेसुध उर व्याकुल है- चातक चित चाहे चैन सखी। -लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · Quote Writer · मुक्तक 4 1 211 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jul 2022 · 1 min read तुम न आये मगर.. तुम न आये मगर, राह तकती रही। दर्द बढ़ता गया , आह भरती रही। बाद इसके कहीं, मैं रहूँ ही नहीं, इश्क़ की बेबसी, चाह बढ़ती रही। -लक्ष्मी सिंह नई... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 233 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jul 2021 · 1 min read जिस घर में--- जिस घर के खाने का जायका लजीज़ नहीं होता है। तन-मन स्वस्थ रहता कोई भी मरीज़ नहीं होता है। जिस घर में संस्कृति संस्कारों का पाठ पढ़ाया जाता- उस घर... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 5 3 477 Share लक्ष्मी सिंह 25 Mar 2021 · 1 min read मौन आधार छन्द रूपमाला (मापनी युक्त मात्रिक) 24 मात्रा , मापनी-गालगागा गालगागा गालगागा गाल । ध्रुव शब्द - मौन 2122 2122 2122 21 मौन होता साधना आनंद का आधार । आत्मा... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 3 4 701 Share लक्ष्मी सिंह 19 Mar 2021 · 1 min read ऋतु राज पीली चुनर ओढ़ कर, आये हैं ऋतु राज पुलक उठा उपवन मगन, बजे प्रकृति के साज कलरव करते हैं विहग, गाते पंचम राग धरा सुसज्जित शोभती,स्वागत करती आज -लक्ष्मी सिंह... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 3 298 Share लक्ष्मी सिंह 16 Mar 2021 · 1 min read मत्तगयन्द सवैया विधा- मत्तगयन्द सवैया छंद (वर्णिक) शिल्प विधान- 7 भगण+गुरु गुरु मापनी- 211 211 211 211 211 211 211 22 उक्त छंद में एक गुरु के स्थान पर दो लघु की... Hindi · मत्तगयंद सवैया · मुक्तक · वंदना · स्तुति 2 5 690 Share लक्ष्मी सिंह 28 Feb 2021 · 1 min read प्रेम सुधा आधार छंद:-किरीट सवैया 211 211 211 211 211 211 211 211 प्रेम सुधा रसना जिसके उर में बहती रहती सरिता सम। नित्य निरंतर निर्मल पावन वो रहता मिटता उर का... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 519 Share लक्ष्मी सिंह 27 Feb 2021 · 1 min read चलना सिखाया आपने पंथ में हो मौन सुमनों को बिछाया आपने । शूल सारे चुन लिए पथ को सजाया आपने। स्नेह का दीपक जला कर,संग मेरे हर घड़ी- हाथ मेरा थाम कर चलना... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 1 421 Share लक्ष्मी सिंह 27 Feb 2021 · 1 min read अजनबी एक अजनबी शख्स से,मिली एक ही रात। आँखों आँखों में हुई, चाहत की हर बात। करवट बदला वक्त ने, छूटा उसका साथ- प्रणय मिलन की लालसा,मचा रहा उत्पात । लक्ष्मी... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 217 Share लक्ष्मी सिंह 27 Feb 2021 · 1 min read जिंदगी नेह देकर ज़िन्दगी हर, पल सजाया आप ने। दर्द सारे हर लिया उर, से लगाया आपने । कल्पना की तूलिका से,रंग सारे भर दिये - मैं अकिंचन प्रेम से थी,पथ... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 236 Share लक्ष्मी सिंह 26 Feb 2021 · 1 min read अजनबी नहीं जानती कौन हो,क्या है तेरा नाम। आये हो किस देश से,कहाँ तुम्हारा धाम । गले पड़े हो क्यों बता,नहीं जान पहचान- एक अजनबी शख़्स से,मुझे भला क्या काम। -लक्ष्मी... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 1 185 Share लक्ष्मी सिंह 22 Feb 2021 · 1 min read जलने दो शब्दान्त- "जलने दो" प्रेम पावनी उर में पलने दो। कंटक पथ पर यूँ ही चलने दो। नहीं हमें अब परवाह किसी की - दुनिया जलती है तो जलने दो। १।... Hindi · मुक्तक 1 2 251 Share लक्ष्मी सिंह 21 Feb 2021 · 1 min read विरह/बसंत (1) विरह ताप से तप्त हृदय है लगता जीवन खार पिया । ऐसे में वसंत का आना लगता है अंगार पिया। व्याकुल अंतस चातक नैना विकल अश्रु दिन रात बहे-... Hindi · मुक्तक 2 1 499 Share लक्ष्मी सिंह 20 Feb 2021 · 1 min read जिन्दगी नहीं हमें फुर्सत मिली, आया न तुझे ख्याल। गुजर गई जब जिन्दगी,करते रहें मलाल ।। साया बनकर थे कभी,जले धूप में साथ- दिले तमन्ना तोड़ कर,हैं दोनों बेहाल।। -लक्ष्मी सिंह... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 299 Share लक्ष्मी सिंह 18 Feb 2021 · 1 min read मनमीत 1222 1222 122 चले आओ प्रणय का गीत गाते । अधर पर धोल दो रस प्रीत गाते। मिलन हो फिर नया वरदान पाऊँ, हरो पीड़ा मदन मनमीत गाते। -लक्ष्मी सिंह... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 206 Share लक्ष्मी सिंह 16 Feb 2021 · 1 min read बंद पंछी 2122 2122 21222 पिंजरे में बंद पंछी सा,तड़पते हम । पंख हैं घायल बदन पर चोट सहते हम। क्या कहूँ किसको बताऊँ कौन है अपना- है बने कैदी मगर अब... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 336 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2021 · 1 min read अच्छा लगता है प्रियवर पास तुम्हारा आना,अच्छा लगता है। आगे बढ़कर गले लगाना, अच्छा लगता है। जगते उर के कलरव सोये,धड़कन बढ़ जाती- ऐसे में मेरा इतराना, अच्छा लगता है । -लक्ष्मी सिंह... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 3 353 Share लक्ष्मी सिंह 12 Feb 2021 · 1 min read त्रासदी त्रासदी ये बड़ी भयानक है। किन्तु आयी नही अचानक है। दे निमन्त्रण विनाश को न्योता - अंध मनु लोभ बुद्धि पातक है। -लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · Quote Writer · मुक्तक 217 Share लक्ष्मी सिंह 12 Feb 2021 · 1 min read शौचालय गाँव-गाँव हर गली-गली में, नई चेतना लाना है । स्वच्छ रहे परिवेश हमारा,शौचालय बनवाना है। इधर- उधर कूड़ा मत फेकों, पॉलीथिन का त्याग करो- निर्मल स्वच्छ रहेगा भारत,यह अभियान चलाना... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 1 168 Share लक्ष्मी सिंह 7 Feb 2021 · 1 min read नमन साथियों हो जुबां पर हमेशा वतन साथियों । जब मरूँ तो तिरंगा कफ़न साथियों। नित अमन से भरा हो चमन सा वतन- कर चले आखिरी हम नमन साथियों। -लक्ष्मी सिंह नई... Hindi · मुक्तक 1 151 Share लक्ष्मी सिंह 5 Feb 2021 · 1 min read सृष्टि सारी नाचती सृष्टि सारी नाचती है,नित्य प्रभु के ताल पर। सूर्य सा शोभित हुआ है ,चंद्र जिसके भाल पर। प्रार्थना मैं कर रही हूँ हाथ दोनों जोड़ कर- दृष्टि अपनी डालिए अब... Hindi · मुक्तक 2 1 411 Share लक्ष्मी सिंह 5 Feb 2021 · 1 min read किया वादा किया वादा कसम खाई हमारे साथ रहने की कसक बढती रही दिल में नहीं है बात कहने की न जाने किस वहम ने आँख पर परदा लगाया था- वफ़ा के... Hindi · मुक्तक 4 2 251 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2021 · 1 min read जिंदगी 2122 2122 2122 212 शांत चित एकांत विस्मित ज़िन्दगी की ताल पर। नित्य कुसमित हो रहा दृग,स्वप्न सुरभित डाल पर। शून्य नीरव राग गाता साँस के हर तार पर- गूँथती... Hindi · मुक्तक 1 3 286 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2021 · 1 min read ज़िन्दगी जिंदगी की राह पर ,चलते ही जाते हैं। पाँव में काँटे कभी ,तो गुल भी पाते हैं। विष सुधा सम भाव से,मिलते हैं जीवन में- भूल कर गम गीत हम,... Hindi · मुक्तक 318 Share लक्ष्मी सिंह 31 Jan 2021 · 1 min read पैगाम प्रियवर हमको प्रेम भरा पैगाम लिखा है। छोड़-छाड़ के अपना सारा काम लिखा है। खोला जब हमने खत को तो इतना पाया- पूरे खत में सिर्फ हमारा नाम लिखा है... Hindi · मुक्तक 2 1 127 Share लक्ष्मी सिंह 31 Jan 2021 · 1 min read प्रेम प्रेम हमारा मीरा जैसा, या कृष्णा का राधा है। दोनों ही हैं कुछ पूरे से,दोनों में कुछ आधा है। दोनों ही थी प्रेम दिवानी,पगली गिरिधर नागर की- इक दूजे के... Hindi · मुक्तक 2 1 141 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jan 2021 · 1 min read जिंदगी जिंदगी संघर्ष है,ये जान जाते। एक नन्हा सा दिया, हम भी जलाते। मुश्किलों के राह पर,निर्भय निडर हम- गम भुला करके खुशी, के गीत गाते। -लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · मुक्तक 1 2 152 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jan 2021 · 1 min read रात भर आपकी याद आती रही रात भर। दर्द की एक धारा बही रात भर। छोड़ कर क्यों गये तुम मुझे इस तरह- सोचती रह गई बस यही रात भर । -लक्ष्मी... Hindi · मुक्तक 1 148 Share लक्ष्मी सिंह 25 Jan 2021 · 1 min read हठीले हो बड़े निष्ठुर बड़े निष्ठुर हठीले हो, हमारा वश नहीं तुमपर। मगर हम प्रेम करते हैं, बिठाया है तुम्हें अंतर। तुम्हीं भगवान नारायण,कृपा करके इधर देखो- तुम्हें कैसे रिझाऊँ मैं,नहीं आता मुझे मंतर।... Hindi · मुक्तक 2 1 228 Share लक्ष्मी सिंह 25 Jan 2021 · 1 min read प्रिये जब दूर जाते हो प्रिये जब दूर जाते हो,अधिक तब पास होते हो । अकेली मैं नहीं रहती,तुम्हीं अहसास होते हो। इधर देखूँ, उधर देखूँ, तुम्हें पाऊँ जिधर देखूँ- विरह की आग में तपकर,प्रणय... Hindi · मुक्तक 241 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jan 2021 · 1 min read आँखों में एक ख्वाब रखना विधा-लावणी छंद आँखों में एक ख्वाब रखना,जीवन सजाने के लिए। हौंसले को फौलाद करना,आगे बढ़ाने के लिए। मन को एकाग्रचित्त करके, लक्ष्य पर ही ध्यान रखना- नित्य निरंतर प्रयास करना,सफलता... Hindi · मुक्तक 1 447 Share लक्ष्मी सिंह 21 Jan 2021 · 1 min read सच्चाई की राह सच्चाई की राह,सदा हमको गहना है । हृदय प्रेम के दीप, जलाते ही रहना है। मानवता का फूल,खिले मन में आशाएँ- सुखमय हो संसार,नदी बनकर बहना है। लक्ष्मी सिंह नई... Hindi · मुक्तक 1 2 165 Share लक्ष्मी सिंह 21 Jan 2021 · 1 min read आया है वासंती मौसम आया है बासंती मौसम,पुष्प खिला मन उपवन में । प्रेम-गंध पा मुग्ध भ्रमर-सा,थिरक रहा मन आँगन में। मादकता सुरभित साँसों में,प्रेम कोंपलें महक रही- प्रणय बद्ध होने को आतुर,भरी प्रीत... Hindi · मुक्तक 1 1 201 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jan 2021 · 1 min read बचपन सबसे सुखमय कल है बचपन। मधुर सुनहरा पल है बचपन। बैर- द्वेष चिंता फिक्र नहीं- निर्मल गंगा जल है बचपन। -लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · मुक्तक 1 249 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2021 · 1 min read नियति खेल नियति का कहाँ सरल है। कभी सुधा तो कभी गरल है। मुश्किल पदचिन्हों पर चलना- काल चक्र चलता अविरल है । -लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · मुक्तक 3 3 149 Share लक्ष्मी सिंह 7 Jan 2021 · 1 min read फूल खिलकर फूल सदा उपवन में,भू की गोद सजाता है। फैला कर सुगंध समीर में, तन मन को महकाता है। सफल अल्प जीवन को करता,देकर यह सबकुछ अपना- टूटे बिखरे डाली... Hindi · मुक्तक 3 2 148 Share लक्ष्मी सिंह 3 Jan 2021 · 1 min read मंगल हो दिल में प्रेम भाव प्रतिपल हो| ऋद्धि-सिद्ध सुख शांति अमल हो| कर्म धर्म इतिहास मधुरमय- जग के जन-जन का मंगल हो| लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · मुक्तक 3 174 Share Page 1 Next