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nice…. मुक्तक…. लक्ष्मी सिंह ji……
ek Sher Hamara bhi अजनबी par….
तुम वहाँ रात दिन खुद में सिमटे रहे / मैं यहाँ अजनबी डर से लड़ता रहा
nice…. मुक्तक…. लक्ष्मी सिंह ji……
ek Sher Hamara bhi अजनबी par….
तुम वहाँ रात दिन खुद में सिमटे रहे
/ मैं यहाँ अजनबी डर से लड़ता रहा