DR.MDHU TRIVEDI Tag: कविता 459 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid DR.MDHU TRIVEDI 4 Nov 2016 · 1 min read भैया -भाभी भैया - भाभी लगते ऐसे श्वेत हँसों का जो जोड़ा जैसे एक दुआ अर्ज है खुदा से सदा सिंगार बने एक दूजे के मुस्कां आपकी भाभी में सजती हास की... Hindi · कविता 78 2 13k Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Sep 2016 · 2 min read मैं हिंदी हूँ मैं हिंदी हूँ ✍✍✍✍ मैं हिन्दी हूँ ,मैं हिन्दी हूँ भारत माँ के माथे की बिन्दी हूँ हिन्दी मेरी सखि सखा प्रियतम है मेरी चिर संग संगिनी अंगनि है निखर... Hindi · कविता 69 1 2k Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Feb 2021 · 1 min read कुछ खत मुहब्बत के वो खत मुहब्बत के या हृदय का राग कहूँ सुध -बुध खो बैठी उसे प्रेम की आग कहूँ प्रथम नैन मिलन में तुम मेरे बन काम गये अब मन मंदिर... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 92 82 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 1 min read तुम मेरी सखी हो तुम मेरी सखी हो सखी हो या सनेही तुम जो भी हो मेरी छाया हो क्योंकि तुम मेरी सखी हो मेरे सोते जागते उठते बैठते साथ मेरे रहती हो क्योंकि... Hindi · कविता 72 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ जमा कर पैर रखना राह कंकडों से सभलना है अकेले जिन्दगी की इस डगर पर आज बढ़ना है बड़े ही लाड़ से जो बेटियाँ पलती पिता की जब सिखा देना... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 74 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 15 Jul 2016 · 1 min read मैं सड़क हूँ मैं सड़क हूँ ✍✍✍✍✍✍ स्थिर अस्थिर टूटी-फूटी निरन्तर घाव सहन करती एक छोर से दूसरे छोर कहाँ तलक चली जाती इंसानियत से हो बेखबर एक जमाना लिया भोग उत्थान -पतन... Hindi · कविता 70 2 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ रात के अधेरों में कोई अपना आवाज लगाता है । शान्त चित्त से मेरे मन को बर बस लुभाता है।। शायद किसी सहायता की... Hindi · कविता 73 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Nov 2018 · 2 min read माँ माँ **** माँ तो बस माँ कहलाए हिरदय माल हमें बनाती है। हर सांस अपनी कर कुर्बान जीवन जीवंत बनाती है।। नेह उसका बरसे अपार बारिश की मस्त फुहारों सा,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 83 32 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Dec 2020 · 1 min read कोरोना आया अदृश्य वायरस , हाथ सैनेटाइज कर। हाथ सैनेटाइज कर, खूब सैनेटाइज कर ।। मास्क को मुख पर लगा , हाथ ग्लोब्स पहन कपडे सैनेटाइज कर, सोशल डिस्टेंस रख मैं... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 94 38 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read मन से मन का दीप जलाओ मन से मन का दीप जलाओ ✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍ मन से मन का दीप जलाओ जगमग - जगमग दीवाली मनाओ धनियों के घर वन्दरबार सजती निर्धन के घर लक्ष्मी न ठहरती मन... Hindi · कविता 72 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Sep 2021 · 1 min read नित्य नियम सूरज का नित्य निकलना चाँद का गगन में दिखना कुछ कहता , कुछ समझाता है सृष्टि चक्र चलता निरन्तर मानव भी देह छोड़ता है नित्य उदय , अवसान होता है... Hindi · कविता 80 3 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Jun 2021 · 1 min read नशा मुक्त भारत नशा मुक्त भारत होगा जब नशा मुक्त खुद को बनाओ छोड़ इस बुरी आदत को घर का चूल्हा पहले जलाओ नशा है एक ऐसी ज्वाला जिसमें खुद आत्म दाह करो... Hindi · कविता 79 4 958 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jan 2022 · 1 min read हैप्पी न्यू इअर हैप्पी न्यू इअर , हैप्पी न्यू इअर सूनो मेरे डीअर , हैप्पी न्यू इअर आशा और विश्वास से युक्त हो नये उत्साह , उमंग से पूर्ण हो रहो अजीज बन... Hindi · कविता 79 928 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jan 2017 · 1 min read नर- नारी (आज और कल) नर और नारी (आज और कल) ✍✍✍✍✍ क्या वजूद है नर के बिन नारी का एक गाड़ी के दो पहिए जैसे गर नर नहीं होता तो न चलता संसार की... Hindi · कविता 75 2 911 Share DR.MDHU TRIVEDI 26 Dec 2021 · 1 min read पढ़ा लिखा है तू पढ़ा लिखा है तू रात दिन जगा है तू इसलिये घिसट घिसट जूता घिसा है आँखे दिखलाता , गुर्राता है मालिक दिन रात मेहनत कर जिन्दा रहा है Hindi · कविता 79 898 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 1 min read मैं नहीं शब्द शिल्पी मैं नहीं कोई शब्द शिल्पी जो शब्दों की ग्रन्थमाला गूथू लिख साहित्य की विविध विधाए गधकार कहानीकार मुक्ततकार और अनेकानेक कार कहलाऊ मैं नहीं कोई शब्द शिल्पी जो देख निकलते... Hindi · कविता 73 862 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Jun 2021 · 1 min read पर्यावरण पर्यावरण बचाओ हरा -भरा उपवन हो चहकता सा आँगन हो स्वच्छ वायु बहा करे मन प्रसून खिला करे संकल्प सब लीजिये नित वृक्ष लगाए हम ताप को दूर भगाइये सुरम्य... Hindi · कविता 75 840 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Oct 2021 · 1 min read बह्मचारिणी माँ ज्योति स्वरूप है भव्य रूप है श्वेत वसन धारिणी माँ नमो नमो बह्मचारिणी , नमो नमो शत्रु विनाशिनी माँ दाहिने कर अक्ष माला बाये कर में कमण्डल सोहे सहज सरल... Hindi · कविता 79 819 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Jun 2016 · 1 min read दर्द दर्द जो वक्त ने दिया खुश हो कर मैने पी लिया सारा दर्द जो परायों ने दिया पानी सा समझ बहा दिया सारा दर्द ही यह है सार मेरा दर्द... Hindi · कविता 73 3 799 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jun 2021 · 1 min read वर्षा वाबरी पागल-वर्षा बाँवरी मन ही मन बौराई तपती धरती जैसे जैसे बरखा बरसे तैसे तैसे धरती भीगी कन कन भीगा मन छन छन तृण तृण में शीतलता लाई पागल-वर्षा बाँवरी मन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 87 8 824 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Feb 2022 · 1 min read अपराजिता वंश आगे बढ़ाएगी , पढ़ी लिखी होगी नौकरी करेगी , खर्चों में हाथ बटाएगी परिवार का ध्यान रखेगी , नाते रिश्तेदारी को निभाएगी सब कुछ करने के बावजूद न पूरा... Hindi · कविता 65 756 Share DR.MDHU TRIVEDI 21 Jun 2021 · 1 min read योग दिवस चलो चले मिल कर योग करे काया को अपनी निरोग करे नित सूर्य नमस्कार करे हम प्राणायाम और ध्यान धरे हम चुस्त , दुरूस्त हो प्रति क्षण सुखद जीवन का... Hindi · कविता 80 2 754 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Feb 2021 · 1 min read उर्मिला का त्याग (दोहा गीतिका) वसुधा पर उर्मिले का , जाने आप त्याग तपस्विनी वो जन्म ले ,यही समय की मांग मान प्रिये का बडा हो , आज्ञा लूँ मैं मान भातृ प्रेम पिय रखे... Hindi · कविता 77 2 835 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Dec 2021 · 1 min read खिलने दो ढलती हो भले ही उम्र पर न मन को ढलने दो कोशिशें हो गिराने की हौसलें आसमां चढ़ने दो हो जाए हाथपैर शिथिल दमखम छोड़े साथ जब तरोताजा कर महसूस... Hindi · कविता 79 1 731 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jun 2021 · 1 min read बरसात के बादल ऐ बादल दूर गगन के जरा धरती पर आ बरस जर्रा -जर्रा सूखा धरती का कुछ तो दिखा तरस रोम -रोम जलता है दावानल सा दहकता है कोई तो बादल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 81 9 723 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read आसक्ति तुम जिसे आसक्ति कहते हो मैं उसे प्यार कहती न पता कोई कस्तूरी है या मरीचिका जो खीच लाई है तुम्हें पास मेरे शनै - शनै यहीं तो मारग है... Hindi · कविता 73 764 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read चाँद और बादल धुंध की चादर पसरे धरा रूप निहार सभाले धूप हो गई है गुलाबी मौसम अंगराई मारे बादल श्वेत परिधान पहने चाँद ओट से झाँके देखता जमीं के नजारे मुझ पर... Hindi · कविता 79 1 727 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jan 2017 · 1 min read नर- नारी नर -नारी ✍✍✍ सतत निर्झरिणी सी बहती हूँ सबके ही दिल में रहती हूँ नर की मर्यादा बन सजती हूँ मैं नारी हूँ पिता के आँगन की शोभा भी मैं... Hindi · कविता 74 750 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Sep 2021 · 1 min read चित्त चोर ओ चित्त चोर मुरली मुझे अपनी बना ले बना वेणु अधरों से लगा ले सुन बाँसुरी गोपियाँ बेसुध गायें भी सुने हो बेसुध ऐसी मोहनि मुरली बना ले सज कटि... Hindi · कविता 81 3 684 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Dec 2021 · 1 min read नैन की भाषा कुछ बोलते हुए लगते है परत मन की खोलते है कभी संकोच करते है कभी भूमि पर टिकते है भाषा नैनों की अजीब होती है अन्तस में उतर सजीव होती... Hindi · कविता 81 1 711 Share DR.MDHU TRIVEDI 16 Oct 2021 · 1 min read श्रद्धा भाव भक्ति भाव प्रभु के प्रति होना चाहिए स्नेह भाव भी अपनों से होना चाहिए पर दूसरों को भी मत इग्नोर करिए श्रद्धा भाव वसुधा के प्रति होना चाहिए बीज भक्ति... Hindi · कविता 80 1 679 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read तबियत प्रश्न बत्तियां बुझी क्यों है चेहरे के आपकी लगता है अजीबोगरीब घटित हुआ है कुछ वरना चुप न रहते तुम चुप्पी मजबूर करती है कुछ सोचने के लिए तह में... Hindi · कविता 80 677 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jan 2017 · 1 min read थम जाता थम जाता ✍✍✍✍✍ पल वो एक थम जाता तो हिसाब तेरे चूकता मैं सब कर देती पल एक वो थम जाता तो वर्ष नए को तब मैं सुधार लेती पल... Hindi · कविता 73 755 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Jan 2017 · 1 min read साम्यवाद दामन में मुँह छुपाये बैठे है अजब निराले कौतूक करके बैठे है पाक साफ बनते है सरेआम शोषण करते है जनता के बीच सिर उठा चलते है अपने को बड़ा... Hindi · कविता 73 691 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Sep 2021 · 1 min read वीर हनुमान बालपन में हनुमान थे बहुत ही शैतान साधु संतों को सताते वो होकर जान भूल जाओ शक्तियां तुम देते श्राप संत पर बजरंगी नटखटपन का था न अन्त बालपन निगल... Hindi · कविता 80 1 683 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Jul 2021 · 1 min read सभ्यता नगरीकरण का द्योतक सभ्यता उत्थान पतन की सूचक सभ्यता भौतिक प्रगति को बतलाती निरक्षर से अक्षर ज्ञान करवाती प्रतिभा का परचम मनवाती ऐसी रही है अब तक मेरी सभ्यता सिन्धु... Hindi · कविता 79 2 691 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Oct 2021 · 1 min read भँवर अज्ञात उलझनों से भरी है जिन्दगी आरोह अवरोह की सीढ़ी है जिन्दगी कभी प्रगति के पथ खोले जिन्दगी कभी पतन के भँवर ढकेले जिन्दगी आरोह की ओर उन्मुख होते सपने... Hindi · कविता 77 703 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Apr 2022 · 1 min read जगत कल्याणी , दुख हारिणि जगत कल्याणी , दुख हारिणि कष्ट विनाशिनी , शुभ दायिनी माँ घर मेरे पधारी है घट स्थापना करूँ , द्वार सजाऊँ माँ को लाल चूनरिया पहनाऊँ माँ कहलाती है बुद्धि... Hindi · कविता 41 670 Share DR.MDHU TRIVEDI 24 Apr 2022 · 1 min read पृथ्वी रत्नगर्भा है पृथ्वी , हमको पोषित करती है । अन्न जल दे, नित्य हमको रोपित करती है।। खेत खलिहानों में गेहूँ बालें जब इतराती है । पहन परिधान धानी प्रकृति... Hindi · कविता 1 682 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Feb 2022 · 1 min read लता जी को नमन तुमने सुर से फिल्म संसार सजाया है वसुधा पर आ हर शख्स को लुभाया है जब चली गयी हो देवलोक को अब तुम एक बार हम सबको खूब रूलाया है Hindi · कविता 65 677 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 1 min read रूह रूह एक दिन बदन से निकल जायेगी बस यूँ ही तकदीर सभल जायेगी किरण आसमा बन लपट जलं जायेगी नीचे वालों की क्यूं याद कल जायेगी नदियाँ बह चट्टान में... Hindi · कविता 73 660 Share DR.MDHU TRIVEDI 14 Sep 2021 · 1 min read हिन्दी जब हिचकोले लिया करती हिन्दी जब हिचकोले लिया करती शिशु की पदचापों में थिरकती है नन्हा सा निर्दोष बोले जब ' माँ ' सुनकर माँ फूली नही समाती है अर्ध शब्द हो स्फुटित मुख... Hindi · कविता 81 1 668 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Dec 2021 · 1 min read खिलौना कोई भी खेल न भाये गुड्डा - गुड़िया न आये आधुनिकता का प्रतीक मोबाइल ही बस भाये भूले बच्चे गुल्ली डण्डा भूले है खेलना कन्चा छोड़ कर सारे खिलौने मोबाइल... Hindi · कविता 80 637 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Dec 2018 · 1 min read जिन्दगी को नाम तेरे जिन्दगी को नाम तेरे कर मुहब्बत क्या करूँ ख्वाहिशें तेरी दहकती तो सियासत क्या करूँ आयना तू रुप का मेरा बना है आज जब तब किसी के कुछ कहन पर... Hindi · कविता 75 2 642 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Mar 2022 · 1 min read जिजीविषा क्या जिजीविषा नहीं पैदा होगीं जीने की जब मरा होगा खाकर वह गोली सीने की क्या हालत हुई होगी उस पुत्र के पिता की जिसकी चाह रही थी कुछ कर... Hindi · कविता 59 694 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Aug 2016 · 1 min read दोष यूँ देना दोष यूँ देना आम है तेरा पाठ पढाना भी आम है तेरा रोशनियाँ जब बुझ चुकी है सब अब सोना भी काम है तेरा तू मय पिलाता कंजूसी से गुलजार... Hindi · कविता 72 722 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jan 2022 · 1 min read नव वर्ष सजा द्वार स्वागत करती हूँ नव वर्ष मन मुदित है मन प्रसन्न है देख तुमको कितने सपन सजा रखे है सुकमारों ने खेलेगे कूदेगें किलकारी भरा करेगे भोली हरकतों से... Hindi · कविता 78 658 Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Feb 2021 · 1 min read वसंत छ ऋतुओं वाला मेरा देश विविध वेश भूषा वाला देश यौवन हर बीथि में दिखता मौसम अमराई को भरता त्रतुराज बसंत खेला करता । काली कोकिल कूँ कूँ करती जब... Hindi · कविता 75 2 650 Share DR.MDHU TRIVEDI 15 Jan 2022 · 1 min read जनवरी जनवरी , जब तुम आती हो ढेर सारी खुशियाँ लाती हो जन -मन उमंग से भर जाए हर्ष बादल धरा पर घिर आए न्यू ईयर मना रही है प्रकृति नव... Hindi · कविता 77 675 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Jun 2021 · 1 min read नैनों में चितवन नैनों में चितवन निखरे कपोलों में उपवन खिले दामिनि सा है स्मित हास्य बदन पर है दुरीय लाज विचर कर मन बीथियों में गुँजित हो सिसकियों में प्राणों में भरते... Hindi · कविता 80 4 629 Share Page 1 Next