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1 Jan 2022 · 1 min read

नव वर्ष

सजा द्वार स्वागत करती हूँ नव वर्ष
मन मुदित है मन प्रसन्न है देख तुमको
कितने सपन सजा रखे है सुकमारों ने
खेलेगे कूदेगें किलकारी भरा करेगे
भोली हरकतों से हम रिझाया करेगें
हे नव वर्ष तुम बीते दो वर्ष जैसे न होना
क्योंकि मन प्रफुल्लित है देख तुमको
सजा द्वार स्वागत करती हूँ नव वर्ष

युवाओं सारे आशा से परिपूर्ण है
नया नया जोश उनमें जागा है
नव सोपान रचेंगे देश को बढायेंगे
नव सपनों का भारत बनायेगे
पर कोई प्रगति में बाधक बने
ओमिक्रान अपना विस्तार न करे
क्योंकि मन हुलसित है देख तुमको
सजा द्वार स्वागत करती हूँ नव वर्ष

Language: Hindi
78 Likes · 650 Views
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