Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2022 · 1 min read

हैप्पी न्यू इअर

हैप्पी न्यू इअर , हैप्पी न्यू इअर
सूनो मेरे डीअर , हैप्पी न्यू इअर

आशा और विश्वास से युक्त हो
नये उत्साह , उमंग से पूर्ण हो
रहो अजीज बन दिल के नियर
हैप्पी न्यू इअर , हैप्पी न्यू इअर

रच दो तुम मिल रचनाएं नवीन
जीवन की कला में हो प्रवीन
खिले खुशी मुँह न हो भय डियर
हैप्पी न्यू इअर , हैप्पी न्यू इअर

छोड़ो बीते वर्ष की कु स्मृतियां
सहेजों मस्तिष्क में सु स्मृतियां
खुल कर साँस लो खुली एअर
हैप्पी न्यू इअर , हैप्पी न्यू इअर

आशंकाओं से मत घबराओ
विपदाओं को तुम दूर भगाओ
जगा जोश न बहाओ टीअर
हैप्पी न्यू इअर , हैप्पी न्यू इअर

अनहोनी आ टलेगी विश्वास रख
जीवन बगिया खिलेगी आस रख
फौलादी सीने में करो सब बीअर
हैप्पी न्यू इअर , हैप्पी न्यू इअर

Language: Hindi
79 Likes · 925 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
तुम याद आ गये
तुम याद आ गये
Surinder blackpen
#डिबेट_शो
#डिबेट_शो
*Author प्रणय प्रभात*
सामाजिक रिवाज
सामाजिक रिवाज
अनिल "आदर्श"
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
Seema Verma
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*सांच को आंच नहीं*
*सांच को आंच नहीं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
शिव मिल शिव बन जाता
शिव मिल शिव बन जाता
Satish Srijan
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
जब असहिष्णुता सर पे चोट करती है ,मंहगाईयाँ सर चढ़ के जब तांडव
जब असहिष्णुता सर पे चोट करती है ,मंहगाईयाँ सर चढ़ के जब तांडव
DrLakshman Jha Parimal
(16) आज़ादी पर
(16) आज़ादी पर
Kishore Nigam
तअलीम से ग़ाफ़िल
तअलीम से ग़ाफ़िल
Dr fauzia Naseem shad
गुमनाम मुहब्बत का आशिक
गुमनाम मुहब्बत का आशिक
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त
Mangilal 713
गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है
गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अंधभक्तो अगर सत्य ही हिंदुत्व ख़तरे में होता
अंधभक्तो अगर सत्य ही हिंदुत्व ख़तरे में होता
शेखर सिंह
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कौन्तय
कौन्तय
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
पिता
पिता
Dr Parveen Thakur
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
Sahil Ahmad
गृहस्थ के राम
गृहस्थ के राम
Sanjay ' शून्य'
इंसानियत
इंसानियत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हां....वो बदल गया
हां....वो बदल गया
Neeraj Agarwal
ठहराव सुकून है, कभी कभी, थोड़ा ठहर जाना तुम।
ठहराव सुकून है, कभी कभी, थोड़ा ठहर जाना तुम।
Monika Verma
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
Govind Kumar Pandey
माँ
माँ
Arvina
तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून
तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"Strength is not only measured by the weight you can lift, b
Manisha Manjari
मदर्स डे (मातृत्व दिवस)
मदर्स डे (मातृत्व दिवस)
Dr. Kishan tandon kranti
डरने कि क्या बात
डरने कि क्या बात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...