बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 66 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 3 Oct 2022 · 1 min read दोहा छंद "वयन सगाई अलंकार" वयन सगाई अलंकार / वैण सगाई अलंकार चारणी साहित्य मे दोहा छंद के कई विशिष्ट अलंकार हैं, उन्ही में सें एक वयन सगाई अलंकार (वैण सगाई अलंकार) है। दोहा छंद... Hindi · दोहा छंद · वयन सगाई अलंकार · वैण सगाई अलंकार 1 622 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 16 Aug 2022 · 1 min read सुगति छंद "शांति" सुगति छंद / शुभगति छंद शांति धारो। दुःख टारो।। सदा सुखदा। हरे विपदा।। रस-खान है। सुख पान है।। यदि शांति है। नहिँ भ्रांति है।। कटुता हरे। मृदुता भरे।। नित सुहाती।... Hindi · बासुदेव · शुभगति छंद · सुगति छंद 1 312 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 16 Aug 2022 · 1 min read गंग छंद "गंग धार" गंग छंद गंग की धारा। सर्व अघ हारा।। शिव शीश सोहे। जगत जन मोहे।। पावनी गंगा। करे तन चंगा।। नदी वरदानी। सरित-पटरानी।। तट पे बसे हैं। तीरथ सजे हैं।। हरिद्वार... Hindi · गंग छंद · बासुदेव 224 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 16 Aug 2022 · 1 min read एकावली छंद "मनमीत" एकावली छंद किसी से, दिल लगा। रह गया, मैं ठगा।। हृदय में, खिल गयी। कोंपली, इक नयी।। मिला जब, मनमीत। जगी है, यह प्रीत।। आ गया, बदलाव। उत्तंग, है चाव।।... Hindi · एकावली छंद · बासुदेव 133 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 6 Aug 2022 · 1 min read बिंदु छंद "राम कृपा" सत्यसनातन, ये है ज्ञाना। भक्ति बिना नहिं, हो कल्याना।। राम-कृपा जब, होती प्राणी। हो तब जागृत, अन्तर्वाणी।। चक्षु खुले मन, हो आचारी। दूर हटे तब, माया सारी।। प्रीत बढ़े जब,... Hindi · कविता · बासुदेव · बिंदु छंद 315 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 6 Aug 2022 · 1 min read भूमिसुता छंद "जीव-हिंसा" जीवों की हिंसा प्राणी क्यों, हो करते। तेरे कष्टों से ही आहें, ये भरते।। भारी अत्याचारों को ये, झेल रहे। इन्सां को मूकों की पीड़ा, कौन कहे।। कष्टों के मारे... Hindi · बासुदेव · भूमिसुता छंद 195 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 6 Jul 2022 · 1 min read रमेश छंद "नन्ही गौरैया" रमेश छंद "नन्ही गौरैया" फुदक रही हो तरुवर डाल। सुन चिड़िया दे कह निज हाल।। उड़ उड़ छानो हर घर रोज। तुम करती क्या नित नव खोज।। चितकबरी रंगत लघु... Hindi · बासुदेव · रमेश छंद 2 2 202 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 3 Jul 2022 · 1 min read नील छंद "विरहणी" नील छंद / अश्वगति छंद वे मन-भावन प्रीत लगा कर छोड़ चले। खावन दौड़त रात भयानक आग जले।। पावन सावन बीत गया अब हाय सखी। आवन की धुन में उन... Hindi · अश्वगति छंद · नील छंद 1 452 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 3 Jul 2022 · 1 min read धार छंद "आज की दशा" धार छंद "आज की दशा" अत्याचार। भ्रष्टाचार। का है जोर। चारों ओर।। सारे लोग। झेलें रोग। हों लाचार। खाएँ मार।। नेता नीच। आँखें मीच। फैला कीच। राहों बीच।। पूँजी जोड़।... Hindi 1 1 343 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 1 Jul 2022 · 1 min read तिलका छंद "युद्ध" गज अश्व सजे। रण-भेरि बजे।। रथ गर्ज हिले। सब वीर खिले।। ध्वज को फहरा। रथ रौंद धरा।। बढ़ते जब ही। सिमटे सब ही।। बरछे गरजे। सब ही लरजे।। जब बाण... Hindi · तिलका छंद 297 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 30 Jun 2022 · 1 min read चामर छंद "मुरलीधर छवि" गोप-नार संग नन्दलालजू बिराजते। मोर पंख माथ पीत वस्त्र गात साजते। रास के सुरम्य गीत गौ रँभा रँभा कहे। कोकिला मयूर कीर कूक गान गा रहे।। श्याम पैर गूँथ के... Hindi · चामर छंद 2 3 1k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 4 Aug 2021 · 2 min read शृंगार छंद "तड़प" शृंगार छंद "तड़प" सजन मत प्यास अधूरी छोड़। नहीं कोमल मन मेरा तोड़।। बहुत ही तड़पी करके याद। सुनो अब तो तुम अंतर्नाद।। सदा तारे गिन काटी रात। बादलों से... Hindi · कविता 398 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 4 Aug 2021 · 2 min read रोला छंद "बाल-हृदय" रोला छंद "बाल-हृदय" भेदभाव से दूर, बाल-मन जल सा निर्मल। रहे सदा अलमस्त, द्वन्द्व से होकर निश्चल।। बालक बालक मध्य, नेह शाश्वत है प्रतिपल। देख बाल को बाल, हृदय का... Hindi · कविता 1 392 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 2 Jul 2021 · 2 min read मानव छंद "नारी की व्यथा" मानव छंद "नारी की व्यथा" आडंबर में नित्य घिरा। नारी का सम्मान गिरा।। सत्ता के बुलडोजर से। उन्मादी के लश्कर से।। रही सदा निज में घुटती। युग युग से आयी... Hindi · मानव छंद · सखी छंद · हाकलि छंद 1 627 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 2 Jul 2021 · 1 min read रास छंद "कृष्णावतार" रास छंद "कृष्णावतार" हाथों में थी, मात पिता के, सांकलियाँ। घोर घटा में, कड़क रहीं थी, दामिनियाँ। हाथ हाथ को, भी नहिं सूझे, तम गहरा। दरवाजों पर, लटके ताले, था... Hindi · कविता 1 652 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 11 Jun 2021 · 1 min read पीयूष वर्ष छंद (वर्षा वर्णन) (पीयूष वर्ष छंद) बिजलियों की गूंज, मेघों की घटा। हो रही बरसात, सावन की छटा।। ढोलकी हर ओर, रिमझिम की बजी। हो हरित ये भूमि, नव वधु सी सजी।। नृत्य... Hindi · कविता 1 1k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 11 Jun 2021 · 1 min read छप्पय छंद "शिव-महिमा" (छप्पय छंद) करके तांडव नृत्य, प्रलय जग में शिव करते। विपदाएँ भव-ताप, भक्त जन का भी हरते। देवों के भी देव, सदा रीझें थोड़े में। करें हृदय नित वास, शैलजा... Hindi · कविता 1 587 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 23 May 2021 · 1 min read पावन छंद "सावन छटा" (पावन छंद) सावन जब उमड़े, धरणी हरित है। वारिद बरसत है, उफने सरित है।। चातक नभ तकते, खग आस युत हैं। मेघ कृषक लख के, हरषे बहुत हैं।। घोर सकल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 4 365 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 23 May 2021 · 3 min read दोहा छंद "वर्षा ऋतु" (दोहा छंद) ग्रीष्म विदा हो जा रही, पावस का शृंगार। दादुर मोर चकोर का, मन वांछित उपहार।। आया सावन झूम के, मोर मचाये शोर। झनक झनक पायल बजी, झूलों की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · दोहा छंद 1 1 1k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 22 May 2021 · 3 min read पंचिक विधा और स्वरूप (पंचिक) अंग्रेजी में हास्य विनोद की लघु कविता के रूप में लिमरिक्स एक प्राचीन विधा है। यह कुल पाँच पंक्तियों की लघु कविता होती है जिसकी एक विशिष्ट लय रहती... Hindi · लेख 1 2 584 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 30 Apr 2021 · 1 min read विमला छंद "सच्चा सुख" मन का मारो रावण सब ही। लगते सारे पावन तब ही।। सब बाधाओं की मन जड़ है। बस में ये तो वैभव-झड़ है।। त्यज दो तृष्णा मत्सर मन से। जग... Hindi · कविता 383 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 30 Apr 2021 · 1 min read शारदी छंद "चले चलो पथिक" चले चलो पथिक। बिना थके रथिक।। थमे नहीं चरण। भले हुवे मरण।। सुहावना सफर। लुभावनी डगर।। बढ़ा मिलाप चल। सदैव हो अटल।। रहो सदा सजग। उठा विचार पग।। तुझे लगे... Hindi · कविता 2 263 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 30 Apr 2021 · 1 min read शीर्षा छंद (शैतानी धारा) शैतानी जो थी धारा। जैसे कोई थी कारा।। दाढों में घाटी सारी। भारी दुःखों की मारी।। लूटों का बाजे डंका। लोगों में थी आशंका।। हत्याएँ मारामारी। सांसों पे वे थी... Hindi · कविता 370 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 30 Apr 2021 · 1 min read शुभमाल छंद "दीन पुकार" सभी हम दीन। निहायत हीन।। हुए असहाय। नहीं कुछ भाय।। गरीब अमीर। नदी द्वय तीर।। न आपस प्रीत। यही जग रीत।। नहीं सरकार। रही भरतार।। अतीव हताश। दिखे न प्रकाश।।... Hindi · कविता 282 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 10 Apr 2021 · 1 min read शोभावती छंद (हिन्दी भाषा) देवों की भाषा से जन्मी हिन्दी। हिन्दुस्तां के माथे की है बिन्दी।। दोहों, छंदों, चौपाई की माता। मीरा, सूरा के गीतों की दाता।। हिंदुस्तानी साँसों में है छाई। पाटे सारे... Hindi · कविता 4 383 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 10 Apr 2021 · 1 min read सारवती छंद "विरह वेदना" वो मनभावन प्रीत लगा। छोड़ चला मन भाव जगा।। आवन की सजना धुन में। धीर रखी अबलौं मन में।। खावन दौड़त रात महा। आग जले नहिं जाय सहा।। पावन सावन... Hindi · कविता 2 406 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 10 Apr 2021 · 1 min read सिंहनाद छंद "विनती" हरि विष्णु केशव मुरारी। तुम शंख चक्र कर धारी।। मणि वक्ष कौस्तुभ सुहाये। कमला तुम्हें नित लुभाये।। प्रभु ग्राह से गज उबारा। दस शीश कंस तुम मारा।। गुण से अतीत... Hindi · कविता 2 413 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 10 Apr 2021 · 1 min read सुमति छंद (भारत देश) प्रखर भाल पे हिमगिरि न्यारा। बहत वक्ष पे सुरसरि धारा।। पद पखारता जलनिधि खारा। अनुपमेय भारत यह प्यारा।। यह अनेकता बहुत दिखाये। पर समानता सकल बसाये।। विषम रीत हैं अरु... Hindi · कविता 2 584 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 24 Mar 2021 · 1 min read पुटभेद छंद "बसंत-छटा" छा गये ऋतुराज बसंत बड़े मन-भावने। दृश्य आज लगे अति मोहक नैन सुहावने। आम्र-कुंज हरे चित, बौर लदी हर डाल है। कोयली मधु राग सुने मन होत रसाल है।। रक्त-पुष्प... Hindi · कविता 1 6 301 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 24 Mar 2021 · 1 min read बुदबुद छंद "बसंत पंचमी" सुखद बसंत पंचमी। पतझड़ शुष्कता थमी।। सब फिर से हरा-भरा। महक उठी वसुंधरा।। विटप नवीन पर्ण में। कुसुम अनेक वर्ण में।। खिल कर झूमने लगे। यह लख भाग्य ही जगे।।... Hindi · कविता 4 485 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 24 Mar 2021 · 1 min read मनोज्ञा छंद "होली" भर सनेह रोली। बहुत आँख रो ली।। सजन आज होली। व्यथित खूब हो ली।। मधुर फाग आया। पर न अल्प भाया।। कछु न रंग खेलूँ। विरह पीड़ झेलूँ।। यह बसंत... Hindi · कविता 1 396 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 24 Mar 2021 · 1 min read रोचक छंद "फागुन मास" रोचक छंद "फागुन मास" फागुन मास सुहावना आया। मौसम रंग गुलाल का छाया।। पुष्प लता सब फूल के सोहे। आज बसन्त लुभावना मोहे।। ये ऋतुराज बड़ा मनोहारी। दग्ध करे मन... Hindi · कविता 1 726 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 17 Mar 2021 · 1 min read सुजान छंद (पर्यावरण) सुजान छंद (पर्यावरण) पर्यावरण खराब हुआ, यह नहिं संयोग। मानव का खुद का ही है, निर्मित ये रोग।। अंधाधुंध विकास नहीं, आया है रास। शुद्ध हवा, जल का इससे, होय... Hindi · कविता 424 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 17 Mar 2021 · 2 min read सोरठा छंद "कृष्ण महिमा" सोरठा छंद "कृष्ण महिमा" नयन भरा है नीर, चखन श्याम के रूप को। मन में नहिं है धीर, नयन विकल प्रभु दरस को।। शरण तुम्हारी आज, आया हूँ घनश्याम मैं।... Hindi · सोरठा छंद 873 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 17 Mar 2021 · 1 min read मौक्तिका (रोटियाँ) बहर :- 122*3+ 12 (शक्ति छंद आधारित) (पदांत 'रोटियाँ', समांत 'एं') लगे ऐंठने आँत जब भूख से, क्षुधा शांत तब ये करें रोटियाँ।। लखे बाट सब ही विकल हो बड़े,... Hindi · कविता 1 465 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 17 Mar 2021 · 1 min read कुण्डला मौक्तिका (बेटी) कुण्डला मौक्तिका (बेटी) (पदांत 'बेटी', समांत 'अर') बेटी शोभा गेह की, मात पिता की शान, घर की है ये आन, जोड़ती दो घर बेटी।। संतानों को लाड दे, देत सजन... Hindi · कविता 506 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 8 Jan 2021 · 1 min read हास्य ग़ज़ल (मूली में है झन्नाट जो) हास्य ग़ज़ल (मूली में है झन्नाट जो) बह्र:- 221 1221 1221 122 मूली में है झन्नाट जो, आलू में नहीं है, इमली सी खटाई भी तो निंबू में नहीं है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 8 376 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 8 Jan 2021 · 1 min read जनक छंद (जल-संकट) जनक छंद (जल-संकट) सरिता दूषित हो रही, व्यथा जीव की अनकही, संकट की भारी घड़ी। *** नीर-स्रोत कम हो रहे, कैसे खेती ये सहे, आज समस्या ये बड़ी। *** तरसै... Hindi · तेवरी 1 3 371 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 8 Jan 2021 · 2 min read गीत (आज हिमालय भारत भू की) 'लावणी छंद' आधारित भारत के उज्ज्वल मस्तक पर, मुकुट बना जो है शोभित, जिसके पुण्य तेज से पूरा, भू मण्डल है आलोकित, महादेव के पुण्य धाम को, आभा से वह... Hindi · गीत · लावणी छंद 1 2 645 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 8 Jan 2021 · 1 min read हाइकु (कोरोना) हाइकु (कोरोना) कोरोनासुर विपदा बन कर टूटा भू पर। ** यह कोरोना सकल जगत का अक्ष भिगोना। ** कोरोना पर मुख को ढक कर आओ बाहर। ** कोरोना यह जगत... Hindi · हाइकु 1 1 302 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 13 Dec 2020 · 1 min read गीतिका (अभी तो सूरज उगा है) गीतिका (अभी तो सूरज उगा है) प्रधान मंत्री मोदी जी की कविता की पंक्ति से प्रेरणा पा लिखी गीतिका। (मापनी:- 12222 122) अभी तो सूरज उगा है, सवेरा यह कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 250 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 13 Dec 2020 · 1 min read सरसी छंद "खेत और खलिहान" सरसी छंद "खेत और खलिहान" गाँवों में हैं प्राण हमारे, दें इनको सम्मान। भारत की पहचान सदा से, खेत और खलिहान।। गाँवों की जीवन-शैली के, खेत रहे सोपान। अर्थ व्यवस्था... Hindi · कविता 1 403 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 13 Dec 2020 · 2 min read सार छंद "भारत गौरव" सार छंद "भारत गौरव" जय भारत जय पावनि गंगे, जय गिरिराज हिमालय; सकल विश्व के नभ में गूँजे, तेरी पावन जय जय। तूने अपनी ज्ञान रश्मि से, जग का तिमिर... Hindi · कविता 269 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 13 Dec 2020 · 2 min read आल्हा छंद "अग्रदूत अग्रवाल" आल्हा छंद "अग्रदूत अग्रवाल" अग्रोहा की नींव रखे थे, अग्रसेन नृपराज महान। धन वैभव से पूर्ण नगर ये, माता लक्ष्मी का वरदान।। आपस के भाईचारे पे, अग्रोहा की थी बुनियाद।... Hindi · कविता 404 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 4 Oct 2020 · 1 min read शिखरिणी छंद ("भारत वंदन") शिखरिणी छंद ("भारत वंदन") बड़ा ही प्यारा है, जगत भर में भारत मुझे। सदा शोभा गाऊँ, पर हृदय की प्यास न बुझे।। तुम्हारे गीतों को, मधुर सुर में गा मन... Hindi · कविता 1 1k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 4 Oct 2020 · 1 min read स्रग्धरा छंद "शिव स्तुति" स्रग्धरा छंद "शिव स्तुति" शम्भो कैलाशवासी, सकल दुखित की, पूर्ण आशा करें वे। भूतों के नाथ न्यारे, भव-भय-दुख को, शीघ्र सारा हरें वे।। बाघों की चर्म धारें, कर महँ डमरू,... Hindi · कविता 1 2k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 4 Oct 2020 · 1 min read हरिणी छंद "राधेकृष्णा नाम-रस" हरिणी छंद "राधेकृष्णा नाम-रस" मन नित भजो, राधेकृष्णा, यही बस सार है। इन रस भरे, नामों का तो, महत्त्व अपार है।। चिर युगल ये, जोड़ी न्यारी, त्रिलोक लुभावनी। भगत जन... Hindi · कविता 1 322 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 18 Oct 2019 · 1 min read जनक छंद (2019 चुनाव) जनक छंद (2019 चुनाव) करके सफल चुनाव को, माँग रही बदलाव को, आज व्यवस्था देश की। *** बहुमत बड़ा प्रचंड है, सत्ता लगे अखंड है, अब जवाबदेही बढ़ी। **** रूढ़िवादिता... Hindi · तेवरी 429 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 18 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल (तुम्हारे लिए घर सदा ये) ग़ज़ल (तुम्हारे लिए घर सदा ये) 122 122 122 122 तेरे वास्ते घर सदा ये खुला है, ये दिल मैंने केवल तुझे ही दिया है। तगाफ़ुल नहीं और बर्दाश्त होता,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 327 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 18 Oct 2019 · 1 min read हाइकु (नव-दुर्गा) हाइकु (नव-दुर्गा) शैलपुत्री माँ हिम गिरि तनया वांछित-लाभा। ** ब्रह्मचारिणी कटु तप चारिणी वैराग्य दात्री। ** माँ चन्द्रघण्टा शशि सम शीतला शांति प्रदाता। ** चौथी कूष्माण्डा माँ ब्रह्मांड सृजेता उन्नति... Hindi · हाइकु 297 Share Page 1 Next