Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2021 · 2 min read

शृंगार छंद “तड़प”

शृंगार छंद “तड़प”

सजन मत प्यास अधूरी छोड़।
नहीं कोमल मन मेरा तोड़।।
बहुत ही तड़पी करके याद।
सुनो अब तो तुम अंतर्नाद।।

सदा तारे गिन काटी रात।
बादलों से करती थी बात।।
रही मैं रोज चाँद को ताक।
कलेजा होता रहता खाक।।

मिलन रुत आई बरसों बाद।
हृदय में छाया अति आह्लाद।।
बजा इस वीणा का हर तार।
बहा दो आज नेह की धार।।

गले से लगने की है चाह।
निकलती साँसों से अब आह।।
सभी अंगों में एक उमंग।
हुई जैसे उन्मुक्त मतंग।।

देख लो होंठ रहें है काँप।
मिलन की आतुरता को भाँप।।
बाँह में भर कर तन यह आज।
छेड़ दो रग रग के सब साज।।

समर्पण ही है मेरा प्यार।
सजन अब कर इसको स्वीकार।।
मिटा दो जन्मों की सब प्यास।
पूर्ण कर दो सब मेरी आस।।
*** *** ***
शृंगार छंद विधान –

शृंगार छंद बहुत ही मधुर लय का 16 मात्रा का चार चरण का छंद है। तुक दो दो चरण में है। इसकी मात्रा बाँट 3 – 2 – 8 – 3 (ताल) है। प्रारंभ के त्रिकल के तीनों रूप मान्य है जबकि अंत का त्रिकल केवल दीर्घ और लघु (21) होना चाहिए। द्विकल 1 1 या 2 हो सकता है। अठकल के नियम जैसे प्रथम और पंचम मात्रा पर शब्द का समाप्त न होना, 1 से 4 तथा 5 से 8 मात्रा में पूरित जगण का न होना और अठकल का अंत द्विकल से होना अनुमान्य हैं।

शृंगार छंद का 32 मात्रा का द्विगुणित रूप महा शृंगार छंद कहलाता है। यह चार पदों का छंद है जिसमें तुकांतता 32 मात्रा के दो दो पदों में निभायी जाती है। यति 16 – 16 मात्रा पर पड़ती है।
*** *** ***
बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
तिनसुकिया
01-08-2016

Language: Hindi
398 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दुख भोगने वाला तो कल सुखी हो जायेगा पर दुख देने वाला निश्चित
दुख भोगने वाला तो कल सुखी हो जायेगा पर दुख देने वाला निश्चित
dks.lhp
"रंग का मोल"
Dr. Kishan tandon kranti
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
Shweta Soni
मनुष्य जीवन है अवसर,
मनुष्य जीवन है अवसर,
Ashwini Jha
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
Ranjeet kumar patre
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची  हैं उड़ाने,
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची हैं उड़ाने,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
कवि दीपक बवेजा
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
Rituraj shivem verma
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शादीशुदा🤵👇
शादीशुदा🤵👇
डॉ० रोहित कौशिक
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
साहित्य गौरव
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
Sunita Gupta
पापी करता पाप से,
पापी करता पाप से,
sushil sarna
कई आबादियों में से कोई आबाद होता है।
कई आबादियों में से कोई आबाद होता है।
Sanjay ' शून्य'
निकला वीर पहाड़ चीर💐
निकला वीर पहाड़ चीर💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
प्रिंसिपल सर
प्रिंसिपल सर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*स्वच्छ गली-घर रखना सीखो (बाल कविता)*
*स्वच्छ गली-घर रखना सीखो (बाल कविता)*
Ravi Prakash
ज़िंदगी खुद ब खुद
ज़िंदगी खुद ब खुद
Dr fauzia Naseem shad
हृदय की चोट थी नम आंखों से बह गई
हृदय की चोट थी नम आंखों से बह गई
Er. Sanjay Shrivastava
*
*"अवध के राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
gurudeenverma198
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
पुच्छल दोहा
पुच्छल दोहा
सतीश तिवारी 'सरस'
■ दोनों पहलू जीवन के।
■ दोनों पहलू जीवन के।
*Author प्रणय प्रभात*
मायूस ज़िंदगी
मायूस ज़िंदगी
Ram Babu Mandal
2712.*पूर्णिका*
2712.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यूँ मोम सा हौसला लेकर तुम क्या जंग जित जाओगे?
यूँ मोम सा हौसला लेकर तुम क्या जंग जित जाओगे?
'अशांत' शेखर
Jeevan Ka saar
Jeevan Ka saar
Tushar Jagawat
Loading...