Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2021 · 1 min read

मनोज्ञा छंद “होली”

भर सनेह रोली।
बहुत आँख रो ली।।
सजन आज होली।
व्यथित खूब हो ली।।

मधुर फाग आया।
पर न अल्प भाया।।
कछु न रंग खेलूँ।
विरह पीड़ झेलूँ।।

यह बसंत न्यारी।
हरित आभ प्यारी।।
प्रकृति भी सुहायी।
नव उमंग छायी।।

पर मुझे न चैना।
कटत ये न रैना।।
सजन याद आये।
न कुछ और भाये।।

विकट ये बिमारी।
मन अधीर भारी।।
सुख समस्त छीना।
अति कठोर जीना।।

अब तुरंत आ के।
हृदय से लगा के।।
सुध पिया तु लेवो।
न दुख और देवो।।
=============
लक्षण छंद:-

“नरगु” वर्ण सप्ता।
रचत है ‘मनोज्ञा’।।

“नरगु” = नगण रगण गुरु
111 212 + गुरु = 7-वर्ण
चार चरण, दो दो समतुकांत।
*****************

बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
तिनसुकिया

Language: Hindi
1 Comment · 395 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"पहचानिए"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम अगर कांटे बोओऐ
तुम अगर कांटे बोओऐ
shabina. Naaz
अपने हाथ,
अपने हाथ,
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
यह तो अब तुम ही जानो
यह तो अब तुम ही जानो
gurudeenverma198
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
Manisha Manjari
जन मन में हो उत्कट चाह
जन मन में हो उत्कट चाह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आप और हम जीवन के सच ..........एक प्रयास
आप और हम जीवन के सच ..........एक प्रयास
Neeraj Agarwal
दोस्ती का कर्ज
दोस्ती का कर्ज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
◆कुटिल नीति◆
◆कुटिल नीति◆
*Author प्रणय प्रभात*
दिल से निकले हाय
दिल से निकले हाय
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
व्यथा
व्यथा
Kavita Chouhan
"शहीद साथी"
Lohit Tamta
बुढापे की लाठी
बुढापे की लाठी
Suryakant Dwivedi
*रहते परहित जो सदा, सौ-सौ उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*रहते परहित जो सदा, सौ-सौ उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
Rajesh Kumar Arjun
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
Phool gufran
मजदूर
मजदूर
Harish Chandra Pande
दर्द
दर्द
Bodhisatva kastooriya
23/83.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/83.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*
*"ब्रम्हचारिणी माँ"*
Shashi kala vyas
के कितना बिगड़ गए हो तुम
के कितना बिगड़ गए हो तुम
Akash Yadav
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आइन-ए-अल्फाज
आइन-ए-अल्फाज
AJAY AMITABH SUMAN
कौन्तय
कौन्तय
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*हमारे कन्हैया*
*हमारे कन्हैया*
Dr. Vaishali Verma
अकेलापन
अकेलापन
भरत कुमार सोलंकी
शिव अराधना
शिव अराधना
नवीन जोशी 'नवल'
वसंततिलका छन्द
वसंततिलका छन्द
Neelam Sharma
Ghughat maryada hai, majburi nahi.
Ghughat maryada hai, majburi nahi.
Sakshi Tripathi
Loading...