यह तो अब तुम ही जानो
यह तो अब तुम ही जानो,तुम्हें अब क्या करना है।
अपनी जिंदगी में अब तुमको, यहाँ कैसे जीना है।।
यह तो अब तुम ही जानो————————–।।
हम तो कभी चाहते नहीं है, तुम बर्बाद हो कल को।
हमारी तो दुहा यही है, तुम आबाद हो कल को।।
बहके नहीं तुम्हारे कदम, ख्याल किसको रखना है।
यह तो अब तुम ही जानो————————–।।
गलती जो हो गई कल को,दोहराना अब नहीं उसको।
नहीं बिगड़े कोई अब काम, बनना है ऐसा अब तुमको।।
बदी से दूर रहे सदा, कौनसी राह चलना है।
यह तो अब तुम ही जानो—————————।।
सदा जिंदा रहे सम्मान, तुम्हारा कल यहाँ पर।
नहीं बदनाम हो हस्ती, तुम्हारी कभी यहाँ पर।।
किसका तुम्हें साथ देना है, किसको रोशन करना है।
यह तो अब तुम ही जानो————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)