Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2021 · 1 min read

पीयूष वर्ष छंद (वर्षा वर्णन)

(पीयूष वर्ष छंद)

बिजलियों की गूंज, मेघों की घटा।
हो रही बरसात, सावन की छटा।।
ढोलकी हर ओर, रिमझिम की बजी।
हो हरित ये भूमि, नव वधु सी सजी।।

नृत्य दिखला मोर, मन को मोहते।
जुगनुओं के झूंड, जगमग सोहते।।
रख पपीहे आस, नभ को तक रहे।
काम-दग्धा नार, लख इसको दहे।।
========

पीयूष वर्ष छंद विधान:-

यह 19 मात्रा का सम पद मात्रिक छंद है। चार पद, दो दो सम तुकांत।

2122 2122 212 (गुरु को 2 लघु करने की छूट है। अंत 1S से आवश्यक। यति 10, 9 मात्रा पर।)

बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
तिनसुकिया

Language: Hindi
1 Like · 1605 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ঐটা সত্য
ঐটা সত্য
Otteri Selvakumar
पघारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
पघारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
■सामयिक दोहा■
■सामयिक दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
Dr fauzia Naseem shad
सब की नकल की जा सकती है,
सब की नकल की जा सकती है,
Shubham Pandey (S P)
...,,,,
...,,,,
शेखर सिंह
लैला अब नही थामती किसी वेरोजगार का हाथ
लैला अब नही थामती किसी वेरोजगार का हाथ
yuvraj gautam
Learn to recognize a false alarm
Learn to recognize a false alarm
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
Shweta Soni
ఇదే నా భారత దేశం.
ఇదే నా భారత దేశం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
Jitendra Chhonkar
जिंदगी माना कि तू बड़ी खूबसूरत है ,
जिंदगी माना कि तू बड़ी खूबसूरत है ,
Manju sagar
भारत बनाम इंडिया
भारत बनाम इंडिया
Harminder Kaur
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
Johnny Ahmed 'क़ैस'
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
*घट-घट वासी को को किया ,जिसने मन से याद (कुंडलिया)*
*घट-घट वासी को को किया ,जिसने मन से याद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
स्कूल कॉलेज
स्कूल कॉलेज
RAKESH RAKESH
"खाली हाथ"
Er. Sanjay Shrivastava
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़े होते बच्चे
बड़े होते बच्चे
Manu Vashistha
साइकिल चलाने से प्यार के वो दिन / musafir baitha
साइकिल चलाने से प्यार के वो दिन / musafir baitha
Dr MusafiR BaithA
प्रस्तुति : ताटक छंद
प्रस्तुति : ताटक छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
हां मैं इक तरफ खड़ा हूं, दिल में कोई कश्मकश नहीं है।
हां मैं इक तरफ खड़ा हूं, दिल में कोई कश्मकश नहीं है।
Sanjay ' शून्य'
जबसे उनके हाथ पीले हो गये
जबसे उनके हाथ पीले हो गये
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गांव
गांव
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
प्रकाश परब
प्रकाश परब
Acharya Rama Nand Mandal
राम है अमोघ शक्ति
राम है अमोघ शक्ति
Kaushal Kumar Pandey आस
Loading...