बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 66 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 16 Jan 2019 · 2 min read इन्द्रवज्रा छंद (शिवेंद्रवज्रा स्तुति) इन्द्रवज्रा छंद / उपेन्द्रवज्रा छंद / उपजाति छंद "शिवेंद्रवज्रा स्तुति" परहित कर विषपान, महादेव जग के बने। सुर नर मुनि गा गान, चरण वंदना नित करें।। माथ नवा जयकार, मधुर... Hindi · इन्द्रवज्रा छंद · उपजाति छंद · उपेन्द्रवज्रा छंद · कविता 3k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 4 Oct 2020 · 1 min read स्रग्धरा छंद "शिव स्तुति" स्रग्धरा छंद "शिव स्तुति" शम्भो कैलाशवासी, सकल दुखित की, पूर्ण आशा करें वे। भूतों के नाथ न्यारे, भव-भय-दुख को, शीघ्र सारा हरें वे।। बाघों की चर्म धारें, कर महँ डमरू,... Hindi · कविता 1 2k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 11 Jun 2021 · 1 min read पीयूष वर्ष छंद (वर्षा वर्णन) (पीयूष वर्ष छंद) बिजलियों की गूंज, मेघों की घटा। हो रही बरसात, सावन की छटा।। ढोलकी हर ओर, रिमझिम की बजी। हो हरित ये भूमि, नव वधु सी सजी।। नृत्य... Hindi · कविता 1 1k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 4 Oct 2020 · 1 min read शिखरिणी छंद ("भारत वंदन") शिखरिणी छंद ("भारत वंदन") बड़ा ही प्यारा है, जगत भर में भारत मुझे। सदा शोभा गाऊँ, पर हृदय की प्यास न बुझे।। तुम्हारे गीतों को, मधुर सुर में गा मन... Hindi · कविता 1 1k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 30 Jun 2022 · 1 min read चामर छंद "मुरलीधर छवि" गोप-नार संग नन्दलालजू बिराजते। मोर पंख माथ पीत वस्त्र गात साजते। रास के सुरम्य गीत गौ रँभा रँभा कहे। कोकिला मयूर कीर कूक गान गा रहे।। श्याम पैर गूँथ के... Hindi · चामर छंद 2 3 1k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 26 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल (26 जनवरी) ग़ज़ल (जनवरी के मास की) 2122 2122 2122 212 जनवरी के मास की छब्बीस तारिख आज है, आज दिन भारत बना गणतन्त्र सबको नाज़ है। ईशवीं उन्नीस सौ पंचास की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 1k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 12 Mar 2017 · 1 min read संयुत छंद "फाग रस" संयुत छंद "फाग रस" सब झूम लो रस राग में। मिल मस्त हो कर फाग में।। खुशियों भरा यह पर्व है। इसपे हमें अति गर्व है।। यह मास फागुन चाव... Hindi · कविता 1k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 23 May 2021 · 3 min read दोहा छंद "वर्षा ऋतु" (दोहा छंद) ग्रीष्म विदा हो जा रही, पावस का शृंगार। दादुर मोर चकोर का, मन वांछित उपहार।। आया सावन झूम के, मोर मचाये शोर। झनक झनक पायल बजी, झूलों की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · दोहा छंद 1 1 1k Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 17 Mar 2021 · 2 min read सोरठा छंद "कृष्ण महिमा" सोरठा छंद "कृष्ण महिमा" नयन भरा है नीर, चखन श्याम के रूप को। मन में नहिं है धीर, नयन विकल प्रभु दरस को।। शरण तुम्हारी आज, आया हूँ घनश्याम मैं।... Hindi · सोरठा छंद 873 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 8 Jan 2021 · 2 min read गीत (आज हिमालय भारत भू की) 'लावणी छंद' आधारित भारत के उज्ज्वल मस्तक पर, मुकुट बना जो है शोभित, जिसके पुण्य तेज से पूरा, भू मण्डल है आलोकित, महादेव के पुण्य धाम को, आभा से वह... Hindi · गीत · लावणी छंद 1 2 645 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 24 Mar 2021 · 1 min read रोचक छंद "फागुन मास" रोचक छंद "फागुन मास" फागुन मास सुहावना आया। मौसम रंग गुलाल का छाया।। पुष्प लता सब फूल के सोहे। आज बसन्त लुभावना मोहे।। ये ऋतुराज बड़ा मनोहारी। दग्ध करे मन... Hindi · कविता 1 726 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 14 Aug 2017 · 1 min read शक्ति छंद "फकीरी" शक्ति छंद "फकीरी" फकीरी हमारे हृदय में खिली। बड़ी मस्त मौला तबीयत मिली।। कहाँ हम पड़ें और किस हाल में। किसे फ़िक्र हम मुक्त हर चाल में।। वृषभ से पड़ें... Hindi · शक्ति छंद 646 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 2 Jul 2021 · 2 min read मानव छंद "नारी की व्यथा" मानव छंद "नारी की व्यथा" आडंबर में नित्य घिरा। नारी का सम्मान गिरा।। सत्ता के बुलडोजर से। उन्मादी के लश्कर से।। रही सदा निज में घुटती। युग युग से आयी... Hindi · मानव छंद · सखी छंद · हाकलि छंद 1 628 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 22 May 2021 · 3 min read पंचिक विधा और स्वरूप (पंचिक) अंग्रेजी में हास्य विनोद की लघु कविता के रूप में लिमरिक्स एक प्राचीन विधा है। यह कुल पाँच पंक्तियों की लघु कविता होती है जिसकी एक विशिष्ट लय रहती... Hindi · लेख 1 2 584 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 23 Apr 2019 · 1 min read कामरूप छंद "आज की नारी" कामरूप छंद "आज की नारी" नारी न अबला, पूर्ण सबला, हो गई है आज। वह भव्यता से, दक्षता से, सारती हर काज।। हर क्षेत्र में रत, कर्म में नत, आज... Hindi · कविता 540 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 23 Apr 2019 · 1 min read उड़ियाना छंद "विरह" उड़ियाना छंद "विरह" क्यों री तू थमत नहीं, विरह की मथनिया। मथत रही बार बार, हॄदय की मटकिया।। सपने में नैन मिला, हँसत है सजनिया। छलकावत जाय रही, नेह की... Hindi · कविता 576 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 11 Jun 2021 · 1 min read छप्पय छंद "शिव-महिमा" (छप्पय छंद) करके तांडव नृत्य, प्रलय जग में शिव करते। विपदाएँ भव-ताप, भक्त जन का भी हरते। देवों के भी देव, सदा रीझें थोड़े में। करें हृदय नित वास, शैलजा... Hindi · कविता 1 587 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 10 Apr 2021 · 1 min read सुमति छंद (भारत देश) प्रखर भाल पे हिमगिरि न्यारा। बहत वक्ष पे सुरसरि धारा।। पद पखारता जलनिधि खारा। अनुपमेय भारत यह प्यारा।। यह अनेकता बहुत दिखाये। पर समानता सकल बसाये।। विषम रीत हैं अरु... Hindi · कविता 2 584 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 31 Jan 2019 · 2 min read मेघ जीवन "मेघ जीवन" किरणों की मथनी से सूरज, मथता जब सागर जल को । नवनीत मेघ तब ऊपर आता, नवजीवन देने भूतल को । था कतरा कतरा सा पहले, धुनी तूल... Hindi · गीत 512 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 2 Jul 2021 · 1 min read रास छंद "कृष्णावतार" रास छंद "कृष्णावतार" हाथों में थी, मात पिता के, सांकलियाँ। घोर घटा में, कड़क रहीं थी, दामिनियाँ। हाथ हाथ को, भी नहिं सूझे, तम गहरा। दरवाजों पर, लटके ताले, था... Hindi · कविता 1 653 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 17 Mar 2021 · 1 min read कुण्डला मौक्तिका (बेटी) कुण्डला मौक्तिका (बेटी) (पदांत 'बेटी', समांत 'अर') बेटी शोभा गेह की, मात पिता की शान, घर की है ये आन, जोड़ती दो घर बेटी।। संतानों को लाड दे, देत सजन... Hindi · कविता 506 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 17 Mar 2021 · 1 min read मौक्तिका (रोटियाँ) बहर :- 122*3+ 12 (शक्ति छंद आधारित) (पदांत 'रोटियाँ', समांत 'एं') लगे ऐंठने आँत जब भूख से, क्षुधा शांत तब ये करें रोटियाँ।। लखे बाट सब ही विकल हो बड़े,... Hindi · कविता 1 465 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 26 Jan 2017 · 3 min read भारत यश गाथा "भारत यश गाथा" ज्ञान राशि के महा सिन्धु को, तमपूर्ण जगत के इंदु को, पुरा सभ्यता के केंद्र बिंदु को, नमस्कार इसको मेरे बारम्बार । रूप रहा इसका अति सुंदर,... Hindi · कविता 510 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 24 Mar 2021 · 1 min read बुदबुद छंद "बसंत पंचमी" सुखद बसंत पंचमी। पतझड़ शुष्कता थमी।। सब फिर से हरा-भरा। महक उठी वसुंधरा।। विटप नवीन पर्ण में। कुसुम अनेक वर्ण में।। खिल कर झूमने लगे। यह लख भाग्य ही जगे।।... Hindi · कविता 4 486 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 17 Mar 2021 · 1 min read सुजान छंद (पर्यावरण) सुजान छंद (पर्यावरण) पर्यावरण खराब हुआ, यह नहिं संयोग। मानव का खुद का ही है, निर्मित ये रोग।। अंधाधुंध विकास नहीं, आया है रास। शुद्ध हवा, जल का इससे, होय... Hindi · कविता 424 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 10 Apr 2021 · 1 min read सिंहनाद छंद "विनती" हरि विष्णु केशव मुरारी। तुम शंख चक्र कर धारी।। मणि वक्ष कौस्तुभ सुहाये। कमला तुम्हें नित लुभाये।। प्रभु ग्राह से गज उबारा। दस शीश कंस तुम मारा।। गुण से अतीत... Hindi · कविता 2 414 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 3 Nov 2018 · 1 min read माँ तेरी ममता का कोई मोल नहीँ माँ तेरी ममता का कोई मोल नहीं। भू से भारी वात्सल्य तेरा, जिसका कोई तोल नहीं। माँ तेरी ममता का कोई मोल नहीं॥ हो आँखों से ओझल लाल यदि, पड़े... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 20 454 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 13 Dec 2020 · 1 min read सरसी छंद "खेत और खलिहान" सरसी छंद "खेत और खलिहान" गाँवों में हैं प्राण हमारे, दें इनको सम्मान। भारत की पहचान सदा से, खेत और खलिहान।। गाँवों की जीवन-शैली के, खेत रहे सोपान। अर्थ व्यवस्था... Hindi · कविता 1 404 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 18 Oct 2019 · 1 min read करवा चौथ पर आरती करवा चौथ पर आरती ओम जय पतिदेव प्रिये स्वामी जय पतिदेव प्रिये। चौथ मात से विनती-2 शत शत वर्ष जिये।। कार्तिक लगते आई, चौथ तिथी प्यारी। करवा चौथ कहाये, सब... Hindi · गीत 1 442 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 13 Dec 2020 · 2 min read आल्हा छंद "अग्रदूत अग्रवाल" आल्हा छंद "अग्रदूत अग्रवाल" अग्रोहा की नींव रखे थे, अग्रसेन नृपराज महान। धन वैभव से पूर्ण नगर ये, माता लक्ष्मी का वरदान।। आपस के भाईचारे पे, अग्रोहा की थी बुनियाद।... Hindi · कविता 404 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 18 Oct 2019 · 1 min read जनक छंद (2019 चुनाव) जनक छंद (2019 चुनाव) करके सफल चुनाव को, माँग रही बदलाव को, आज व्यवस्था देश की। *** बहुमत बड़ा प्रचंड है, सत्ता लगे अखंड है, अब जवाबदेही बढ़ी। **** रूढ़िवादिता... Hindi · तेवरी 429 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 12 Mar 2017 · 1 min read "होली" सायली छंद शिल्प- 1 2 3 2 1 शब्द (1) होली का त्योहार जीवन में लाया रंगों की बौछार। (2) होली में जलते अत्याचार, कपट, छल निष्पाप भक्त बचते। (3) होली लाई... Hindi · कविता · सायली छंद 461 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 24 Mar 2021 · 1 min read मनोज्ञा छंद "होली" भर सनेह रोली। बहुत आँख रो ली।। सजन आज होली। व्यथित खूब हो ली।। मधुर फाग आया। पर न अल्प भाया।। कछु न रंग खेलूँ। विरह पीड़ झेलूँ।। यह बसंत... Hindi · कविता 1 396 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 4 Aug 2021 · 2 min read शृंगार छंद "तड़प" शृंगार छंद "तड़प" सजन मत प्यास अधूरी छोड़। नहीं कोमल मन मेरा तोड़।। बहुत ही तड़पी करके याद। सुनो अब तो तुम अंतर्नाद।। सदा तारे गिन काटी रात। बादलों से... Hindi · कविता 399 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 10 Apr 2021 · 1 min read शोभावती छंद (हिन्दी भाषा) देवों की भाषा से जन्मी हिन्दी। हिन्दुस्तां के माथे की है बिन्दी।। दोहों, छंदों, चौपाई की माता। मीरा, सूरा के गीतों की दाता।। हिंदुस्तानी साँसों में है छाई। पाटे सारे... Hindi · कविता 4 384 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 30 Apr 2021 · 1 min read विमला छंद "सच्चा सुख" मन का मारो रावण सब ही। लगते सारे पावन तब ही।। सब बाधाओं की मन जड़ है। बस में ये तो वैभव-झड़ है।। त्यज दो तृष्णा मत्सर मन से। जग... Hindi · कविता 383 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 10 Apr 2021 · 1 min read सारवती छंद "विरह वेदना" वो मनभावन प्रीत लगा। छोड़ चला मन भाव जगा।। आवन की सजना धुन में। धीर रखी अबलौं मन में।। खावन दौड़त रात महा। आग जले नहिं जाय सहा।। पावन सावन... Hindi · कविता 2 406 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 4 Aug 2021 · 2 min read रोला छंद "बाल-हृदय" रोला छंद "बाल-हृदय" भेदभाव से दूर, बाल-मन जल सा निर्मल। रहे सदा अलमस्त, द्वन्द्व से होकर निश्चल।। बालक बालक मध्य, नेह शाश्वत है प्रतिपल। देख बाल को बाल, हृदय का... Hindi · कविता 1 392 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 8 Jan 2021 · 1 min read जनक छंद (जल-संकट) जनक छंद (जल-संकट) सरिता दूषित हो रही, व्यथा जीव की अनकही, संकट की भारी घड़ी। *** नीर-स्रोत कम हो रहे, कैसे खेती ये सहे, आज समस्या ये बड़ी। *** तरसै... Hindi · तेवरी 1 3 371 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 3 Jul 2022 · 1 min read नील छंद "विरहणी" नील छंद / अश्वगति छंद वे मन-भावन प्रीत लगा कर छोड़ चले। खावन दौड़त रात भयानक आग जले।। पावन सावन बीत गया अब हाय सखी। आवन की धुन में उन... Hindi · अश्वगति छंद · नील छंद 1 453 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 30 Apr 2021 · 1 min read शीर्षा छंद (शैतानी धारा) शैतानी जो थी धारा। जैसे कोई थी कारा।। दाढों में घाटी सारी। भारी दुःखों की मारी।। लूटों का बाजे डंका। लोगों में थी आशंका।। हत्याएँ मारामारी। सांसों पे वे थी... Hindi · कविता 370 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 8 Jan 2021 · 1 min read हास्य ग़ज़ल (मूली में है झन्नाट जो) हास्य ग़ज़ल (मूली में है झन्नाट जो) बह्र:- 221 1221 1221 122 मूली में है झन्नाट जो, आलू में नहीं है, इमली सी खटाई भी तो निंबू में नहीं है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 8 376 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 23 May 2021 · 1 min read पावन छंद "सावन छटा" (पावन छंद) सावन जब उमड़े, धरणी हरित है। वारिद बरसत है, उफने सरित है।। चातक नभ तकते, खग आस युत हैं। मेघ कृषक लख के, हरषे बहुत हैं।। घोर सकल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 4 365 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 1 Feb 2017 · 1 min read समान सवैया (शारदा वंदना) समान सवैया "शारदा वंदना" कलुष हृदय में वास बना माँ, श्वेत पद्म सा निर्मल कर दो । शुभ्र ज्योत्स्ना छिटका उसमें, अपने जैसा उज्ज्वल कर दो ।। शुभ्र रूपिणी शुभ्र... Hindi · कविता 1 1 347 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 24 Jan 2017 · 1 min read ये बेटियाँ हमारी "ये बेटियाँ हमारी" (22 12122 22 12122 बह्र की रचना) ममता की जो है मूरत, समता की जो है सूरत। वरदान है धरा पर, ये बेटियाँ हमारी। मा बाप को... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 354 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 18 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल (तुम्हारे लिए घर सदा ये) ग़ज़ल (तुम्हारे लिए घर सदा ये) 122 122 122 122 तेरे वास्ते घर सदा ये खुला है, ये दिल मैंने केवल तुझे ही दिया है। तगाफ़ुल नहीं और बर्दाश्त होता,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 327 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 1 Apr 2018 · 1 min read वर्ण पिरामिड रे चन्दा निर्मोही, करता क्यों आंख मिचौली। छिप जा अब तो, किन्ही खूब ठिठौली।।1।। जो बात कह न सकते हैं, हम तुमसे। सोच उसे फिर ये नैना क्यों बरसे।।2।। गा... Hindi · कविता 297 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 23 Oct 2017 · 1 min read लम्बे रदीफ़ की ग़ज़ल (कज़ा मेरी अगर जो हो) (सबसे लम्बे रदीफ़ की ग़ज़ल) काफ़िया=आ रदीफ़= *मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर* 1222×4 खता मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर, सजा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 323 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 16 Dec 2018 · 1 min read सार छंद (पलाश और नेता) सार छंद (पलाश और नेता) छन्न पकैया छन्न पकैया, टेसू सा ये नेता। सूखी उलझी डालों सा दिल, किसका भी न चहेता।। पाँच साल तक आँसू देता, इसका पतझड़ चलता।... Hindi · कविता 288 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 8 Jan 2021 · 1 min read हाइकु (कोरोना) हाइकु (कोरोना) कोरोनासुर विपदा बन कर टूटा भू पर। ** यह कोरोना सकल जगत का अक्ष भिगोना। ** कोरोना पर मुख को ढक कर आओ बाहर। ** कोरोना यह जगत... Hindi · हाइकु 1 1 302 Share Page 1 Next