अरविन्द राजपूत 'कल्प' Language: Hindi 252 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ व्रह्मा विष्णु महेश है, माँ सृष्टि में सबसे विशेष है। माँ ममता का पर्याय है, माँ का त्याग दया अशेष है।। माँ गीता है माँ कुरान है, माँ ऋचा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 26 573 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Aug 2020 · 2 min read #नर्मदा_कल्प_स्तुति हिरणन्यतेजा शिवप्रिया, उदयाचला मां नर्मदा। है अमर जो प्रलय में भी 'कल्प' कोटि सर्वदा।। मेकलनंदनी जनमनरंजनी नर्मविनोदनी माँ रेवा। पर्वतवासिनी विंध्यनिवासिनी मगरविराजनी माँ रेवा।। सन्तन पालनी तीर्थ गामनी शैलविदारणी माँ... Hindi · गीत 4 13 735 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jul 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- अपने बच्चे अब सयाने हो गये... ग़ज़ल:- अपने बच्चे अब सियाने हो गये… दर-ब-दर, हम बे-ठिकाने हो गये। अपने बच्चे अब सयाने हो गये।। खंडहर से हम पुराने हो गये।। थे महल अब भूतखाने हो गये।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 360 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Jan 2017 · 2 min read मॉ की कोख मैं मुझे न मारो पापा मेरे प्यारे पापा, मुझे अपना लो पापा जी । मां की कोख में मुझे न मारो, मुझे बचा लो पापा जी ।। मुझको तुम दुनिया दिखला दो, मेरे प्यारे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 2k Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Sep 2019 · 1 min read ग़ज़ल- वफ़ा के नाम पे अब बेवफाई आम हुई... ??? *ग़ज़ल* ??? *वज़्न* - 1212 1122 1212 22 *अर्कान* - मुफ़ाइलु फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन *बह्र* - मुज्तस मुसम्मन मख़्बून महज़ूफ मक़्तूअ ?????????? वफ़ा के नाम पे अब बेवफाई आम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 287 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- पिया मिलन की घड़ी है विदाई का आलम... पिया मिलन की घड़ी है विदाई का आलम। ज़रा ज़रा सी ख़ुशी है ज़रा ज़रा सा ग़म।। मिली ख़ुशी या मिला ग़म, अज़ीब है दरहम। विदा का ज़ख्म तो साजन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 475 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल- आसमाँ को जमीं पे लायेंगे... आसमाँ को जमीं पे लायेंगे। एक दिन हम ये कर दिखायेंगे।। रस्म-ए-उल्फ़त सदा निभायेंगे। बीज नफ़रत का हम मिटायेंगे।। जल रहे लोग जो भी नफरत से। प्रेम का हम सबक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 251 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jun 2020 · 1 min read ग़ज़ल :- गुलबदन कर दिया खुशबुओं ने मुझे... आसरा जब दिया बाजुओं ने मुझे। गुलबदन कर दिया खुशबुओं ने मुझे।। इक़ बहम था कि मैं टूट सकता नहीं। रात पिघला दिया आँसुओं ने मुझे।। था अँधेरा समेटे जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 317 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Jul 2021 · 1 min read ग़ज़ल:-हर इक़ दिल में तिरंगा रचा-बसा होता.... किसी को सच का सही में अता पता होता। ख़ुदा न आदमी का यूं ज़ुदा-ज़ुदा होता।। हमारा मुल्क़ न टुकड़ों में यूं बटा होता। न मेरे मुल्क़ का नक़्शा कटा-छटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 449 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 1 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- पिता मिट न जाये छांव मेरी धूप में चलता रहा। क़द बड़ा हो जाए उसका सूर्य सा ढलता रहा।। ये अंधेरा कब निगल ले प्यारी सी परछाईं को। रात भर इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 327 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 6 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल- इश़्तहारों में न पड़िए कल्प साहिब... फूल ख़ारों में न पड़िए कल्प साहिब। गुल बहारों में न पड़िए कल्प साहिब।। ख़ुद-ब-ख़ुद ही शख़्शियत देती गवाही। इश्तहारों में न पड़िए कल्प साहिब।। इक़ अकेला शम्स काफी आसमां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 308 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Nov 2018 · 1 min read बेटियों को समर्पित गीत- सजे साज सरगम, घड़ी है सुहानी। सजे साज सरगम, घड़ी है सुहानी। ख़ुशी का समा जन्मी बिटिया रानी।। नुपुर बज उठे जब, चले गुड़िया रानी। सजे साज सरगम, घड़ी है सुहानी।। मेरे दिल की धड़कन, बनी... Hindi · गीत 2 1 359 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Dec 2018 · 1 min read हे पथिक तुझको है चलना हे पथिक तुझको है चलना रुक न पाएं ये कदम। जीतना है इस जगत को जो बढ़े तेरे कदम।। राह में बाधा बहुत हैं सोचकर घबराना मत। चल पड़ा है... Hindi · कविता 2 2 284 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल- अदब की ज़िंदगी मे क्या कमी है... अदब की ज़िंदगी मे क्या कमी है। अकड़ में टूट जाना लाज़मी है।। नही छोटा बड़ा कोई ज़हाँ में। मुकद्दर का खिलौना आदमी है।। दिखाता ख़्वाब खुशियों के शहंशाह। वतन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 375 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 17 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल- इक़ ख़्वाब दिल में पल रहा... इक़ ख़्वाब दिल में पल रहा। हर दौड़ में अब्बल रहा।। अब जीतता है बस वही। वैसाखियों पे चल रहा। मत बोलिये अब सच यहाँ। बस झूठ ही तो फल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 299 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- गमों की रात है काली घना अंधेरा है.. ग़मों की रात है काली घना अंधेरा है। इसी के बाद ख़ुशी का नया सबेरा है।। ये तेरी भूल है नादा कि चाँँद तेरा है। हरेक बाम़ पे अब चाँद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- लगा के दाग़ मुझे माहताब कर डाला... लगा के दाग़ मुझे माहताब कर डाला। कि दाग़ों ने ही मुझे लाज़वाब कर डाला।। जलो न मुझसे मेरे यार मैं तो छोटा हूँ। तेरी जलन ने ही तो आफ़ताब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 203 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- खुद पर ही शर्मिंदा हैं.. ख़ुद पर ही शर्मिंदा हैं। आज तलक क्यों जिंदा हैं।। कालख मुहँ पर पोत रखी। फ़िर भी हम ताबिंदा हैं।। ठौर-ठिकाना पता नहीं। हम दिल के वाशिंदा हैं।। भूल न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 237 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मेरे अज़ीज मेरा चीर खींच लेते हैं... मेरे अज़ीज मेरा चीर खींच लेते हैं। ज़रा सी बात पे शमशीर खींच लेते हैं।। दिखावा करते रहे रात भर अकेले में। भरी सभा में ही तौक़ीर खींच लेते हैं।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 228 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- क़द नापिये न आप मेरा आसमान हूँ... क़द नापिये न आप मेरा आसमान हूँ। दुनिया की हर बला का मैं ही इक़ निदान हूँ।। अस्तित्व में सिफ़र हूँ, ज़माना ये मानता। मत शून्य मुझको समझो , मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 549 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 15 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- युग युगों तक जो सुनें जग वो कहानी चाहिए। युग युगों तक जग सुनें ऐसी कहानी चाहिए। जो रहे अक्षुण हमेशा वो जवानी चाहिए।। दोस्त हमको कर्ण जैसा देहदानी चाहिए। दुश्मनी भी राम-रावण सी निभानी चाहिए।। मत चखो अमरित... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 308 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नज़र जहाँ भी दौड़ाई नज़र जहाँ भी दौड़ाई। इक तस्वीर उभर आई।। घर भी तो वीरान हुआ। खो गई घर की रानाई।। मातम पसरा है घर में वापिस आजा सौदाई।। आस पिता की अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 207 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल;- क्या अँधेरों में हमें ऐब छुपाने होंगे... क्या अँधेरों में हमें ऐब छुपाने होंगे। घर की बिजली को बुझा दीप जलाने होंगे।। ताली थाली को बजा ध्यान जगत का भटके। अपनी नाकामी छुपाने के बहाने होंगे।। सारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 5 247 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल :-दर्द-ए-दिल आपका समझता हूँ... दर्द-ए-दिल आपका समझता हूँ। हाल संताप का समझता हूँ।। जल रहा जिस विरह की वेदी पर। फल तेरे श्राप का समझता हूँ।। ज़िंदगी हो गई जहन्नुम सी। कर्ज उस पाप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 299 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Jul 2020 · 2 min read शिव-ताण्डव स्तोत्रम हिंदी में- ॐ नमः शिवाय ?ॐ~शिव-ताण्डव स्तोत्रम हिंदी में~ॐ? 1⃣ जटा-लटा प्रवाहिते, सघन वने प्रभेदना, गले भुजंग माल को, प्रक्षालती प्रवेगना। डमड्-डमड् निनाद से, प्रचण्ड ताण्डवा करे, शिव: हरे शुभंकरे, शुभम करो सदाशिवा।। 2⃣ सघन... Hindi · गीत 2 4 596 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Nov 2020 · 1 min read #ग़ज़ल- #वो_चाहता_है कि मैं उसको अब #मुआफ़ करूँ... वो चाहता है कि मैं उसको अब मुआफ़ करूँ। ख़ुद अपने क़त्ल के ही ख़ून को मैं साफ़ करूँ।। रहें ये राज़ सदा राज़ अब नही मुमकिन। घुमाफिरा के नही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 246 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 9 Nov 2020 · 1 min read ग़ज़ल- तारीफ़ करना ग़ज़लों में व्यौहार हो गया... तारीफ़ करना ग़ज़लों में व्यौहार हो गया। तनक़ीद करने वाला गुनहगार हो गया।। सच बोलना पसंद किसी को नही यहाँ। तारीफ़ झूठ-मूठ ही उपहार हो गया।। आभासी फेसबुक पे चलन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 479 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल :- कल्प' अभी भी बाक़ी है... हारो नहीं विकल्प अभी भी बाक़ी है। जीतोगे संकल्प अभी भी बाक़ी है।।। जिंदा रहूंगा इस दुनिया से जाकर मैं। मेरा ये संकल्प अभी भी बाक़ी है।। ख़त्म हुए सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 541 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Aug 2021 · 1 min read मित्र हर व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा मित्र रहा होगा। कर्णवीर सम देहदान का भाव पवित्र रहा होगा।। जिसका मन निर्मल पावन और शील चरित्र रहा होगा। दिल में उसके... Hindi · मुक्तक 2 484 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 9 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- शक़ नियत पर अब ज़रा होने लगा... शक़ नियत पर अब ज़रा होने लगा। सोना बन पीतल खरा होने लगा।। मुफ़लिसी में छोड़ देते थे कभी। अब निमंत्रण भी झरा होने लगा।। कैसे जिंदा हम रहेंगे ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 402 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Jan 2017 · 2 min read मॉ की कोख में मुझे न मारो *मॉ की कोख में मुझे न मारो* ✍?अरविंद राजपूत पापा मेरे प्यारे पापा, मुझे अपना लो पापा जी । मां की कोख में मुझे न मारो, मुझे बचा लो पापा... Hindi · कविता 1 761 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Sep 2017 · 1 min read शिक्षा देना ध्येय हमारा नहीं मान-सम्मान चाहता, शिक्षित हो हर वर्ग हमारा। अभावों के पथ पर चलकर, शिक्षा देना ध्येय हमारा।। दीप समान जलाया खुद को, अंधियारों में परिजन पाए। ज्योति जला शिक्षा की... Hindi · कविता 1 2 480 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 15 Jun 2018 · 1 min read मत माँ के आंचल को बांटो पहले बांट दिया धर्मों में, अब बांटा है जाति में मानवता का खून किया, लात मार दी थाती में काबा और कैलाश बटा धरती और आकाश बटा सरहद बांटी देशों... Hindi · कविता 1 1 557 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल क्या चीज़ होती है ग़ज़ल क्या चीज़ होती है इसे मै ना समझ पाया। ये होता काफ़िया क्या है बह्र कितना समझ पाया।। न मतला ही समझ आया न मकता जानता हूँ मैं। ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 463 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Jul 2018 · 1 min read व्यंग:- चम्मच तेरी लीला अपरंपार है.... चम्मच तेरी लीला अपरंपार है अपने आकाओं का तुमसे होता अब उद्धार है।। चम्मच तेरी लीला अपरंपार है… जिसके पास हो चमचों की जितनी भी भरमार है उसकी कदर बढ़े... Hindi · कविता 1 1 917 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Jul 2018 · 1 min read दादा जी के दीवाने हम.... दादा जी के दीवाने हम, दादा नगरी जाएंगे। दादा की पावन धूनी में, अपना भरम जलाएंगे। सोना चाँदी बना राख अब भस्म विभूति पाएंगे। दादा के दीवाने हैं हम..... नागा... Hindi · गीत 1 700 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- आज उनसे मेरी गुफ्तगू हो गई आज उनसे मेरी गुफ्त़गू हो गई।। पूरी जन्मों की अब जुस्तजू हो गई।। पास अपने मुझे पाके कहने लगी। आज पूरी मेरी आरज़ू हो गई।। मैंने कौयल को जब गुनगुनाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 370 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Oct 2018 · 1 min read गीतिका:-दूध अपना सब पिला कर भूख सहती ही रही बह्र:- रमल मुसम्मन महज़ूफ अरकान:- फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन (2122 2122 2122 212) हर वो रिस्ता पूर्णनिष्ठा से निभाती ही रही। दूध अपना सब पिला कर भूख सहती ही रही।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 284 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Oct 2018 · 2 min read गीत:- नवरात्रि त्यौहार, तो पावन होता है। माँ तेरे दर की फ़िज़ा कह रही है। कि नवराते की शुभ घड़ी आ गई है।। सजी लाल जोड़े में है मैया हमारी। हरिक दिल में देखो ख़ुशी छा गई... Hindi · गीत 1 1 254 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 25 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल- कभी आश़िक कभी मामा, कभी सजना बना चंदा कभी आश़िक कभी मामा, कभी सजना बना चंदा। लुभाता है ज़माने को, मुहब्बत से भरा चंदा।। सुहागिन पूजती इसको, अटल सौभाग्य की ख़ातिर। करे सौभाग्य की रक्षा, ये करवा चौथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 494 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल-मेरा ख़ालिस मेरा हमदम तुझे उस़्ताद मैं मानूँ बहरे हजज मुसम्मन सलीम अरकान- मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन ◆●◆ ग़ज़ल तेरी इब़ादत है, तेरी तहरीर आयत है। ख़ुदा का है करम तुझ पर ख़ुदा की ही इनायत है।। गज़ब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 279 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- करके शक़ मुझपे सबालात किये जाते हैं बहरे रमल मुसम्मन मख़बून महजूफ अरकान- फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन 2122 1122 1122 22 करके शक़ मुझपे सबालात किये जाते हैं। फिर भी क्यों प्यार की बरसात किये जाते हैं।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 353 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- नये अंदाज में अब हम, दिवाली यूँ मनाएंगे अंदाज में अब हम, दिवाली यूँ मनाएंगे। जलायेंगे बुराई को तभी, दीपक जलायेंगे।। अभी भी दर-बदर फिरते, हैं लाखों बेसहारा हैं। मिले इक घर, जो बेघर को, तभी हम घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 427 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Nov 2018 · 1 min read वोटर नही है कम, वोटर में है दम - एक चुनावी रचना *वोटर नही है कम, वोटर में है दम* राजनीति के गलियारों में, फिर से बिछी बिसात है। नहीं है इनका कोई मजहब, न ही इनकी जात है।। भोली भली इस... Hindi · गीत 1 1 498 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 15 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- यादों से हमको अपनी, भुलाने का शुक्रिया बहरे मज़ारिअ मुसमन अख़रब मकफूफ़ मकफूफ़ महज़ूफ़ मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन 221 2121 1221 212 यादों से हमको अपनी, भुलाने का शुक्रिया। यूँ उंगलियों पे अपनी, नचाने का शुक्रिया। पाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 422 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- ये नज़रें न होती इशारे न होते... बह्रे- मुतकारिब मुसम्मन सालिम अर्कान- फऊलुन फऊलुन फऊलुन फऊलुन ये नज़रें न होती इशारे न होते। तो रिश्ते हमारे तुम्हारे न होते।। जो विस्वास होता, हमें बाजुओं पे। तो हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 534 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- न जीवन बचेगा, बचा जो न पानी... बह्र-मुतक़ारिब मुसम्मन सलीम अरकान- फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन न जीवन बचेगा, बचा जो न पानी। वो इंसान भी क्या, न हो जिसमें पानी।। (पानी-जल। पानी-स्वाभिमान) चमक तेग की भी पड़ेगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 411 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- जो प्यार दिल में है वो आँखों से झलकता है। मुफ़ाएलुन फ़एलुन मुफ़ाएलुन फ़ैलुन जो प्यार दिल में है वो आँखों से झलकता है। जुबाँ ख़मोश मगर नज़रों से बरसता है।। ये आइना भी न कर पाया तेरा रूप ब़यां।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 224 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- मेरी आशिक़ी भी तू है, तू ही है हब़ीब मेरा। मेरी आशिक़ी भी तू है, तू ही है हब़ीब मेरा। तेरा साथ जो मिला है, तू बना नसीब मेरा।। तुझे चाहती है दुनियाँ, तेरे हैं हजारों आशिक़। तुझे मैंने रब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 485 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 6 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल- अब अमन लाकर रहूँगा हर तरफ दहशत का आलम है मचा कुहराम है । आबरू नारी की लुटती, रोज कत्लेआम है।। शेर बब्बर है ये सेना दुश्मनों के सामने। पर सियासी रहनुमाओं से ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 279 Share Page 1 Next