Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2018 · 1 min read

ग़ज़ल- अब अमन लाकर रहूँगा

हर तरफ दहशत का आलम है मचा कुहराम है ।
आबरू नारी की लुटती, रोज कत्लेआम है।।

शेर बब्बर है ये सेना दुश्मनों के सामने।
पर सियासी रहनुमाओं से ही तो नाकाम है।।

घोलते हैं नफरतों का ज़ह्र वो तो देश में।
प्यार औ चैनो-अमन अब, चाहती आवाम है।।

आइए मिल कर करें हम, नाम रोशन देश का।
भाईचारा एकता का बाँट दें पैग़ाम है।।

अब अमन लाकर रहूँगा, ये मेरा वादा रहा।
हूँ अटल वादे पे अपने, ‘कल्प’ मेरा नाम है।।

✍? अरविंद राजपूत ‘ कल्प’
बह्रे-रमल मुसम्मन महजूफ़
अर्कान- फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
वज़्न- 2122 2122 2122 212

1 Like · 2 Comments · 278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* सताना नहीं *
* सताना नहीं *
surenderpal vaidya
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
चली गई है क्यों अंजू , तू पाकिस्तान
चली गई है क्यों अंजू , तू पाकिस्तान
gurudeenverma198
मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो
मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो
Sanjay ' शून्य'
#एक_सराहनीय_पहल
#एक_सराहनीय_पहल
*Author प्रणय प्रभात*
मन को समझाने
मन को समझाने
sushil sarna
चाय की चुस्की लेते ही कुछ देर तक ऊर्जा शक्ति दे जाती है फिर
चाय की चुस्की लेते ही कुछ देर तक ऊर्जा शक्ति दे जाती है फिर
Shashi kala vyas
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
हिंदी है पहचान
हिंदी है पहचान
Seema gupta,Alwar
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
Er. Sanjay Shrivastava
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
Shweta Soni
दिल तमन्ना कोई
दिल तमन्ना कोई
Dr fauzia Naseem shad
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
Ms.Ankit Halke jha
" शांत शालीन जैसलमेर "
Dr Meenu Poonia
::बेवफा::
::बेवफा::
MSW Sunil SainiCENA
कब तक यही कहे
कब तक यही कहे
मानक लाल मनु
*जब तू रूठ जाता है*
*जब तू रूठ जाता है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Pratibha Pandey
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कालजई रचना
कालजई रचना
Shekhar Chandra Mitra
होली गीत
होली गीत
Kanchan Khanna
कब बोला था / मुसाफ़िर बैठा
कब बोला था / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
अपनी तो मोहब्बत की इतनी कहानी
अपनी तो मोहब्बत की इतनी कहानी
AVINASH (Avi...) MEHRA
करते बर्बादी दिखे , भोजन की हर रोज (कुंडलिया)
करते बर्बादी दिखे , भोजन की हर रोज (कुंडलिया)
Ravi Prakash
कविता
कविता
Shyam Pandey
पिय
पिय
Dr.Pratibha Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"लेकिन"
Dr. Kishan tandon kranti
"इस रोड के जैसे ही _
Rajesh vyas
Loading...