आकाश महेशपुरी Language: Hindi 382 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आकाश महेशपुरी 19 Apr 2022 · 1 min read कर्ज भरना पिता का न आसान है फर्ज का देवता घर का अभिमान है, कर्ज भरना पिता का न आसान है। कोई चिंता न कर, बस ये कहता है वो, रोटियों की जुगत में ही रहता है... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीत 67 123 1k Share आकाश महेशपुरी 16 Dec 2020 · 1 min read कोरोना ने रोक दी दुनिया की रफ्तार कोरोना से भी अधिक, घातक थी वह भूख। जिसके कारण राह में, प्राण रहे थे सूख।। सभी घरों में बंद थे, थी दुनिया बेहाल। कोई भूलेगा नहीं, मौतों का यह... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · दोहा 27 44 936 Share आकाश महेशपुरी 2 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ ●●● माँ कहती रहती है जिसको फूल फूल बस फूल पंख निकल आये हैं जबसे बना हुआ है शूल ●●● पेट काटकर जिसको पाला जिसकी बाहें माँ की माला... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत 23 183 962 Share आकाश महेशपुरी 5 Jul 2023 · 1 min read फितरत है इंसान की मतलब की दुनिया में अब तो कद्र नहीं अहसान की वादे करना और मुकरना फितरत है इंसान की मीठे मीठे शब्दों से ये अक्सर मधु रस घोलेंगे मन में जलती... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 19 17 4k Share आकाश महेशपुरी 1 Feb 2021 · 1 min read मुहब्बत की निशानी मुहब्बत की निशानी ■■■■■■■■■■■■■ मुहब्बत की निशानी ढूँढता हूँ, वही अपनी जवानी ढूँढता हूँ। कभी ख़त तो कभी तस्वीर उसकी, सभी चीजें पुरानी ढूँढता हूँ। शहर में, गाँव में, सारे... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 16 46 717 Share आकाश महेशपुरी 1 Jul 2021 · 3 min read माँ टूटी खाट पर बैठी बुढ़िया चिल्लाए जा रही थी। “बेटा रामनाथ! बड़े जोर की प्यास लगी है…गला सूखा जा रहा है…बेटे! जरा पानी पिला दे।” रामनाथ यारों के साथ बैठा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 16 9 1k Share आकाश महेशपुरी 29 Aug 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मज़दूर बनाता वाहनों को है वो इक मज़दूर होता है मगर पैदल ही चलता है बहुत मजबूर होता है बनाता है किला वो ताज, मीनारें, पिरामिड भी मगर गुमनाम रहता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 12 7 1k Share आकाश महेशपुरी 1 Jul 2021 · 4 min read दहेज़ आधी रात को बैगन के खेत में मचान पर सोये अकलू की नींद अचानक टूटी। कुछ जलने की गंध व सियारों का शोर सुनकर वह बुरी तरह सहम गया। खेत... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 11 12 1k Share आकाश महेशपुरी 24 Mar 2022 · 1 min read ये शिक्षामित्र है भाई कि इसमें जान थोड़ी है जो मरता है तो मरने दो कोई इंसान थोड़ी है ये शिक्षामित्र है भाई कि इसमें जान थोड़ी है पढ़ाता काटकर ये पेट अपना रोज वर्षों से बहुत अहसान करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 10 4 2k Share आकाश महेशपुरी 30 Apr 2022 · 1 min read इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर पीठ पर पति के इतना क्यूँ सामान है कोई गदहा नहीं यह भी इंसान है रोड पर झूमना इक हुनर है हुनर बिन पिये जो चले वह तो नादान है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · हास्य-व्यंग्य 10 10 1k Share आकाश महेशपुरी 24 Sep 2018 · 1 min read स्वागत गीत- खिल गए आज हम स्वागत गीत- खिल गए आज हम ★★★★★★★★★★★★★ आप आये यहाँ खिल गए आज हम स्वागतम स्वागतम स्वागतम स्वागतम दूर तम हो गया रोशनी आ गयी आप आये यहाँ है खुशी... Hindi · गीत 9 4 18k Share आकाश महेशपुरी 16 Oct 2019 · 1 min read दोहे- जनता मालिक है मगर... दोहे- जनता मालिक है मगर... ■■□■■□■■□■■□■■ नेताओं की बात पर, मत करना मतभेद। लोकतंत्र की नाव में, ये करते हैं छेद।। कुछ नेता गूंगे यहाँ, कुछ इतने वाचाल। एवरेस्ट के... Hindi · दोहा 9 1 521 Share आकाश महेशपुरी 11 Jan 2020 · 1 min read गीत- हिंदी से तुम प्यार करो गीत- हिंदी से भाई प्यार करो ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ हिंदी की बिंदी से भाई भारत का तुम श्रृंगार करो, दुनिया में यह रौशन होगी, घर में पहले स्वीकार करो। तेरी माँ की... Hindi · गीत 9 8 1k Share आकाश महेशपुरी 13 Dec 2020 · 1 min read ग़ज़ल- चरण पादुका से न इज्ज़त उतारो मुझे यूँ न देखो कुँवारा नहीं हूँ किसी और का हूँ तुम्हारा नहीं हूँ न छत पे बुलाओ मुझे रात में तुम मैं इंसान हूँ चाँद-तारा नहीं हूँ भले मुझको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · हास्य-व्यंग्य 9 6 1k Share आकाश महेशपुरी 8 Jun 2022 · 6 min read अनमोल जीवन अनमोल दरिया पर बने पुल से छलांग लगाने ही वाला था कि किसी ने उसे अपनी तरफ खींच लिया। वह पुल की रेलिंग से नीचे सड़क पर आ गिरा। 'अरे... Hindi · कहानी 9 4 962 Share आकाश महेशपुरी 17 Sep 2016 · 1 min read गीत- जान तिरंगा है आओ मिल-जुल कर फहराएँ शान तिरंगा है। मेरी-तेरी, तेरी-मेरी, जान तिरंगा है।। आजादी की खातिर ही कितनों ने घर छोड़ दिया अपनों की खुशहाली को जग से नाता तोड़ दिया... Hindi · गीत 8 4 4k Share आकाश महेशपुरी 18 May 2022 · 1 min read महँगाई हमारी जान जाती है न जाती है ये महँगाई नई सरकार बनते फिर रुलाती है ये महँगाई यहाँ हर बात में यारों ख़ुशी हम ढूँढ लेते हैं मगर सर दर्द... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 5 641 Share आकाश महेशपुरी 6 Nov 2018 · 1 min read दो कुण्डलियाँ 【टीका और शोर】 दो कुण्डलियाँ 【टीका और शोर】 ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ 1- टीका टीका करने से अगर, जाते सारे रोग। बिना दवा के साथियों, होते सभी निरोग। होते सभी निरोग, सभी के बचते पैसे। बच्चे... Hindi · कुण्डलिया 7 2 498 Share आकाश महेशपुरी 13 Feb 2019 · 1 min read कुर्ता भले सफेद...जोगीरा सा रा रा रा कुर्ता भले सफेद...जोगीरा सा रा रा रा □■□■□■□■□■□■□■□■□ नेता नोटों की गड्डी से, खेल रहे हैं खेल। जीवन अपना फीका फीका, मिले नमक ना तेल- जोगीरा सा रा रा रा।।... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 7 4 1k Share आकाश महेशपुरी 4 Jun 2021 · 1 min read ग़ज़ल- चले गए हैं वे जिंदगी से ग़ज़ल- चले गए हैं वे जिंदगी से ■■■■■■■■■■■■■■ न जाने क्यों अब पलट गए हैं हमें वे अपनी ज़बान देकर नहीं मुनासिब है छीन लेना किसी को सारा जहान देकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 3 408 Share आकाश महेशपुरी 3 Nov 2021 · 1 min read ख़ुशियों का त्योहार मुबारक ख़ुशियों का त्योहार मुबारक महँगाई की मार मुबारक तिनका तिनका जोड़ रहे हो कर्ज़ा और उधार मुबारक जनता को ही लूट रही है जनता की सरकार मुबारक क्रय क्षमता से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 5 732 Share आकाश महेशपुरी 20 Dec 2021 · 1 min read टूट कर की पढ़ाई... टूट कर की पढ़ाई मिला कुछ नहीं, सारी पूँजी लगाई मिला कुछ नहीं, सब ये कहने लगे तुम पकौड़ा तलो, उम्र आधी गँवाई मिला कुछ नहीं। - आकाश महेशपुरी दिनांक-... Hindi · मुक्तक 7 5 660 Share आकाश महेशपुरी 7 May 2022 · 1 min read न कोई जगत से कलाकार जाता रहे ना रहे जग से रहता है नाता, न कोई जगत से कलाकार जाता। रहे स्वार्थ में, लाख दौलत कमाये, कि ऐसे मनुज को जहाँ भूल जाये। मगर जो खुशी... Hindi · गीत 7 9 820 Share आकाश महेशपुरी 28 Aug 2022 · 1 min read संविदा की नौकरी का दर्द जितनी उम्र गँवाई हमने, उसका हमें हिसाब चाहिए ऐ गूँगी बहरी सरकारों, दे दो हमें जवाब चाहिए नाम संविदा का देकर तुम जनमानस को लूट रहे हो दिवास्वप्न क्यों रोज... Hindi · गीत 7 2 1k Share आकाश महेशपुरी 24 Nov 2018 · 1 min read तीन मुक्तक (शादी, फैशन, काला) तीन मुक्तक (शादी, फैशन, काला) ●●●●●●●●●●●●●●●● (1) शादी कुँवारा जबतलक है खुल के मेरा यार दौड़ेगा गले में हार के पड़ते ही लेकर हार दौड़ेगा हुई शादी हुए बच्चे तो... Hindi · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 6 533 Share आकाश महेशपुरी 16 Feb 2019 · 1 min read पाक तुझे दहला देंगे रोज-रोज छिप-छिप कर चूहों आ जाते हो सरहद में बुजदिल तुम डरपोक भिखारी जल्दी आओगे ज़द में आग लगाकर बिल में घुसना और नहीं चलने देंगे घर में घुसकर मारेंगे... Hindi · कविता 6 4 1k Share आकाश महेशपुरी 4 Jul 2019 · 1 min read शिक्षक की महिमा शिक्षक की महिमा ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ 1- वे ऐसा काम करते हैं सभी गुणगान करते हैं, हमें अमरित पिला कर खुद जो अमरित पान करते हैं, कि उनके पाँव अक्सर शब्द मेरे... Hindi · मुक्तक 6 1 1k Share आकाश महेशपुरी 17 Aug 2019 · 1 min read कविता- हँसी ठिठोली कर लें आओ कविता- हँसी ठिठोली कर लें आओ □■■■□■■■□■■■□ दुनिया के कुछ लोग हमेशा, रहते हैं मुरझाए। हँसी-ठिठोली कर लें आओ, हर कोई मुस्काए।। बीवी जिसकी कद्दू जैसी, वह ककड़ी का भ्राता।... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 6 1 759 Share आकाश महेशपुरी 21 Dec 2019 · 1 min read भारत माता की पुकार ऐ मेरे बच्चों जरा मिल-जुल के रहना सीख लो भाई भाई हो सभी तुम प्यार करना सीख लो तेरी इस माँ भारती को रौंदने आ जायेगा बैर आपस में रखोगे... Hindi · गीत 6 6 1k Share आकाश महेशपुरी 15 Feb 2020 · 1 min read गीत- ...नील गाय खा जाती है गीत- ...नील गाय खा जाती है ■■■■■■■■■■■■■■■■■■ खेतों की रखवाली करते नींद हमें कब आती है? पर जो भी फसलें बोते हम नील गाय खा जाती है। रोज पसीना खूब... Hindi · गीत 6 2 1k Share आकाश महेशपुरी 2 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल- ऐसी दीवार है दरमियाँ आजकल ग़ज़ल- ऐसी दीवार है दरमियाँ आजकल ■■■■■■■■■■■■■■ ऐसी दीवार है दरमियाँ आजकल वह सुनेगा नहीं सिसकियाँ आजकल खेलता था कभी साथ मेरे वही खोलता भी नहीं खिड़कियाँ आजकल जिसने मुझको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 2 746 Share आकाश महेशपुरी 17 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल- यार मेरा कमाल करता है ग़ज़ल- यार मेरा कमाल करता है ■■■■■■■■■■■ यार मेरा कमाल करता है दुश्मनी बेमिसाल करता है बोलो कैसा मिज़ाज है तेरा चोट देकर सवाल करता है आजकल मतलबी सी दुनिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 4 671 Share आकाश महेशपुरी 7 May 2020 · 1 min read खुली हुई है मधुशाला खुली हुई है मधुशाला ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ कोरोना के डर से सारे बंद पड़े हैं विद्यालय, मिल-जुल कर मरने की शिक्षा देते अब तो मदिरालय। नहीं किताबें मिल पाएंगी, लगा दुकानों पर... Hindi · कविता 6 678 Share आकाश महेशपुरी 20 Jun 2020 · 1 min read ग़ज़ल- इस तरह दिल चुराने लगी ग़ज़ल- इस तरह दिल चुराने लगी ■■■■■■■■■■■■■■■ इस तरह दिल चुराने लगी वो मुझे गुनगुनाने लगी हो गयी क्या मुहब्बत उसे गेसुओं को सजाने लगी अश्क़ बहने लगे इश्क़ में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 1 471 Share आकाश महेशपुरी 24 Jun 2020 · 1 min read कुण्डलिया- सुबह सुबह की नींद कुण्डलिया- सुबह सुबह की नींद ■■■■■■■■■■■■■■■■■ होते ही सूरज उदय, टूटी यह उम्मीद। जिसको कहते हैं सभी, सुबह सुबह की नींद। सुबह सुबह की नींद, बहुत लगती है प्यारी। लेकिन... Hindi · कुण्डलिया 6 316 Share आकाश महेशपुरी 22 Aug 2020 · 1 min read कितने गड्ढे... कितने गड्ढे...(कुण्डलिया छंद) ■■■■■■■■■■■■■■ 1- कितने गड्ढे आजकल, सड़कों पर हर ओर। चलना मुश्किल हो गया, सुबह रात या भोर। सुबह रात या भोर, चोट लगने का डर है। घर... Hindi · कुण्डलिया 6 1 586 Share आकाश महेशपुरी 27 Dec 2021 · 1 min read झंडा लेकर करो गुलामी... झंडा लेकर करो गुलामी फल तुमको तत्काल मिलेगा, पढ़ना-लिखना छोड़ो यारों रैली से ही माल मिलेगा, रोजगार के पीछे अपना माथा क्यों तुम खपा रहे हो- घर बैठे हर माह... Hindi · मुक्तक 6 2 833 Share आकाश महेशपुरी 6 May 2022 · 1 min read जाने कैसा दिन लेकर यह आया है परिवर्तन जाने कैसा दिन लेकर यह आया है परिवर्तन! छप्पर लोग उठाने खातिर आ जाते थे द्वारे, मदद एक-दूजे की करने को तत्पर थे सारे। शादी में पाहुन को पहले सभी... Hindi · गीत 6 7 595 Share आकाश महेशपुरी 16 May 2022 · 1 min read समुंदर बेच देता है वो दौलत बाप की बोली लगाकर बेच देता है कभी सोना कभी हीरा कभी घर बेच देता है कहीं प्यासा न मर जाये तड़पकर एक दिन यारों वो कतरा भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 5 582 Share आकाश महेशपुरी 16 Jan 2019 · 1 min read रसोई गैस सिलेंडर की महँगाई रसोई गैस सिलेंडर की महँगाई ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ लगता है यूँ भूखे प्यासे रह जाएंगे बच्चे है राशन पर क्या हम इसको खा पाएंगे कच्चे आज हुए तुम खाली हो जब जेब... Hindi · कविता 5 2 1k Share आकाश महेशपुरी 24 Dec 2019 · 1 min read गीत- याद करो बलिदान को जाति-धर्म की बातें कर यूँ मत बाँटो इंसान को, मिल-जुल कर तुम रहो बचा लो अपने देश महान को। कुछ नेता बस घात करेंगे, झगड़े वाली बात करेंगे। जेठ महीने... Hindi · गीत 5 4 1k Share आकाश महेशपुरी 4 Feb 2020 · 1 min read घनाक्षरी- पेड़ की कृपा घनाक्षरी- पेड़ की कृपा ■■■■■■■■■■■■■ पेड़ों पर इतना न ज़ुल्म करो बन्धु मेरे, पेड़ की कृपा से सभी जीव यहाँ पलते। फल चखने के लिए मारते हो पत्थरों से, फिर... Hindi · घनाक्षरी 5 470 Share आकाश महेशपुरी 5 Mar 2020 · 1 min read कोरोना वायरस कोरोना वायरस ■■■■■■■■■■■■■■■ कोरोना यह वायरस, जो मानव की देन। इतना ताकतवर हुआ, पल पल देता पेन। पल पल देता पेन, नाक बहने लगती है। आती रहती छींक, देह तपने... Hindi · कुण्डलिया 5 5 855 Share आकाश महेशपुरी 27 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल- पैरों में छाले हैं ग़ज़ल- पैरों में छाले हैं ■■■■■■■■■■■■ सत्ताधीशों के हाँथों में प्याले हैं लेकिन लोगों के पैरों में छाले हैं चलते-चलते चाहे कोई मर जाये उनका क्या वे उड़नखटोले वाले हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 723 Share आकाश महेशपुरी 6 Sep 2020 · 1 min read ग़ज़ल- बस मुझको नहीं बुलाया कर ग़ज़ल- बस मुझको नहीं बुलाया कर ■■■■■■■■■■■■■■■■ बस मुझको नहीं बुलाया कर मेरे घर भी तू आया कर पिज़्ज़ा बर्गर के दीवाने तू रोटी सब्जी खाया कर तू भी ऊपर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 503 Share आकाश महेशपुरी 28 Nov 2020 · 1 min read ग़ज़ल- हमारी जीविका ही वो सितमगर छीन लेता है ग़ज़ल- हमारी जीविका ही वो सितमगर छीन लेता है ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ कभी रोटी कभी कपड़े कभी घर छीन लेता है हमारी जीविका ही वो सितमगर छीन लेता है महल के वास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 612 Share आकाश महेशपुरी 19 Dec 2020 · 1 min read ग़ज़ल- रोज़ बीवी लड़े पड़ोसन से ग़ज़ल- रोज़ बीवी लड़े पड़ोसन से ■■■■■■■■■■■■■■■ चोर-लुच्चों का डर नहीं होता तुम न होते तो घर नहीं होता इतनी पालिश लगाए बैठे हो हुस्न का भी असर नहीं होता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · हास्य-व्यंग्य 5 5 853 Share आकाश महेशपुरी 24 Dec 2020 · 1 min read नूतन वर्ष (मत्तगयंद सवैया छंद) नूतन वर्ष (मत्तगयंद सवैया छंद) ■■■■■■■■■■■■■■ देश रहे बदहाल सभी बदहाल रहे जग के नर-नारी, संकट था चहुँओर रहा पर संकट पे यह साहस भारी, मान लिया गुजरा यह साल... Hindi · सवैया 5 4 456 Share आकाश महेशपुरी 4 May 2021 · 1 min read ग़ज़ल- कितना है हत्यारा सिस्टम ग़ज़ल- कितना है हत्यारा सिस्टम ■■■■■■■■■■■■■■■ देखो आज तुम्हारा सिस्टम कितना है हत्यारा सिस्टम आक्सीजन बिन मर जाओगे कातिल है यह सारा सिस्टम तेरी भूख मिटाए कैसे नेताओं का चारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 645 Share आकाश महेशपुरी 22 May 2021 · 1 min read बारिश का पानी ग़ज़ल ~~~~~ हर कोई बदहाल हुआ है सावन में। पानी जैसे काल हुआ है सावन में।। रोज कमाकर खाने वाला कुनबा तो, रोटी बिन बेहाल हुआ है सावन में। एक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 5 7 791 Share Page 1 Next