Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2022 · 1 min read

समुंदर बेच देता है

वो दौलत बाप की बोली लगाकर बेच देता है
कभी सोना कभी हीरा कभी घर बेच देता है

कहीं प्यासा न मर जाये तड़पकर एक दिन यारों
वो कतरा भी नहीं रखता समुंदर बेच देता है

लड़ाकर एक-दूजे को धरम के नाम पर सुन लो
हमारे ख़्वाब सारे एक रहबर बेच देता है

कमाते हैं सभी लेकिन उसे लत है लुटाने की
भले कुनबा बिखर जाये वो दफ्तर बेच देता है

सजग रहते नहीं ‘आकाश’ घर के लोग हर पल तो
चुराकर वस्तुओं को एक नौकर बेच देता है

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 14/05/2022

6 Likes · 5 Comments · 574 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*शिवरात्रि*
*शिवरात्रि*
Dr. Priya Gupta
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
bharat gehlot
फितरत
फितरत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
Hanuman Ramawat
हर तीखे मोड़ पर मन में एक सुगबुगाहट सी होती है। न जाने क्यों
हर तीखे मोड़ पर मन में एक सुगबुगाहट सी होती है। न जाने क्यों
Guru Mishra
अपनी बुरी आदतों पर विजय पाने की खुशी किसी युद्ध में विजय पान
अपनी बुरी आदतों पर विजय पाने की खुशी किसी युद्ध में विजय पान
Paras Nath Jha
* टाई-सँग सँवरा-सजा ,लैपटॉप ले साथ【कुंडलिया】*
* टाई-सँग सँवरा-सजा ,लैपटॉप ले साथ【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
मारुति मं बालम जी मनैं
मारुति मं बालम जी मनैं
gurudeenverma198
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
shabina. Naaz
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
Manoj Mahato
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
प्रेमदास वसु सुरेखा
चयन
चयन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*ये बिल्कुल मेरी मां जैसी है*
*ये बिल्कुल मेरी मां जैसी है*
Shashi kala vyas
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी निगाहों मे किन गुहानों के निशां खोजते हों,
मेरी निगाहों मे किन गुहानों के निशां खोजते हों,
Vishal babu (vishu)
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपने साथ तो सब अपना है
अपने साथ तो सब अपना है
Dheerja Sharma
पश्चाताप का खजाना
पश्चाताप का खजाना
अशोक कुमार ढोरिया
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
Writer_ermkumar
उदासी से भरे हैं दिन, कटें करवट बदल रातें।
उदासी से भरे हैं दिन, कटें करवट बदल रातें।
डॉ.सीमा अग्रवाल
पतग की परिणीति
पतग की परिणीति
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ख़्वाब की होती ये
ख़्वाब की होती ये
Dr fauzia Naseem shad
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
*Nabi* के नवासे की सहादत पर
*Nabi* के नवासे की सहादत पर
Shakil Alam
हर किसी के पास एक जैसी ज़िंदगी की घड़ी है, फिर एक तो आराम से
हर किसी के पास एक जैसी ज़िंदगी की घड़ी है, फिर एक तो आराम से
पूर्वार्थ
"चालाक आदमी की दास्तान"
Pushpraj Anant
जी-२० शिखर सम्मेलन
जी-२० शिखर सम्मेलन
surenderpal vaidya
..........?
..........?
शेखर सिंह
राजनीति की नई चौधराहट में घोसी में सभी सिर्फ़ पिछड़ों की बात
राजनीति की नई चौधराहट में घोसी में सभी सिर्फ़ पिछड़ों की बात
Anand Kumar
#मिसाल-
#मिसाल-
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...