मुक्तक
नारी का तन उघाड़ने की होड़ लगी
यदि है यही विकास, तो विकास नही चाहिए,
अब देश की जड़ खोदनेवाले नेता,
खुद लिखेंगे इतिहास, तो इतिहास नही चाहिए।
नारी का तन उघाड़ने की होड़ लगी
यदि है यही विकास, तो विकास नही चाहिए,
अब देश की जड़ खोदनेवाले नेता,
खुद लिखेंगे इतिहास, तो इतिहास नही चाहिए।