Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2018 · 1 min read

आजा रे तू काले बदरा, ले घनघोर घटा रे।

? ? ? ? ?
आजा रे तू काले बदरा ,ले घनघोर घटा रे।
जीवन में खालीपन घेरा ,सूखा नीर नयन रे।

नाम अधर पर तेरा रहता ,हर पल मनभावन रे।
गरज-गरज कर उमड़-घुमड़ कर ,बरसो बन सावन रे।

नीले-नीले आसमान में ,इंद्रधनुष सा छा रे।
मेरे मन की पीड़ा हर ले ,थोड़ा नीर बहा रे।

विरह अश्रु छुप जाय,छुपाना, बादल तुम आना रे।
आजा रे तू काले बदरा ,ले घनघोर घटा रे।

चातक बना निहारे नैना ,आंखें पथराई रे।
बेबस मनवा मुझ विरहन की ,पल-पल घबराई रे।

मूक बनी सी दूर क्षितिज में ,देखूँ सजल नयन रे।
आमंत्रण दे रही तुम्हें मैं ,अंतस लगी अगन रे।

किसको व्यथा सुनाऊँ अपनी ,मन को कुछ समझा रे।
आजा रे तू काले बदरा ,ले घनघोर घटा रे।

अँखिया थक गई बाट जोहते ,सूना मन आँगन रे।
फिर भी आस लगी दर्शन की ,बाट तकूँ साजन रे।

झूठे-मूठे ढ़ाँढस देकर ,कब तक बहलाऊँ रे।
कुशल क्षेम जानूँ मैं कैसे ,ह्रदय धीर पाऊँ रे।

मिलने मुझसे अब आ जाओ ,दिल को ना तड़पा रे।
आजा रे तू काले बदरा ,ले घनघोर घटा रे।

श्याम -श्याम मतवाले बादल ,आसमान से आ रे।
तपती हृदय शुष्क मन मेरा ,शीतल जल बरसा रे।

निरीह अकेली मन बावरा ,कुछ संदेशा ला रे।
बड़ा निर्मोही है सांवरा ,प्रीत रंग बरसा रे।

परदेसी प्रियतम को लेकर ,जल्दी घर आजा रे ।
आजा रे तू काले बदरा ,ले घनघोर घटा रे।

? ? ? ? – लक्ष्मी सिंह ? ☺

333 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

Nhà cái AB77 là nền tảng cá cược uy tín, chuyên nghiệp với đ
Nhà cái AB77 là nền tảng cá cược uy tín, chuyên nghiệp với đ
Ab77
3026.*पूर्णिका*
3026.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शीर्षक:गुरु मेरा अभिमान
शीर्षक:गुरु मेरा अभिमान
Harminder Kaur
नूतन वर्षाभिनन्दन 2025
नूतन वर्षाभिनन्दन 2025
Tarun Singh Pawar
गुलाम
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मैया नवरात्रि में मुझपर कृपा करना
मैया नवरात्रि में मुझपर कृपा करना
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ग़ज़ल _ तुम फ़ासले बढ़ाकर किसको दिखा रहे हो ।
ग़ज़ल _ तुम फ़ासले बढ़ाकर किसको दिखा रहे हो ।
Neelofar Khan
तिल में जैसे मीठी मीठी
तिल में जैसे मीठी मीठी
Mamta Rani
*राम अर्थ है भवसागर से, तरने वाले नाम का (मुक्तक)*
*राम अर्थ है भवसागर से, तरने वाले नाम का (मुक्तक)*
Ravi Prakash
summer as festival*
summer as festival*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
05/05/2024
05/05/2024
Satyaveer vaishnav
अतीत का अफसोस क्या करना।
अतीत का अफसोस क्या करना।
P S Dhami
हिंदी है भारत देश की जुबान ।
हिंदी है भारत देश की जुबान ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
ना अब मनमानी करता हूं
ना अब मनमानी करता हूं
Keshav kishor Kumar
आदि  अनंत  अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी।
आदि अनंत अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
धर्म के परदे  के   पीछे,  छुप   रहे    हैं  राजदाँ।
धर्म के परदे के पीछे, छुप रहे हैं राजदाँ।
दीपक झा रुद्रा
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
शेखर सिंह
हिजरत - चार मिसरे
हिजरत - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
स्याही की
स्याही की
Atul "Krishn"
की है निगाहे - नाज़ ने दिल पे हया की चोट
की है निगाहे - नाज़ ने दिल पे हया की चोट
Sarfaraz Ahmed Aasee
* चलते रहो *
* चलते रहो *
surenderpal vaidya
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
कवि रमेशराज
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
DrLakshman Jha Parimal
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्रकृति के स्वरूप
प्रकृति के स्वरूप
डॉ० रोहित कौशिक
World Books Day
World Books Day
Tushar Jagawat
एक आंसू
एक आंसू
Kshma Urmila
मां का लाडला तो हर एक बेटा होता है, पर सासू मां का लाडला होन
मां का लाडला तो हर एक बेटा होता है, पर सासू मां का लाडला होन
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चलने का नाम ज़िंदगी है
चलने का नाम ज़िंदगी है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...