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1 Apr 2018 · 1 min read

हवा देखिये।

खुशबुओं से घुली हैं हवा देखिये,
कितनी महकी हुई हैं फ़िज़ा देखिये।

मर मिटे कितने लोग इश्क़ में,
चल रहा ये हैं सिलसिला देखिये!

तारिक़ अज़ीम ‘तनहा’

212 212 212 212

Language: Hindi
569 Views
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