Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2017 · 1 min read

अक्सर याद आता है…..

अक्सर याद आता है…..
वो ममतामयी अचपन !
माँ का आँचल ,
बाबुल की डांट..
वो रूठना ..मटकना …
बिन बोले माँ का ..
सब कुछ समझ लेना ..
अक्सर याद आता है…..
स्कूल का पहला दिन ..
सहमे से कदम ..
माँ का समझाना ..
बड़े प्यार से स्कूल के लिए मनाना ..
होमवर्क करते -करते मेरा सो जाना
माँ का बड़े प्यार से उठाना
फिर खाना खिलाना ..
रात -रात भर मेरे जागना
और उनका मेरे साथ जागना …
बड़ा याद आता है !
जब नींद नहीं आती रातों को !
गूँजती है लोरियां कानों में ..
जब भूख से पेट में ..
मरोड़ उठती है
याद आती है वो सजी थालियाँ !
बड़े प्यार से माँ का खिलाना ..
बहुत याद आता है…..
वो जूज़र वक्त ..
जो बीता ही नए वक्त के लिए …
बहुत याद आता है…..
बहुत …..

Language: Hindi
592 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बदमाश किरणें
बदमाश किरणें
Radha Bablu mishra
नफ़रत में जलने वालों के घाव भरते नही है
नफ़रत में जलने वालों के घाव भरते नही है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
किसी की ज़िंदगी का तुम कभी भी गम नही बनना
किसी की ज़िंदगी का तुम कभी भी गम नही बनना
raijyoti47.
3640.💐 *पूर्णिका* 💐
3640.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
क्यों नहीं आती नींद.
क्यों नहीं आती नींद.
Heera S
धवल दीक्षित (मुक्तक)
धवल दीक्षित (मुक्तक)
Ravi Prakash
सफलता का सोपान
सफलता का सोपान
Sandeep Pande
देशभक्ति
देशभक्ति
विशाल शुक्ल
" जय भारत-जय गणतंत्र ! "
Surya Barman
शर्त
शर्त
Shivam Rajput
*समा जा दिल में मेरे*
*समा जा दिल में मेरे*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दान और कोरोना काल
दान और कोरोना काल
Khajan Singh Nain
नहीं है
नहीं है
Arvind trivedi
ग़ज़ल- मंज़र नहीं देखा
ग़ज़ल- मंज़र नहीं देखा
आकाश महेशपुरी
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
" यह सावन की रीत "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
लिबास और आदमी
लिबास और आदमी
पूर्वार्थ
"देश-धरम"
Dr. Kishan tandon kranti
आज दिवस है  इश्क का, जी भर कर लो प्यार ।
आज दिवस है इश्क का, जी भर कर लो प्यार ।
sushil sarna
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
इंसान की रुचि जिस कार्य में होती है अगर वो उसको करे तो उसमें
इंसान की रुचि जिस कार्य में होती है अगर वो उसको करे तो उसमें
Rj Anand Prajapati
बीवी की पहली ख्वाहिश है कि,
बीवी की पहली ख्वाहिश है कि,
Umender kumar
अमृत
अमृत
Rambali Mishra
कसूरवान
कसूरवान
Sakhi
सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
माफिया
माफिया
Sanjay ' शून्य'
शब्द
शब्द
Mandar Gangal
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
Loading...