Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2017 · 1 min read

२१२२–१२१२–२२
आ रहा है कोई

पास दिल के भी आ रहा है कोई
ख्वाब मेरे सजा रहा है कोई

ज़िंदगी फिर से जी गये हम तो
प्यार हमसे जता रहा है कोई

महफ़िलो की कभी जो रौनक थी
फ़ब्तियों से मिटा रहा है कोई

छुप रहा है गुनाह अंधेरो में
आइनो को छुपा रहा है कोई

आग कैसी लगी है वीरां में
यादे किसकी मिटा रहा है कोई

अश्क आखिरश सूखने ही थे
चश्म ऐ दिल चुरा रहा है कोई

4 Likes · 2 Comments · 471 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दूर अब न रहो पास आया करो,
दूर अब न रहो पास आया करो,
Vindhya Prakash Mishra
😢ज्वलंत सवाल😢
😢ज्वलंत सवाल😢
*प्रणय*
मानवता
मानवता
Rahul Singh
निर्गुण
निर्गुण
श्रीहर्ष आचार्य
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रकृति की पुकार
प्रकृति की पुकार
AMRESH KUMAR VERMA
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
Dr. Narendra Valmiki
सकारात्मक सोच की शक्ति अपने आप में तब निश्चितता की भावना उत्
सकारात्मक सोच की शक्ति अपने आप में तब निश्चितता की भावना उत्
ललकार भारद्वाज
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
Dr Mukesh 'Aseemit'
आशुतोष,
आशुतोष,
पं अंजू पांडेय अश्रु
सबकी अपनी जिन्दगी है
सबकी अपनी जिन्दगी है
Saraswati Bajpai
3772.💐 *पूर्णिका* 💐
3772.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
ओनिका सेतिया 'अनु '
दिल का टुकड़ा...
दिल का टुकड़ा...
Manisha Wandhare
8 आग
8 आग
Kshma Urmila
- दिल यह तुझ पर मरता है -
- दिल यह तुझ पर मरता है -
bharat gehlot
अमत्ता घनाक्षरी
अमत्ता घनाक्षरी
seema sharma
साथ..
साथ..
हिमांशु Kulshrestha
गंगा सागर
गंगा सागर
Rambali Mishra
जुदाई का प्रयोजन बस बिछड़ना ही नहीं होता,
जुदाई का प्रयोजन बस बिछड़ना ही नहीं होता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"with eyes filled with dreams"
राकेश चौरसिया
कलम कहती है सच
कलम कहती है सच
Kirtika Namdev
"आजकल औरतों का जो पहनावा है ll
पूर्वार्थ
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
दूध का वैज्ञानिक विश्लेषण,
दूध का वैज्ञानिक विश्लेषण,
Anil Kumar Mishra
ईष्र्या
ईष्र्या
Sûrëkhâ
घर आ जाओ अब महारानी (उपालंभ गीत)
घर आ जाओ अब महारानी (उपालंभ गीत)
गुमनाम 'बाबा'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Yogmaya Sharma
इम्तिहान
इम्तिहान
Mamta Rani
Loading...