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5 May 2024 · 1 min read

8 आग

8 आग

आग हर मुल्क हर शहर में है ,
आग हर ज़हन हर एक घर में है …
आग जो कुछ मिटाये , आग है बस ,
आग दूर्गुन जलाये होली है ….

आग ही खाब , तेरा और मेरा ,
आग जिसने ज़माने को घेरा ,
आग बम में छिपी , कयामत है ,
आग भोजन पकाये होली है ….

आग का अंत राख ही है मगर ,
और अंधेरों से जंग ही है सफर …
आग पावन हो और निरंतर हो ,
भाई जीवन ही एक होली है ….

एक छोटी सी लौ , लिए निकले ,
मेहनतों से जलीं मशालें भी ..
आग जो करे , तुझे मुझे रोशन ,
कह सकुंगी आज होली है ….
– क्षमा ऊर्मिला

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