हिंदी दोहे विषय -मर्म (राजीव नामदेव राना लिधौरी)

#हिंदी_दोहे-विषय- #मर्म (भेद,रहस्य,स्वरूप)
कौन जानता मर्म है,#राना उसका खेल।
कभी वियोगी दे बना,कभी करा दे मेल।।
#राना ने यह भी सुना,कर्म मर्म बलवान।
कथा सुनी है भीलनी,अर्जुन तीर कमान।।
कभी कर्म था आपका,रहा मर्म अंजान।
आज उदय में आ गया #राना फल अनुदान।।
आज आप लिख लीजिए,मिलता है संदेश।
मिले कर्म के मर्म से,#राना हर परिवेश।।
समय न खोना चाहिए,#राना बोले बोल।
हार जीत का मर्म है,किया कर्म अनमोल।।
*** दिनांक -15-4-2025
✍️ – #राजीव नामदेव “#राना_लिधौरी”
संपादक “#आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘#अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. #लेखक_संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष #वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
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