तुम मुझे गुनगुनाओ तो सही, अपना कह कर प्यार जताओ तो सही साथ र

तुम मुझे गुनगुनाओ तो सही, अपना कह कर प्यार जताओ तो सही साथ रहे तो धुन भी मिल जाएगी, और मोहब्बत में वजह कहां देखी जाती है, अगर मोहब्बत में वजह हो तो वो तो साजिश हो जाती है,
बेवजह हो तब ही तो मोहब्बत कहलाती है,
भली रूह हूं, भला इंसान हूं, काबिल हूं मै बहुत, ये सब सिर्फ़ तुम्हारी आँखें देख पाती है तुम पूछते हैं वजह मुझसे मोहब्बत करने की और वो सारी वजह तुम खुद बताते हो रही बात धड़कने ना मिलने की धड़कने मिलाना ना किसे है?
हमें तो बस एक दूसरे के दिल को संभाले रखना है।