*हिन्दी व्यंजनों की समझ*

हिन्दी व्यंजनों की समझ
क से कबूतर ख से खरगोश,
पढ़ने में बच्चों लगाओ जोश।
ग से गमला घ से घंटा,
क्रिसमस पर आता है संता।
च से चम्मच छ से छाता,
बन्दर को खूब केला भाता।
ज से जल झ से झरना,
अपना काम समय से करना।
ट से टमाटर ठ से ठप्पा,
बच्चे करते पसंद हप्पा।
त से तरबूज थ से थन,
स्थिर रखो अपना मन।
द से दवाई ध से धागा,
किसान खेत से घर को भागा।
न से नल प से पानी,
कहानी सुनाती हमको नानी।
फ से फल ब से बकरी,
आठ पैर की होती मकड़ी।
भ से भालू म से मछली,
स्कूल रोज जाओ पगली।
य से यज्ञ र से रथ,
सुबह रोज करो कसरत।
ल से लड्डू व से वक,
पढ़ो ध्यान से बदलेगा लक।
श से शलजम ष से षट्कोण,
रास्ते में दिखे कई मोड़।
से से सपेरा ह से हल,
पढ़ लो आज सुधरेगा कल।
क्ष से क्षत्रिय त्र से त्रिशूल,
आलसी बनने की करो न भूल।
ज्ञ से ज्ञानी देता ज्ञान,
पढ़ो लिखो तुम बनो महान।।