Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Apr 2024 · 1 min read

तू बेखबर इतना भी ना हो

तू बेखबर इतना भी ना हो।
कि अपने दिल की ही खबर ना हो।।
करो तुम नफरत हमसे बहुत।
मगर खुद से तो नाखुश ना हो।।
तू बेखबर इतना भी ———————-।।

तुमसे शिकायत यह नहीं हमको।
कि प्यार हमसे क्यों नहीं करते।।
दुःख तो हमें होता है इससे।
कि तुम रुसवां खुद से ही ना हो।।
तू बेखबर इतना भी ——————।।

बिसात हमारी नहीं थी इतनी।
खरीद सकते हम दिल तुम्हारा।।
बहुत हसीन है महफ़िल तुम्हारी।
लेकिन इसमें बदनाम तू ना हो।।
तू बेखबर इतना भी ————————।।

अच्छी लगी हमको पसंद तुम्हारी।
तुमको मिल गया है साथी पसन्द का।।
नाराज इसको कभी तू नहीं करना।
शिकवा तुमको इससे कभी ना हो।।
तू बेखबर इतना भी———————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ई कइसन मिलन बा (बिदाई गीत)
ई कइसन मिलन बा (बिदाई गीत)
आकाश महेशपुरी
फागुन
फागुन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
Bidyadhar Mantry
फूल ही फूल संग
फूल ही फूल संग
Neeraj Kumar Agarwal
किसी से कभी नहीं ,
किसी से कभी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
राधेश्यामी छंद‌ (मत्त सवैया ) विधान (सउदाहरण )
राधेश्यामी छंद‌ (मत्त सवैया ) विधान (सउदाहरण )
Subhash Singhai
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
Swami Ganganiya
3312.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3312.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
विधा-कविता
विधा-कविता
Vibha Jain
"मेरी उड़ान "
DrLakshman Jha Parimal
रिसर्च
रिसर्च
Rambali Mishra
*नारी (राधेश्यामी छंद)*
*नारी (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
मस्ती का त्योहार है,
मस्ती का त्योहार है,
sushil sarna
सब भूल गए भूल जाने दो
सब भूल गए भूल जाने दो
Ranjeet kumar patre
Millions of people have decided not to be sensitive. They ha
Millions of people have decided not to be sensitive. They ha
पूर्वार्थ
हमारे जैसों की समाधि के चौरे पर कोई आकर सुवासित पुष्प क्यों
हमारे जैसों की समाधि के चौरे पर कोई आकर सुवासित पुष्प क्यों
इशरत हिदायत ख़ान
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
VINOD CHAUHAN
आइने को कोसकर, व्यर्थ दे रहे तूल.
आइने को कोसकर, व्यर्थ दे रहे तूल.
RAMESH SHARMA
दिल ये इज़हार कहां करता है
दिल ये इज़हार कहां करता है
Surinder blackpen
- बस एक बार मुस्कुरा दो -
- बस एक बार मुस्कुरा दो -
bharat gehlot
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना.....
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना.....
ओसमणी साहू 'ओश'
जीवन की धूप-छांव हैं जिन्दगी
जीवन की धूप-छांव हैं जिन्दगी
Pratibha Pandey
बेहद मामूली सा
बेहद मामूली सा
हिमांशु Kulshrestha
होली मुबारक
होली मुबारक
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शु
शु
*प्रणय प्रभात*
बस उसके लिए ही जिंदा हूं
बस उसके लिए ही जिंदा हूं
शिव प्रताप लोधी
किसान कविता
किसान कविता
OM PRAKASH MEENA
" महत्वाकांक्षा "
Dr. Kishan tandon kranti
बंदर का खेल!
बंदर का खेल!
कविता झा ‘गीत’
Loading...