Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Ranjeet kumar patre
14 Followers
Follow
Report this post
14 Jan 2024 · 1 min read
सब भूल गए भूल जाने दो
सब भूल गए भूल जाने दो
वो सब फिर वापस आएंगे
बस मतलब के दिन आने दो l
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 191 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
सन्तुलित मन के समान कोई तप नहीं है, और सन्तुष्टि के समान कोई
ललकार भारद्वाज
आदतें
Sanjay ' शून्य'
औरत
Shweta Soni
"सबूत"
Dr. Kishan tandon kranti
वो जो करीब थे "क़रीब" आए कब..
Priya Maithil
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
3937.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
😊सुप्रभातम😊
*प्रणय*
समझदार बेवकूफ़
Shyam Sundar Subramanian
सांवले मोहन को मेरे वो मोहन, देख लें ना इक दफ़ा
The_dk_poetry
मेरी ख़्वाहिश ने मुझ को लूटा है
Dr fauzia Naseem shad
पुराना भूलने के लिए नया लिखना पड़ता है
Seema gupta,Alwar
प्रेम एकता भाईचारा, अपने लक्ष्य महान हैँ (मुक्तक)
Ravi Prakash
बुढापे की लाठी
Suryakant Dwivedi
मैं धर्मपुत्र और मेरी गौ माँ
Dr MusafiR BaithA
सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें?
Sudhir srivastava
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बलमू तऽ भइलें जुआरी
आकाश महेशपुरी
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
Ajit Kumar "Karn"
" हुई हृदय झंकार "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
फूल
Punam Pande
आत्महत्या के पहले
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
शराब का इतिहास
कवि आलम सिंह गुर्जर
दीवाली की रात आयी
Sarfaraz Ahmed Aasee
शायरी
Rambali Mishra
आग लगाना सीखिए ,
manisha
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
SURYA PRAKASH SHARMA
श्याम लिख दूं
Mamta Rani
परिवार की चिंता,
Ranjeet kumar patre
जवानी
Rahul Singh
Loading...