देर रात तक सदन चलना उन सबकी “समझ से परे” है, जिनके लिए आधी र

देर रात तक सदन चलना उन सबकी “समझ से परे” है, जिनके लिए आधी रात को कोर्ट खुलवाना कतई “समझ से परे” नहीं था। ग़ज़ब का दोगलापन।।
☺️प्रणय प्रभात☺️
देर रात तक सदन चलना उन सबकी “समझ से परे” है, जिनके लिए आधी रात को कोर्ट खुलवाना कतई “समझ से परे” नहीं था। ग़ज़ब का दोगलापन।।
☺️प्रणय प्रभात☺️