धुंधली सी नजर आती है, आईने में तस्वीर तो क्या।

धुंधली सी नजर आती है, आईने में तस्वीर तो क्या।
खुद से भी नजर मिलाने की, जुर्रत नहीं करता।
मुस्कुराता हुं कि अहसास न हो, उनको रुस्वाई का।
आईना साफ करने की मैं, हिम्मत नहीं करता।
तमन्नाओं का गला घोंट दिया, हाथों मैने अपने।
जो उनकी थी तमन्ना, बस वो ही है अब करना।
श्याम सांवरा…..