आंसू भरी आंखें, सूखा गला, मुस्कुराहट विहीन चेहरा, जुबान पर ए

आंसू भरी आंखें, सूखा गला, मुस्कुराहट विहीन चेहरा, जुबान पर एकदम सन्नाटा, होंठ चुप, दिमाग पर बहुत दबाव, सब कुछ ऐसा लग रहा है जैसे कोई बड़ी विपत्ति आने वाली है, विचार दिल को मार रहे हैं, बेचैनी का एहसास। पता नहीं हम किस विपत्ति से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। लोगों के बीच अकेलापन महसूस हो रहा है, सड़कों पर चलते समय सब कुछ निष्क्रिय सा दिखाई दे रहा है और कुछ भी हिलता-डुलता नहीं है। जिंदगी कहां जा रही है और आगे क्या होने वाला है। यह सिर्फ मैं ही नहीं हर कोई महसूस कर रहा है। कब यह बीत जाएगा, कब मैं अवसाद के दौर में आऊंगा। कब मेरी आत्मा जिम्मेदारियों के बोझ पर विचार किए बिना स्वतंत्र रूप से उड़ान भरेगी। मैं रोजाना की लड़ाई लड़ते-लड़ते थक गया हूं। महाभारत के दौरान आपने अर्जुन को जीवन की शिक्षा दी और उसकी मदद की, लेकिन इस बार हमारी रक्षा कौन करेगा, कृपया भगवान हमारे आशीर्वाद के बारे में सोचें अन्यथा हम सब कुछ खो देंगे, कृपया भगवान हमें इतनी शक्ति दें कि हम टिक सकें, अपने मूड और भावनाओं को नियंत्रित कर सकें और उन्हें एक ही लक्ष्य पर केंद्रित कर सकें, कृपया भगवान हम पर अपना प्यार बरसाएं और हमारे दिमाग से सभी नकारात्मक विचारों को मिटा दें। कृपया मेरी सभी गलत दिशा पर नियंत्रण रखें और मुझे सही शिक्षा दें।….😑😑