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25 Mar 2025 · 1 min read

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#दोहै_का_मर्म-
■ सर्वोपरि है “धैर्य…।”
पूज्य गोस्वामी तुलसीदास जी ने आपदा-काल में जिन्हें परखने की शिक्षा दी है, उनमें सबसे ऊपर “धैर्य” अर्थात “धीरज” है। यदि आप अपने धैर्य की परख में सफल हो जाते हैं तो कोई भी परिस्थिति आपको कभी विचलित नहीं कर सकती। गोस्वामी जी जी कृत चौपाई है-
“धीरज, धरम, मित्र अरु नारी।
आफत-काल परखिए चारी।।”
मैंने स्वयं इस चौपाई की कसौटी पर स्वयं को परखा और 75 प्रतिशत अर्थात तीन चौथाई सफल भी रहा। धीरज, धर्म और नारी (धर्मपत्नी) के कारण। वो भी साधारण नहीं, घोर आपदाकाल में। एकाध नहीं पूरे 5 साल। जय सियाराम।।
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■प्रणय प्रभात■
-सम्पादक-
न्यूज़&व्यूज (मप्र)

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