एक अर्से से पहले जैसी मुझे नींद नहीं आयीं

एक अर्से से पहले जैसी मुझे नींद नहीं आयीं
ए नींद मुझे अपनी आगोश में ले ले
बचपन की तरह थपकियाँ दे दे के सुला दे
लोरी मुझे फिर से कोई आके सुना दे…….
मैं सो जाऊँ तो तो फिर मेरे ख्वाबों को जगा दे
ए नींद मुझे अपनी आगोश में ले ले
ऐसी कोई रात हो जो जल्दी सुला दे
झोंका हो कोई ऐसा जो नशा इसका
बढ़ा दे
करते रहे बाते सब और सुनते सुनते ए
नींद हमें खुद में समा ले
ए नींद मुझे अपनी आगोश में ले ले
कहते है जहाँ में किस किस को
याद कीजिए किस किस को रोय ये
आराम बढ़ी चीज है मुह डक के सोये ये
घोड़े बेच के सोने की वही नींद दिला दे
ए नींद मुझे अपनों आगोश में ले ले
एक अर्से से मुझे पहले जैसी नींद नहीं आयीं……….🌹🌹🌹❤️ShabinaZ