नववर्ष की नई सुबह में

नववर्ष की नई सुबह में,
मैंने भगवान से चाहा है कि—————,
वह हमेशा तुम्हें खुश रखें,
तुम्हारे सब सपनें साकार करें,
और हमेशा तुम प्रेमवर्षा करें।
नववर्ष की नई सुबह में,
मेरी प्रार्थना है कि————–,
पुरानी कोई रंजिश हो तो,
वह खत्म हो जाये,
और फिर से बनें नये रिश्तें,
प्रेम की डोर से जुड़े हुए।
नववर्ष की नवकिरण में,
मैंने यह कृति रची कि————,
तू मेरी हर खुशी है,
मुझको तुमसे बहुत उम्मीद है,
तू ही मेरे जीवन का सपना है,
मुझसे कभी धोखा मत करना,
और मुझसे कभी नाराज होकर,
तू मुझको अकेला मत करना,
हाँ,यही वादा तू मुझसे करना,
और भगवान से यही प्रार्थना करना।
नववर्ष की नई रोशनी में,
मुझको यही चाहिए कि—————।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)