Dear Mrs

डियर मिसेज
तुम कब समझदार बनोगी?
इस घर में ब्याह के आई हो
कब घरवालों के लिए ज़िम्मेदार बनोगी
डियर मिसेज
तुम कब समझदार बनोगी?
कर्तव्य है तुम्हारा
सुबह सबसे पहले उठना
चमकता दमकता रखो
घर का हर कोना
रसोई कर्मभूमि है तुम्हारी
रखो करीने से चीजें सारी
जूठे बर्तनों का अंबार ना लगे
हर पकवान सलीके से बने
पुलाव और बिरयानी का
शिकंजी और नींबू पानी का
अब तो फर्क समझो
व्रत वैज्ञानिक होते है, जरूर रखो
बाहर जाकर, काम करूं
ये ख्याल फिर फिर क्यों आता है
अरे बेटा, डांस तो शौक है
शौक को रोजगार कौन बनाता है
मेरे ख्वाब, मेरी इच्छाएं
अब ये किस्से रहने दो
जब मां को नहीं समझा सकी
तो हमसे क्यों उम्मीदें है लगी
हम भी आशावादी हैं
टोकते है, पर मृदुभाषी है
इस घर में रहना है
तो यही सब करोगी
यहां कुछ नहीं बदलने वाला
आप ही खुद को बदलोगी
डियर मिसेज
तुम कब समझदार बनोगी?
चित्रा बिष्ट