रामपुर की होली 2025 (संस्मरण)

रामपुर की होली 2025 (संस्मरण)
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अध्याय 1)
होली का हवन
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आजादी मिलने के बाद 1948 में पहली बार कूॅंचा परमेश्वरी दास, बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर में होली का हवन शुरू हुआ था। अभी तक लगातार चल रहा है।
इस वर्ष भी 13 मार्च 2025 बृहस्पतिवार को रात्रि 6:30 बजे हवन का आयोजन किया गया। गत वर्षो की भांति आदरणीय पंडित श्री विष्णु जी ने हवन कराया। बच्चे और बड़े सबने उत्साह से भाग लिया। अंत में हलवे का प्रसाद वितरण हुआ।
रवि प्रकाश ने कुंभमय होली शीर्षक से एक कविता भी सुनाई।
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अध्याय 2)
मिस्टन गंज की होली
रामपुर शहर का हृदय मिस्टन गंज है। एक तरफ सड़क सर्राफा बाजार जच्चा बच्चा केंद्र से होती हुई रजा लाइब्रेरी की ओर चली जाती है। दूसरी सड़क अग्रवाल धर्मशाला की ओर जाती है। तीसरी सड़क बाजार नसरुल्ला खॉं से जाकर मिल जाती है। चौथी सड़क कब राजद्वारा रोड कहलाने लगे, पता ही नहीं चलता। यह सीधे गांधी समाधि से गुजरती हुई रेलवे स्टेशन पर जाती है।
14 मार्च 2025 शुक्रवार को मिस्टन गंज में होली के रंगों का अच्छा माहौल रहा। आसपास के गली मोहल्ले से अच्छी खासी भीड़ का जमावड़ा चौराहे पर रंग के समय लगा रहा। पुलिस अधीक्षक की गाड़ियों का काफिला भी इधर से गुजरा। कुछ देर रुका। पुलिस वालों से हाल-चाल पूछा। मिस्टन गंज के चौराहे पर जहां लोग होली खेल रहे थे, वहीं रंगों की बिक्री की व्यवस्था भी एक ठेले पर निजी रूप से की गई थी। टोलियॉं आती थीं और अपनी-अपनी रुचि के अनुसार रंग बिखेर कर आगे बढ़ जाती थीं। किसी का सफेद रंग का धुआं था, तो कोई लाल-पीले गुलाल से मस्ती कर रहा था। पिचकरियॉं भी चल रही थीं। मकानों के छज्जों के ऊपर से बाल्टी और लोटे से राहगीरों पर रंग उडेलने का क्रम भी चल रहा था। यह वही राहगीर थे, जो पहले से ही रॅंगे होते थे। कुछ बच्चों ने पानी भी बाल्टी से फेंका। अच्छा लगा। चौराहे से होकर कारें भी गुजरती हैं। उन पर रंग फेंकना आम बात है। लोग रंग फेंकने के तुरंत बाद कार को रास्ता दे रहे थे।
मिस्टन गंज से लगे हुए गली-मोहल्लों में कुछ विशेष रंग के इंतजाम थे। कूॅंचा परमेश्वरी दास, बाजार सर्राफा में मोहल्ले वासियों ने जलपान का प्रबंध किया था। श्री राधा रानी फैंसी ज्वेलर्स प्रतिष्ठान परिवार की मुख्य भूमिका रही। महिलाओं ने गीत भी गाए। नृत्य भी हुए।
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अध्याय 3)
🍂 किले के मैदान में होली मेला🍂
दिनांक 14 मार्च 2025 शुक्रवार
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आजादी के बाद स्वतंत्रता सेनानी श्री शांति शरण जी ने किले के मैदान में होली मिलन समारोह की शुरुआत की थी। तब से आज तक विभिन्न संस्थाओं और संगठनों के बैनर तले विभिन्न पंडाल लगाए जाते हैं और दिनों-दिन किले के मैदान का मेला होली की शुभकामनाओं के आदान-प्रदान का केंद्र बना हुआ है।
प्रायः सभी राजनेता, अधिकारी तथा छोटे-बड़े जनता के सभी वर्ग के लोग यहां आते हैं। विगत कुछ वर्षों में श्री प्रेम खत्री की भजन संध्या भी हुई, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया था। इस बार भजन संध्या तो नहीं थी लेकिन डेक पर गाने चल रहे थे। मगर इसमें वह बात कहां ?
जब हम किले से वापस आ रहे थे तो मैदान के गेट पर ही मंडलायुक्त महोदय श्री आंजनेय कुमार सिंह जी से हमने नमस्ते की। उनका उत्तर था: “रवि प्रकाश जी कैसे हैं आप ?”
मुझे सुखद आश्चर्य हुआ कि कमिश्नर साहब से ज्यादातर किसी प्रसंगवश ही मेरा मिलना हुआ है, फिर भी उन्हें नाम याद है। उनकी अद्वितीय स्मरण शक्ति को प्रणाम!
विधायक श्री आकाश सक्सेना जी, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री श्री बलदेव औलख जी, श्री सूर्य प्रकाश पाल आदि शीर्षस्थ व्यक्तियों से भी होली मिलने का अवसर मिला। सबसे बड़ा सौभाग्य यह देखने में आया कि महिलाओं का भी एक स्टाल होली मैदान में लगना शुरू हो गया है। सर्व वैश्य एकता सभा की अग्रणी महिलाओं ने न केवल स्टाल लगाया अपितु उस पर सारे समय उपस्थित रहकर मेले को जीवंतता प्रदान की। मैं एक बार मेला घूम कर वापस आ चुका था। मेरी पत्नी श्रीमती मंजुल रानी जी ने मुझसे पूछा कि क्या किले के मैदान में महिलाएं भी हैं ? मैंने कहा कि केवल महिलाएं उपस्थित ही नहीं हैं, उनका स्टाल भी मौजूद है। एक ग्रुप फोटो महिला सशक्तीकरण की दृष्टि से हमने किले के मैदान में महिलाओं का खींच लिया। इस चित्र के मध्य में हमारी पत्नी श्रीमती मंजुल रानी जी तथा हमारी पौत्री अद्विका अग्रवाल सरलता से देखी जा सकती हैं।
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रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451